नई दिल्ली. कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले के बावजूद हिजाब विवाद थमा नहीं है. हाईकोर्ट से निराशा हाथ लगने के बाद अब याचिकार्ताओं ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की गई है. हिजाब विवाद के मामले में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए, कर्नाटक हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी गई है, जिसमें कहा गया है कि हिजाब इस्लाम में एक आवश्यक धार्मिक प्रथा नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका एक छात्रा निबा नाज की ओर से दाखिल की गई है. कुल मिलाकर इस विवाद के अभी और जोर पकडऩे की आशंका बढ़ गई है. इससे पहले इस मुद्दे पर कर्नाटक के कई जिलों में हिंसक झड़प और तनाव देखा गया था. उम्मीद थी कि हाईकोर्ट के फैसले के बाद शांति कायम होगी, लेकिन इसकी उम्मीद कम ही दिख रही है.
क्या था फैसला?
इससे पहले मंगलवार को हिजाब विवाद मामले में कर्नाटक हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया. कर्नाटक हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि इस्लाम में हिजाब पहनना अनिवार्य नहीं है. हाईकोर्ट ने कॉलेज की लड़कियों की ओर से दायर याचिका को खारिज कर दिया है. गौरतलब है कि इस फैसले के मद्देनजर कर्नाटक के कई जिलों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है, साथ ही बेंगलुरु में सार्वजनिक स्थानों पर किसी भी तरह के प्रदर्शन करने, आंदोलन, विरोध या समारोह पर पूरी तरह से बैन लगा दिया गया है. इसके अलावा हिजाब मामले में फैसला सुनाने वाले जज के घर पर भी सुरक्षा बढ़ा दी गई थी.
आपको बता दें कि उडुपी की लड़कियों द्वारा दायर एक याचिका पर 9 फरवरी को मुख्य न्यायाधीश ऋतुराज अवस्थी, न्यायमूर्ति कृष्णा एस दीक्षित और न्यायमूर्ति जेएम खाजी की हाई कोर्ट की पूर्ण पीठ का गठन किया गया था. लड़कियों ने याचिका दी थी कि उन्हें क्लास के अंदर भी हिजाब पहनने की अनुमति दी जानी चाहिए, क्योंकि यह उनके धर्म से जुड़ा हुआ मामला है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-दिल्ली: गोकुलपुरी इलाके की झुग्गी बस्ती में आग लगने से 7 की मौत, 60 से अधिक झुग्गियां खाक
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