केंद्र सरकार ने यूक्रेन से लौटे स्टूडेंट्स को दी बड़ी राहत, एनएमसी ने बदला नियम, देश में कर सकेंगे इंटर्नशिप, नहीं लगेगी फीस

केंद्र सरकार ने यूक्रेन से लौटे स्टूडेंट्स को दी बड़ी राहत, एनएमसी ने बदला नियम, देश में कर सकेंगे इंटर्नशिप, नहीं लगेगी फीस

प्रेषित समय :17:10:56 PM / Sat, Mar 5th, 2022

नई दिल्ली. यूक्रेन में चल रहे युद्ध में केवल यूक्रेन के ही नहीं, बल्कि भारतीय स्टूडेंट्स का भी भविष्य उलट-पलट हो गया है. ऐसे में यूक्रेन में अपनी मेडिकल की पढ़ाई बीच में छोड़कर भारत लौट रहे स्टूडेंट्स के लिए नेशनल मेडिकल कमीशन ने बड़ी राहत दी है. कमीशन ने कहा है कि जिन मेडिकल स्टूडेंट्स की डिग्री पूरी हो चुकी है, उन्हें भारत में इंटर्नशिप करने का मौका मिलेगा. विदेश से पढ़कर आने वाले छात्रों के लिए इंटर्नशिप की 7.5 प्रतिशत सीटें भी तय की गईं हैं.

इंटर्नशिप के लिए फीस नहीं, एग्जाम देना होगा

नेशनल मेडिकल कमीशन ने बताया कि यूक्रेन से लौटे स्टूडेंट्स को अपनी बीच में छूटी हुई इंटर्नशिप को पुरा करने का मौका दे रहें हैं. अब तक केवल दिल्ली में इंटर्नशिप फीस नहीं देनी पड़ती थी. लेकिन अब किसी भी राज्य में फीस नहीं देनी होगी. अप्लाई करने वाले स्टूडेंट्स को इंटर्नशिप पूरी करने के लिए पहले फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट (एफएमजीई) स्क्रीनिंग टेस्ट पास करना होगा.

क्या है एफएमजीई?

किसी भी भारतीय स्टूडेंट्स ने विदेश के मेडिकल कॉलेज से प्राइमरी मेडिकल क्वालिफेकशन प्राप्त की है और वो भारतीय मेडिकल काउंसिल से प्रोविजनल प्राप्त करना चाहता है, तो उसे फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट (एफएमजीई) स्क्रीनिंग टेस्ट क्लियर करना होगा. ये एग्जाम मल्टीपल च्वॉइस बेस्ड होते हैं. इसमें गलत जवाब देने पर नेगेटिव मार्किंग नहीं होती

2021 के तहत मेडिकल स्टूडेंट्स के लिए ये हैं नियम

मेडिकल स्टूडेंट्स के लिए नेशनल मेडिकल कमीशन के नियम 2021 के मुताबिक, भारत में रजिस्ट्रेशन के लिए मेडिकल के स्टूडेंट्स को दो बार इंटर्नशिप करनी होता है. पहले उस जगह जहां से उन्होंने एमबीबीएस की डिग्री ली हो और फिर भारत में आकर.

एमबीबीएस की डिग्री के लिए कई सालों से यूक्रेन जा रहे हैं भारतीय स्टूडेंट्स

यूक्रेन एमबीबीएस की डिग्री के लिए फेमस है. ज्यादातर भारतीय स्टूडेंट्स अपनी डिग्री के लिए यूक्रेन जाते रहे हैं. शिक्षा और विज्ञान मंत्रालय के मुताबिक, यूक्रेन में लगभग 18,000 भारतीय स्टूडेंट्स हैं. इनमें कई स्टूडेंट्स ऐसे हैं, जिन्हें अपनी आधी पढ़ाई छोड़ वहीं कुछ ऐसे भी हैं जिन्हें शुरुआती पढ़ाई छोड़ कर वापस आना पड़ रहा है. उन्हें नेशनल मेडिकल कमीशन भारत में मौका दे रहा है.

हालात को देखते हुए किया गया है नियम में बदलाव

फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट को लेकर नेशनल मेडिकल कमीशन के नियम काफी सख्त हैं. अभी तक ऐसा कोई नियम नहीं था, जो विदेश में पढ़ रहे मेडिकल स्टूडेंट्स को भारत आकर पढ़ाई पूरी करने की छूट देता हो, यहां तक कि किसी और देश या यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस पूरा करने पर भी समस्याएं थी. लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए भारत सरकार स्टूडेंट्स को छूट दे रही है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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