केप कनवेरल. स्पेसएक्स रॉकेट शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की ओर रवाना हो गया. यह करीब 20 घंटे की उड़ान पूरी कर शनिवार को अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंच जाएगा. इस यात्रा में सभी निजी अंतरिक्ष यात्री हैं. इस मिशन को नासा का सहयोग मिला है. स्पेसएक्स अब तक रॉकेट्स की मदद से सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में भेजती थी. पहली बार अंतरिक्ष यात्रियों को भेज कर उसने इतिहास रच दिया है. एग्जिऑन स्पेस-1 मिशन को अमेरिका के फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से सुबह 11:17 बजे लॉन्च किया गया. इसे कॉमर्शियल स्पेस ट्रैवल की शुरुआत बताया गया है.
इस घटना के वेबकास्ट के अनुसार स्पेसएक्स लॉन्च वाहन 25 मंजिला लंबा है जिसको लाइव वीडियो में दिखाया गया. इसमें दो चरण वाला फाल्कन 9 रॉकेट भी शामिल है, इसके ऊपर क्रू ड्रैगन कैप्सूल हैं. क्रू कम्पार्टमेंट के अंदर लगे कैमरों ने रॉकेट के अंतरिक्ष की ओर बढ़ने से कुछ क्षण पहले केबिन में चारों यात्रियों के फुटेज को दिखाया. वे फ्लाइट सूट में आराम से बैठे दिखाई दिए. यात्रियों को स्पेस स्टेशन लेकर जा रहा मिशन एग्जिऑम, स्पेसएक्स और नासा के बीच पार्टनरशिप में भेजा गया है. अब तक अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने के लिए अलग-अलग देश की सरकारें काम करती रही हैं. प्राइवेट कंपनियों को ऐसे मिशन्स का हिस्सा नहीं बनाया गया. अब स्पेसएक्स और एग्जिऑम के साथ नासा की पार्टनरशिप कॉमर्शियल स्पेस मिशन्स की शुरुआत कर दी है.
यदि सबकुछ योजना के अनुसार होता है तो नासा के सेवानिवृत्त अंतरिक्ष यात्री माइकल लोपेज-एलेग्रिया के नेतृत्व में ये चारों शनिवार को अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचेंगे. स्पेसएक्स ड्रैगन के क्रू में माइकल के अलावा अमेरिकी टेक बिजनेसमैन लैरी कॉनर, कनाडा के बिजनेसमैन मार्क पेथी और इजराइल के आइटन स्टिब्ब भी शामिल हैं. इन सभी को अंतरिक्ष यात्रा से जुड़ी ट्रेनिंग दी गई है और इन्हें ले जाने वाले फाल्कन 9 रॉकेट को भी पहले टेस्ट किया गया था. अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन को अमेरिका और रूस समेत कई देश मिलकर संचालित करते हैं. यह अंतरिक्ष में बनी एक प्रयोगशाला है, जहां धरती से जाने वाले एस्ट्रोनॉट्स रहते हैं और कई तरह के प्रयोग करते हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-रूस ने मिसाइल टेस्ट के लिए अंतरिक्ष में उड़ाया अपना पुराना सैटेलाइट, दुनिया में मच गया हंगामा
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