एमपी हाई कोर्ट का पति को अनूठा आदेश: एक महीने ससुराल में घर-जमाई बनकर रहो, फिर करेंगे सुनवाई

एमपी हाई कोर्ट का पति को अनूठा आदेश: एक महीने ससुराल में घर-जमाई बनकर रहो, फिर करेंगे सुनवाई

प्रेषित समय :13:30:14 PM / Sun, Feb 27th, 2022

ग्वालियर. एमपी हाई कोर्ट ने पति-पत्नी के विवाद में एक अनूठा आदेश दिया है. बच्चे को अपने पास रख पत्नी को घर से निकालने वाले पति को हाई कोर्ट ने एक महीने तक घर जमाई बनकर ससुराल में रहने का आदेश दिया है. साथ ही ससुराल वालों से कहा- अपने दामाद का बेहतर ख्याल रखना. बेटी का घर बच जाएगा.

गौरतलब है कि मुरैना निवासी पति ने 2 साल के बच्चे को अपने पास रखकर पत्नी को घर से निकाल दिया था. पत्नी ने बच्चे की कस्टडी पाने के लिए हाई कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल की थी. इस मामले की सुनवाई के दौरान पति हाजिर हुआ. हाई कोर्ट में पति ने पत्नी के आरोपों को गलत बताते हुए खुद पत्नी द्वारा घर छोड़कर जाने की बात कही. पति-पति दोनों ने अपने-अपने ससुराल वालों पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया. उस पर हाई कोर्ट ने कहा- पति महीनेभर ससुराल में जाकर रहे, तब सुनवाई करेंगे.

बता दें, ग्वालियर के सेवा नगर इलाके में रहने वाली गीता रजक की शादी मुरैना निवासी गणेश रजक के साथ हुई थी. शादी के बाद सब कुछ ठीक-ठाक था और दोनों को एक बेटा भी हुआ. लेकिन, फिर परिस्थितियां बिगड़ने लगीं. कुछ समय पहले गीता को गणेश और उसके परिवार वालों ने घर से बेदखल कर दिया और बेटे को अपने पास ही रख लिया. पति ने बच्चे को नहीं दिया तो, गीता हाई कोर्ट चली गई थी. पति गणेश ने हाई कोर्ट में कहा- गीता खुद घर छोड़ कर गई है. वो तो पत्नी को साथ रखना चाहता है.

हाई कोर्ट ने पति-पत्नी की बात सुनी. दोनों ने एक-दूसरे पर जमकर आरोप लगाए. सबकुछ सुनने के बाद आखिर में हाई कोर्ट ने इस मामले में अनूठा आदेश दिया. हाई कोर्ट ने पति गणेश से कहा- बेटे को पत्नी के पास ले जाओ. एक महीने तक ससुराल में जाकर रहो, फिर इस मामले की सुनवाई करेंगे. हाई कोर्ट का आदेश सुनकर पति ने इसका पालन करने की शपथ ली.

हाई कोर्ट ने गीता के परिजनों को भी दामाद के साथ बेहतर बर्ताव करने की हिदायत दी. हाई कोर्ट ने कहा कि दामाद का अच्छे से ख्याल रखो, बेटी का घर टूटने से बच जाएगा. बाप-बेटे बिछुड़ने से बच जाएंगे, नहीं तो बेटी, दामाद और 2 साल के बच्चे का जीवन खराब हो जाएगा. हाई कोर्ट का आदेश और नसीहत सुनने के बाद गीता के माता-पिता ने अपने दामाद गणेश को प्रेम और सम्मान के साथ घर में रखने का भरोसा दिलाया. माता-पिता ने कहा कि हम चाहते हैं कि एक महीने में सबकुछ बेहतर हो जाए तो बेटी-दामाद एक साथ रहने लगे जाएं. आदेश देने के बाद हाई कोर्ट ने कहा कि एक महीने के बर्ताव के बाद मामले को सुनेंगे.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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