नई दिल्ली. यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्र पिछले कुछ दिनों से खासे परेशान हैं. रूस और यूक्रेन के बीच जंग कब खत्म होगी और कब भारत के छात्र वहां दोबरा लौटेंगे इसको लेकर फिलहाल कुछ भी नहीं कहा जा सकता. लेकिन इस बीच वहां पढ़ाई करने वाले MBBS के छात्रों के लिए बड़ी राहत की खबर है. यूक्रेन की सरकार ने फाइनल ईयर के छात्रों को बिना एक परीक्षा के डिग्री देने का फैसला किया है.
यूक्रेन की सरकार ने लाइसेंसिंग एग्जाम को रद्द करने का फैसला किया है. अब बिना इस परीक्षा के ही छात्रों को MBBS की डिग्री मिल जाएगी. बता दें कि यूक्रेन में मेडिकल और फार्मेसी की पढ़ाई करने वाले छात्रों को दो एग्जाम अलग से पास करने होते हैं. इस परीक्षा को KROK-1 और KROK-2 का नाम दिया गया है. मेडिकल के छात्रों को तीसरे साल में KROK-1 की परीक्षा पास करनी होती है. जबकि आखिरी यानी चौथे साल में उन्हें KROK-2 में पास करना होता है. इसके बाद ही उन्हें फाइनल डिग्री दी जाती है.
यूक्रेन की सरकारी वेबसाइट पर अपलोड की गई नोटिफिकेशन के मुताबिक KROK-1 को अगले साल तक के लिए रद्द कर दिया गया है. जबकि KROK-2 को इस साल के लिए कैंसिल कर दिया गया है. पश्चिम बंगाल के एक छात्र सुधाज्योति सिंघा ने बताया कि ये स्टूडेंट्स के लिए बड़ी राहत की खबर है. उन्होंने अखबार को बताया, ‘बंगाल में कुलमिलाकर हमलोग 13 स्टूडेट्स है. राज्य सरकार ने हमें पहले ही सरकारी हॉस्पिटल में इंटरनशिप करवाने का वादा किया है.’
बता दें कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को संसद में चल रहे बजट सत्र के दौरान कहा था कि रूसी आक्रमण के बीच यूक्रेन से फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए सबसे चुनौतीपूर्ण काम पूरा हो गया है. केंद्र सरकार के ऑपरेशन गंगा के तहत 20,000 से अधिक भारतीय नागरिकों को बाहर निकाला. इनमें ज्यादातर छात्र थे.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-दूरदर्शन पर चलेंगी 9, 10 और इंटर की क्लासेस, एनिमेशन के जरिए होगी पढ़ाई
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