हिसार. हिसार के आर्यनगर की बेटी एवं भिवानी के खंड सिवानी के गाँव बड़वा निवासी युवा लेखिका 'प्रियंका सौरभ' की तीन पुस्तकें एक साथ प्रकाशित हुई है. जिनमें सामाजिक एवं राजनैतिक जीवन के कटु यथार्थ को व्यंजित करती 'दीमक लगे गुलाब', आधुनिक नारी की समस्याओं से रूबरू करवाती 'निर्भयाएं' एक निबंध संग्रह शामिल है. इन दोनों पुस्तकों के अलावा नारी के हर क्षेत्र में बढ़ते क़दमों पर आधारित अंग्रेजी की पुस्तक 'द फीयरलेस' शामिल है.
युवा लेखिका प्रियंका 'सौरभ' नारी समस्याओं पर लगातार लिखती रही है. प्रकाशित पुस्तकों में प्रियंका सौरभ ने आधुनिक नारी की वर्तमान समस्याओं को रखा है, जो वर्तमान में उसके जीवन को कहीं न कहीं प्रभावित कर रही हैं. प्रियंका सौरभ का जन्म आर्यनगर, हिसार, हरियाणा में हुआ. इनके पिता सुमेर सिंह उब्बा एक कानूनगो है वही माता रौशनी देवी गृहणी है. बचपन से इन्हे लेखन एवं पढ़ने का शौक रहा है.
इन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गाँव आर्यनगर से प्राप्त की. इसके बाद इन्होंने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर एवं एमफील की शिक्षा प्राप्त की. साहित्य में इनकी रुचि बचपन से ही रही है. शिक्षा के साथ इन्होंने अपनी साहित्यिक रुचि को नही छोड़ा. और अपना लेखन कार्य जारी रखा. इन्हें कविता लेखन के साथ सम्पादकीय लेखन का शौक भी है. आये रोज इनके सम्पदकीय लेख देश भर के अखबारों में विभिन्न भाषाओँ में छपते है. इनका विवाह भिवानी के गाँव बड़वा के युवा कवि सत्यवान 'सौरभ' से हुआ है जो खुद अपनी साहित्यिक जगत में एक विशेष पहचान रखते हैं. प्रियंका सौरभ ने पिछले 10 सालों से सामाजिक कार्यों और जागरूकता से जुडी कई संस्थाओं और संगठनों में अलग-अलग पदों पर सेवा की है और 2021 में इन्हे आईoपीoएसo मनुमुक्त ‘मानव’ राष्ट्रीय युवा पुरस्कार से नवाजा गया.
अपनी तीनों पुस्तकों के प्रकाशन का आधार प्रियंका ने कोरोना काल के समय का सद्पयोग बताया. इस दौरान इनको अपने रचनात्मक स्तर को उठाने का मौका मिला. परिणामस्वरूप इनकी तीन पुस्तकें एक साथ साहित्य जगत में आई है. प्रियंका की इस विशेष उपलब्धि पर पूर्व चेयरमैन रमेश वर्मा, राजेश केडिया, मास्टर मोहन लाल, मोनिका अनूप सिंह, रेनू सिरोया, डॉ रामनिवास मानव, सत्यपाल शर्मा, बिदामो देवी आकाशवाणी उद्धघोषिका, डॉ मोनिका जयसिंह गैदर, राजबाला सुनील कुमार, रामस्वरूप घोड़ेला, मास्टर राजबीर सिंह बेनीवाल, भाजपा के मंडल अध्यक्ष, प्रिंसिपल सूबे सिंह उब्बा, संदीप भाटीवाल,लालसिंह लालू, डॉ नोकराम बसवाला, डॉ प्रताप सिंह, दलबीर सिंह, उद्यभान गोदारा, महेन्दर सिंह लखेरा, कुलदीप सिंह, सुरेश कुमार, संतोष घोड़ेला, कवयित्री राजबाला, डॉ पूनम, राजेंदर जांगड़ा, सुनील अधिवक्ता आदि ने बधाई दी है.
('दीमक लगे गुलाब' और 'निर्भयाएं' हिंदी में और 'द फीयरलेस' अंग्रेजी में लिखी पुस्तकें अमेज़न, फ्लिपकार्ट व अन्य प्लेटफार्म पर है उपलब्ध)
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-धार्मिक पुस्तकों की बिक्री में गीताप्रेस ने 5 महीनों के अंदर तोड़ा 98 साल का रिकॉर्ड
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