सहरसा. बिहार के सहरसा जिले के बसनही थाना क्षेत्र में पंचायत ने दो नाबालिग के इज्जत की कीमत तय कर दी और आरोपियों को छोड़ दिया. पंचायत प्रतिनिधियों ने स्थानीय थाने की मदद से तीनों आरोपियों को 63 हजार रुपए का जुर्माना सुना कर मामले को रफा-दफा कर दिया गया था. हालांकि पुलिस के वरीय अधिकारियों को इसकी जानकारी हुई तो एक आरोपी मो. सरफराज को शुक्रवार की रात को पॉक्सो एवं एससी-एसटी एक्ट के तहत गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया.
एक बच्ची रेप के बाद भागी
दरअसल, ये घटना महुआ उत्तरबाड़ी पंचायत के महादलित टोला वार्ड संख्या 3 में घटी. जहां 24 फरवरी को दो नाबालिग बच्चियों को अगवा कर मकई की खेत में ले जाकर सामूहिक दुष्कर्म किया गया. इसमें से एक बच्ची किसी तरह वहां से भागने में कामयाब रही. वो भागकर अपने ननिहाल चली गई. वहीं, दूसरी बच्ची के साथ दुष्कर्म करने के बाद अगले दिन दरिंदों ने उसे दूर ले जाकर रोड पर छोड़ दिया. जहां बाद में एक शिक्षक की नजर पड़ी तो वह उसे उसके घर ले गए.
तीन आरोपियों पर जुर्माना लगाया
बच्ची ने गांव के मो. सरफराज, मो. शमशाद, मो. हिराज और राजा कुमार दास पर पूरी रात दुष्कर्म करने का आरोप लगाया. इसके बाद 26 फरवरी को ग्रामीण ने पंचायत की बैठक की. स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों और ग्रामीणों में पंचायत में 3 आरोपितों में एक को 31 हजार, दूसरे को 21 और तीसरे को 11 हजार जुर्माना सुना कर मामले को रफा- दफा कर दिया. हालांकि तब तक ये खबर फैल चुकी थी.
विधायक ने सीएम से की शिकायत
सामाजिक संगठन सक्रिय हुए. इसके बाद वरीय पुलिस पदाधिकारियों के निर्देश पर मुख्यालय डीएसपी एजाज अहमद ने गांव जाकर घटना की जानकारी ली. इसके बाद सहरसा महिला थाना में दो मार्च को मामला दर्ज किया गया. वहीं, स्थानीय विधायक रत्ननेश सादा ने मुख्यमंत्री से बसनही थानाध्यक्ष द्वारा पहले मामला दर्ज नहीं करने और सहरसा में मामला दर्ज होने के बाद पीडि़त परिवार पर आरोपितों के पक्ष में न्यायालय में पीडि़ता का बयान दर्ज कराने के लिए दबाब बनाने की शिकायत की है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-अभिमनोजः बिहार में शराबबंदी! अच्छा प्रयास, लेकिन कामयाबी आसान नहीं?
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