*2 अप्रैल 2022 से प्रथम नवरात्रि एवं हिंदु नववर्ष विक्रम संवत २०७९
सं० 2079 के इस नवरात्र में किसी भी तिथि की हानि या बृद्धि नहीं है. सभी तिथियाँ क्रमशः ही होंगी. इस प्रकार अन्तिम दिन 10/4/22 रविवार को मध्याह्न काल में रामनवमी पर्व मनाया जायेगा. यथाविधि भगवान राम की पूजा करके रामचरितमानस के बालकाण्ड की छन्द ' भये प्रगट कृपाला दीनदयाला...... अवश्य पढ़ें. इससे प्रभु की कृपा अवश्य प्राप्त होगी. सम्पूर्ण नवरात्र व्रत वाले इसी दिन हवन आदि कार्य भी सम्पन्न करेंगे.
व्रत का पारण 11/4/22 सोमवार को किसी भी समय हो सकता है.
अंक ज्योतिष के अनुसार जिस संवत् के सभी अंक जोड़ने
पर 9 आयें अथवा अन्त में 9 हो वह वर्ष साधना के लिए तो विशिष्ट होता ही है सफलता दायक भी होता है इस वर्ष तो दोनों प्राप्त हो रहे हैं.
2+0+7+9 = 18
1+8=9
जिन लोगों ने अभी तक नवरात्र उपासना नहीं प्रारंभ की है वे प्रारंभ कर सकते हैं.
संवत्सर के नाम पर पंचागों में अन्तर है किन्तु काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से प्रकाशित विश्व पंचाग जो सर्वाधिक प्रामाणिक गणना करने वाला पंचांग माना गया है उसके अनुसार
*" नल " नामक संवत्सर होगा.
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