इस्लामाबाद. पाकिस्तान की इमरान खान सरकार पर संकट गहरा गया है. सोमवार को पाकिस्तान संसद में उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया. नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता शाहबाज शरीफ ने अविश्वास प्रस्ताव पर बहस की शुरुआत की. फिलहाल पाकिस्तानी संसद 31 मार्च तक के लिए स्थगित हो गई है. उसी दिन अविश्वास प्रस्ताव पर बहस और वोटिंग होगी और इमरान खान के भविष्य का पता चलेगा. उधर, इमरान खान ने हार की तमाम आशंकाओं के बावजूद पीछे हटने से इंकार कर दिया है, और अंतिम बॉल तक लडऩे का फैसला किया है. इमरान खान की सरकार गिराने के लिए 342 सदस्यों वाली नेशनल असेंबली में विपक्ष को 172 सदस्यों का समर्थन जुटाना होगा.
दूसरी तरफ, पाकिस्तान के सबसे बड़े सूबे पंजाब के मुख्यमंत्री के लिए भी मुसीबत पैदा हो गई है. विपक्षी दलों ने पंजाब के मुख्यमंत्री उस्मान बुजदार से भी इस्तीफे की मांग की है और पंजाब विधानसभा में उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश कर दिया है. केंद्र में सरकार बनाने में पंजाब को भूमिका को अहम माना जाता है. ऐसे में कई मोर्चों पर विफल इमरान खान अपनी कुर्सी बचाने में सफल होते हैं या नहीं यह देखना दिलचस्प होगा.
हार का मंडरा रहा है खतरा
मीडिया में आई खबरों के मुताबिक खुद इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ के कई नेता बागी हो गए हैं और विपक्ष के साथ खड़े हैं. विपक्षी नेताओं ने दावा किया है कि उनके पास इमरान खान की पार्टी के 20 बागी नेताओं का समर्थन हासिल है. संसद में इमरान खान के पास बहुमत से सिर्फ 12 विधायक अधिक हैं. अगर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान जरूरी समर्थन प्राप्त नहीं कर पाते हैं तो विपक्षी पीएमएल-एन के नेता शहबाज शरीफ की अगुवाई में सरकार बन सकती है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-पाकिस्तान में ओआईसी की बैठक में भारत को लेकर दिए बयान झूठ पर हैं आधारित: विदेश मंत्रालय
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