इंदौर. व्यापारियों के विरोध और मुख्यमंत्री की नाराजगी के बाद सेंट्रल कोतवाली के सिस्टम में सुधार का पहला आदेश सोमवार को जारी हुआ. वहां पदस्थ पांच पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया है. इनमें एक उप निरीक्षक, दो प्रधान आरक्षक और दो आरक्षक शामिल हैं. प्रारंभिक जांच में साबित हुआ कि इन पुलिसकर्मियों ने नियमों के विपरीत जाकर सियागंज में दुकानों पर जाकर जांच के नाम पर कालीमिर्च के नमूने लिए थे.
शुक्रवार को सियागंज के व्यापारियों ने सेंट्रल कोतवाली पहुंचकर पुलिसकर्मियों द्वारा दुकान पर आकर अकारण धमकाने और दबाव बनाने की शिकायत की थी. प्रभारी पुलिस आयुक्त मनीष कपूरिया ने मामले की जांच अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त राजेश रघुवंशी को सौंपी. प्रारंभिक जांच के आधार पर सेंट्रल कोतवाली में पदस्थ उप निरीक्षक राम शाक्य, प्रधान आरक्षक योगेंद्र बाबा, प्रधान आरक्षक संजय पांडे के साथ आरक्षक रितेश पाटीदार और अमित जाट पर कार्रवाई की गई. पांचों को लाइन हाजिर कर दिया गया.
व्यापारियों की शिकायत की जांच कर रहे राजेश रघुवंशी ने घटनाक्रम पर क्षेत्र के व्यापारियों के बयान के आधार पर छानबीन शुरू की थी. इसमें पता चला कि पुलिसर्मी बिना प्रक्रिया का पालन किए सियागंज की दुकान पर पहुंचे थे. मिलावट की शिकायत पर गोदाम की जांच की बात तो कही, साथ ही आरक्षकों ने दुकानदार के यहां से कालीमिर्च के नमूने भी लिए थे. उसी दौरान दुकान पर मौजूद दो व्यापारियों को भी घंटों तक थाने मेें बैठाए रखा था. दुकानों से नमूने लेना और मिलावट की जांच करने का अधिकार पुलिस के दायरे में नहीं आता.
प्रारंभिक तौर पर प्रक्रिया के उल्लंघन का दोषी मानते हुए पांचों पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर करने का आदेश प्रभारी पुलिस आयुक्त ने जारी कर दिया. पूरे मामले में व्यापारियों की अगुवाई कर रहे दि सियागंज होलसेल किराना मर्चेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश खंडेलवाल का कहना है कि हमें भी खबर मिली है कि कुछ पुलिसकर्मियों को थाने से हटाया गया है. हमसे किसी तरह की पूछताछ नहीं की गई. पुलिस अधिकारियों ने ही अपने स्तर पर जांच कर कार्रवाई की होगी.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-एमपी के उज्जैन में युवक के गुप्तांग में कम्प्रेसर से हवा भरकर हत्या का प्रयास, हालत गंभीर
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