पलपल संवाददाता, जबलपुर/कटनी. मध्यप्रदेश के बरही जिला कटनी स्थित तहसील कार्यालय में आज उस वक्त हड़कम्प मच गया, जब जबलपुर लोकायुक्त की टीम ने तहसीलदार के रीडर उमेश कुमार निगम व पटवारी शिवप्रसाद पाठक को 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया. लोकायुक्त टीम को देखते ही क्र्लक ने रिश्वत के रुपए फेंक दिए थे.
लोकायुक्त टीम के अध्ािकारियों ने बताया कि मौलाना वार्ड क्रमांक दस तहसील बरही जिला कटनी निवासी दिलराज किशोर अग्रवाल उम्र 42 वर्ष ने एक जमीन बेची थी, उक्त जमीन बेचने के बाद खरीददार ने जो चेक दिए वे बाउंस हो गए थे, इस बीच खरीददार ने तहसील कार्यालय में नामातरंण के लिए आवेदन लगा दिया, इधर चेक बाउंस होने के कारण दिलराज ने तहसील कार्यालय पहुंचकर तहसीलदार के रीडर उमेश कुमार निगम व पटवारी शिवप्रसाद पाठक ने नामातरंण कार्यवाही रोकने के लिए आवेदन दिया. जिसपर क्र्लक उमेश कुमार व पटवारी शिवप्रसाद पाठक ने डेढ़ लाख रुपए रिश्वत की मांग कर दी, यहां तक कि रुपया न मिलने पर कहा जा रहा था कि नामातरंण कर दिया जाएगा.
पीडि़त दिलराज किशोर अग्रवाल ने जबलपुर में एसपी संजय साहू से शिकायत की, इसके बाद आज बरही स्थित तहसील कार्यालय पहुंचकर तहसीलदार के रीडर उमेश कुमार निगम को रिश्वत की पहली किश्त 50 हजार रुपए दी, तभी लोकायुक्त टीम के इंस्पेक्टर स्वप्निल दास, मंजू किरण तिर्की, कमल सिंह उईके, प्रधान आरक् राजेश पटेल, सोनू चौकसे, अमित मंडल, विजय बिष्ट, सुरेंद्र सिंह ठाकुर ने दबिश देकर पकड़ लिया, लोकायुक्त टीम को देखते ही रीडर उमेश कुमार निगम ने रिश्वत के 50 हजार रुपए फेंक दिए और विवाद करने पर उतारु हो गया, जिसे शांत कराते हुए हाथ धुलवाए तो रंग छूट गया.
इस मामले में पटवारी शिवप्रसाद पाठक भी शामिल रहे, वह भी इधर से उधर होने लगा. तहसील कार्यालय में रीडर व पटवारी के लोकायुक्त टीम के हत्थे चढऩे की खबर से आफिस में हड़कम्प मच गया, यहां तक कि कई कर्मचारी अपने अपने काम छोड़कर बाहर आ गए थे, जिनके बीच तरह तरह की चर्चाएं व्याप्त रही.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-पहचान बदली, अब इस नाम से जाना जाएगा मध्यप्रदेश का व्यापम
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