नयी दिल्ली. दिल्ली हाई कोर्ट ने अवसाद एवं उन्माद से संबंधित विकार बायपोलर डिसआर्डर से पीडि़त महिला से बलात्कार करने के आरोपी को मिली जमानत रद्द कर दी है. उसने इस बहाने से महिला के साथ बलात्कार किया था कि उसके शरीर में कुत्ते की बुरी आत्मा घुस गई है, जिसे एक तांत्रिक निकालेगा.
न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता ने निचली अदालत की ओर से दी गई जमानत को रद्द करते हुए कहा कि आरोपी वहां पास में रहता है जहां पीडि़ता का आवास है और इस बात की आशंका है कि वह उसे धमका सकता है या प्रभावित कर सकता है.
पीडि़ता के पिता की ओर से जमानत आदेश को दी गई चुनौती पर सुनवाई कर रहीं न्यायाधीश ने आरोपी को निर्देश दिया कि वह एक सप्ताह के अंदर आत्मसमर्पण करे और कहा कि निचली अदालत के आदेश में गंभीर अवैधता है, क्योंकि मजिस्ट्रेट को दिए गए महिला के बयान, अपराध की गंभीरता और इस तथ्य को नजऱअंदाज़ किया गया है कि मुकदमे के लिए उसका बयान अभी दर्ज नहीं किया गया है.
हाई कोर्ट ने खारिज की जमानत
उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को पारित आदेश में कहा कि निचली अदालत के सात सितंबर 2021 के आदेश को रद्द किया जाता है और आरोपी को दी गई जमानत खारिज की जाती है. पीडि़ता 37 वर्षीय महिला है जो द्विध्रवीय विकार से पीडि़ता है और उसका तलाक हो चुका है. आरोपी उसे वैष्णों देवी के बजाए नैनीताल ले गया था और महिला को इस बात का यकीन दिलाने के लिए उसकी मांग में सिंदूर भर दिया था कि वे शादीशुदा है और उसके साथ संबंध बनाए थे.
निचली अदालत से मिल गई थी जमानत
आरोपी को ज़मानत देते हुए निचली अदालत ने कहा था कि द्विध्रुवीय विकार हमेशा मानसिक स्थिति को प्रभावित नहीं करता है और आरोपी और पीडि़ता की एक वीडियो से पहली नजर में लगता है कि महिला सचेत थी और कृत्य की प्रकृति से परिचित थी और वीडियो में दिख रहा है कि वह आरोपी के साथ खुद जा रही है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-दिल्ली में 25 साल से अधिक उम्र के लोग घर में रख सकते हैं 9 ली. शराब, 18 ली. बीयर: हाईकोर्ट
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