नई दिल्ली: बढ़ती गर्मी के बीच बिजली सप्लाई के मसले पर राजधानी दिल्ली को हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दे दी है. दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार के उस फैसले पर रोक लगा दी है, जिसमें दादरी थर्मल स्टेशन-2 से पैदा होने वाली बिजली को दिल्ली से हरियाणा ट्रांसफर करने का निर्णय लिया गया था. इस तरह से हाईकोर्ट ने दिल्ली के लिए बिजली को हरियाणा की ओर डायवर्ट करने के फैसले पर रोक लगाकर राजधानी में तत्काल बिजली संकट को रोकने के लिए बड़ा कदम बढ़ाया है. बता दें कि केंद्र सरकार ने बुधवार को एनटीपीसी के दादरी-II पावर स्टेशन की पूरी 728 मेगावाट क्षमता 1 अप्रैल से हरियाणा को आवंटित करने का फैसला किया था.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा ने डिस्कॉम बीएसईएस की याचिका पर और दिल्ली सरकार की दलीलें सुनने के बाद यह फैसला लिया. उन्होंने कहा कि मामले पर विचार करने की आवश्यकता है. अदालत ने केंद्र के फैसले पर रोक लगाते हुए और 1 अप्रैल के लिए याचिका पर सुनवाई की तारीख तय की. दिल्ली हाईकोर्ट ने बीएसईएस राजधानी और यमुना के इस तर्क पर ध्यान दिया कि अगर इस मामले में उसे कोई अंतरिम राहत नहीं दी गई, तो अगले 24 घंटों में दिल्ली की 23% आबादी को बिजली संकट का सामना करना पड़ सकता है.
जस्टिस वर्मा ने बिजली मंत्रालय के 29 मार्च के आदेश को चुनौती देने वाली बीएसईएस की याचिका पर नोटिस जारी करते हुए कहा कि कोर्ट इस बात पर भी ध्यान देती है कि जहां याचिकाकर्ताओं का दावा है कि अगर केंद्र के आदेश को लागू होने की अनुमति दी जाती है, तो शुक्रवार 1 अप्रैल 2022 को 12 बजे से यह लागू होगा. इसलिए 31 मार्च से पहले बिजली की व्यवस्था करनी होगी. कोर्ट ने केंद्र सरकार के वकील को निर्देश लेने का समय दिया.
याचिका में दावा किया गया है कि आदेश पूरी तरह से अधिकार क्षेत्र के बाहर है और अधिकारियों के पास उस बिजली को डायवर्ट करने की कोई शक्ति नहीं है, जो याचिकाकर्ता के पक्ष में किए गए आवंटन का हिस्सा है और दिल्ली बिजली नियामक आयोग (डीईआरसी) द्वारा राजधानी को आपूर्ति के लिए विधिवत अनुमोदित किया गया था. डिस्कॉम की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता संदीप सेठी ने केंद्र के आदेश में किए गए दावे का खंडन किया और कहा कि दिल्ली सरकार ने दादरी- I थर्मल पावर प्लांट की बिजली का सरेंडर किया था, दादरी-द्वितीय के प्लांट की बिजली का नहीं.
बता दें कि बिजली मंत्रालय के अवर सचिव राजा रामास्वामी ने 28 मार्च, 2022 को सीईए को लिखे एक पत्र में कहा था कि एनटीपीसी के दादरी-II स्टेशन में दिल्ली की ओर से पावर सरेंडर करने की इच्छा और हरियाणा सरकार की इच्छा को ध्यान में रखते हुए एनटीपीसी के दादरी-II स्टेशन से हरियाणा को 728.68 मेगावाट के सरेंडर्ड अथवा उपलब्ध शेयर का 1 अप्रैल से पुन: आवंटन करने का निर्णय लिया गया है. सीईए से अनुरोध है कि 1 अप्रैल, 2022 से सभी संबंधितों को सूचना के तहत आवंटन को लागू किया जाए.
दरअसल, मंगलवार को सीईए ने एक आदेश जारी किया, जिसमें दादरी-2 संयंत्र से दिल्ली की बिजली के हिस्से को शून्य पर लाने वाले बदलावों को नोटिफाई किया गया. इस पर दिल्ली में बिजली उपयोगिताओं ने कहा कि बिजली मंत्रालय का संचार गलत था. वहीं, डिस्कॉम के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि दिल्ली ने केवल दादरी- I संयंत्र से लगभग 750 मेगावाट बिजली सरेंडर की है. वास्तव में दिल्ली ने हमेशा यह कहा है कि उसे अपनी बढ़ती बिजली की मांग को पूरा करने के लिए दादरी-II से आवश्यक बिजली की आवश्यकता है. लेकिन लेटेस्ट आदेश में केंद्र ने दादरी-2 स्टेशन से भी दिल्ली के कुल आवंटन को बदल दिया.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-राजधानी में बढ़ सकता है पावर कट का संकट, दिल्ली के हिस्से की बिजली हरियाणा को देगा केंद्र
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