NCR से बाहर करें हरियाणा के इलाके: सरकार ने कहा- फायदे से ज्यादा हमारा नुकसान

NCR से बाहर करें हरियाणा के इलाके: सरकार ने कहा- फायदे से ज्यादा हमारा नुकसान

प्रेषित समय :10:45:58 AM / Mon, Feb 28th, 2022

गुरुग्राम. हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से अपना एक तिहाई हिस्सा हटाने की मांग की है. इसे लेकर NCR योजना बोर्ड को पत्र लिखा है. मनोहर लाल खट्टर सरकार ने इसके पीछे दलील देते हुए कहा कि यह हमें लाभ पहुंचाने की बजाय नुकसान दे रहा है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि योजना बोर्ड ने हरियाणा के इस अनुरोध को स्वीकार भी कर लिया है.

सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि वे मंगलवार को होने वाली एनसीआर योजना बोर्ड की अगली बैठक में केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के राज्यमंत्री हरदीप पुरी के सामने भी इस मामले को उठाएंगे. NCR में अपने हिस्से में कटौती की मांग को लेकर मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पर शहरीकरण के बोझ को कम करने के लिए एनसीआर का विस्तार किया गया था.

इसलिए यह निर्णय लिया गया था कि दिल्ली के आसपास के इलाकों में भी उसी तरह की सुविधाएं और बुनियादे ढ़ांचे विकसित किए जाएंगे. समय के साथ एनसीआर का क्षेत्र बढ़ता रहा. जिससे विकास के साथ ही इसके कई दुष्परिणाम भी सामने आए हैं. रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि उदाहरण के तौर पर जब राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण कोई प्रतिबंध या अंकुश लगाता है. चाहे वह प्रदूषण या निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध को लेकर हो तो इससे हरियाणा का करीब 57% हिस्सा प्रभावित होता है. इसलिए हरियाणा के कई इलाकों को एनसीआर से बाहर किए जाने पर एक बड़ी आबादी इस तरह के प्रतिबंधों से मुक्त रहेगी.

वर्तमान में हरियाणा के कुल 22 जिलों में से 14 जिले एनसीआर में आते हैं. इसमें करनाल, जींद, महेंद्रगढ़, भिवानी, पलवल, चरखी दादरी, गुड़गांव, फरीदाबाद, झज्जर, रेवाड़ी, सोनीपत, पानीपत, रोहतक और नूंह शामिल हैं. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का सिर्फ 2.69 प्रतिशत हिस्सा ही दिल्ली में आता है, जबकि 45.98 प्रतिशत हिस्सा हरियाणा में आता है. वहीं जबकि 26.92 प्रतिशत हिस्सा उत्तर प्रदेश में है और 24.41 प्रतिशत राजस्थान में है. उत्तर प्रदेश के आठ जिले और राजस्थान के दो जिले एनसीआर में हैं.

अगर केंद्र सरकार हरियाणा सरकार की इस मांग को मान लेती है कई जिलों के कुछ ही हिस्से एनसीआर में आएंगे. जैसे उदाहरण के तौर पर वर्तमान में पूरा करनाल जिला एनसीआर में आता है लेकिन अगर हरियाणा के एनसीआर वाले हिस्से में कटौती होती है तो सिर्फ घरौंदा तहसील ही एनसीआर में आएगा. करनाल जिले का बाकी हिस्सा एनसीआर से मुक्त हो जाएगा.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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