राहु केतु राशि परिवर्तन, जानें किन मामलों में विशेष रूप से सावधानी रखनी चाहिए

राहु केतु राशि परिवर्तन, जानें किन मामलों में विशेष रूप से सावधानी रखनी चाहिए

प्रेषित समय :20:19:50 PM / Sun, Apr 17th, 2022

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहों का राशि परिवर्तन बहुत ही महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इसका प्रभाव सभी राशियों के जातकों पर पड़ता है. साल 2022 कई ग्रहों के राशि परिवर्तन का वर्ष है.अप्रैल का महीना ग्रहों के राशि परिवर्तन के हिसाब से खास रहने वाला है. अप्रैल माह में शनि, गुरु और राहु-केतु काफी अंतराल के बाद राशि बदलेंगे. राहु-केतु करीब 18 महीनों के बाद राशि बदलने वाले हैं. राहु-केतु का राशि परिवर्तन 12 अप्रैल को हो चुका है  . राहु-केतु दोनों ही छाया ग्रह माने गए हैं और ये हमेशा वक्री यानी उल्टी चाल से चलते हैं.

पौराणिक कथा

राहु-केतु के बारे में पौराणिक कथा काफी प्रचलित है कथा के अनुसार जब समुद्र मंथन हो रहा था तो राहु-केतु चुपके से मंथन के दौरान निकला अमृत पी लिया था. तब भगवान विष्णु मोहनी का रूप धारण करके सभी देवताओं को अमृतपान करा रहे थे जैसे ही उन्हें इस बात का आभास हुआ फौरन ही अपने सुदर्शन चक्र से राहु का सिर धड़ से अलग कर दिया था. हालांकि इस दौरान राहु ने अमृत पान कर लिया जिसके कारण उसकी मृत्यु नहीं हुई.

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, राहु और केतु मायावी गृह माना जाता है. किंतु इस भौतिक जगत में राहु को कलयुग का राजा कहा जाता है. राहु वृषभ राशि को छोड़कर मेष राशि में प्रवेश करेंगे . जबकि केतु वृश्चिक राशि को छोड़कर तुला राशि में प्रवेश करेंगे.

मेष राशि से मीन राशि के जातकों को किन मामलों में विशेष रूप से सावधानी रखनी चाहिए और किन राशियों के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ेगा.

मेष राशि

*सकारात्मक प्रभाव

राहु का गोचर मेष राशि में ही हो रहा है चूंकि यहां मंगल की मूल त्रिकोण राशि है इसलिए समाज में आपका वर्चस्व कायम होगा. आपकी बुद्धि, आपका कौशल के विवेक की प्रशंसा होंगी. यदि आप राजनीति से जुड़े हुए हैं तो आप का पद मान प्रतिष्ठा बढ़ सकती है. पराक्रम में वृद्धि होगी कई महत्वपूर्ण कार्य पूरे होंगे भाग्य का साथ मिलेंगे.

*नकारात्मक प्रभाव*

यह गोचर आपकी राशि पर ही प्रारंभ होने जा रहा है. राहु आपके लग्न पर होगा और केतु आपकी राशि से सप्तमस्थान पर गोचर करेंगे. पहला स्थान आपका व्यक्तित्व और सातवां स्थान आपका दाम्पत्य स्थान है. यदि आप पार्टनरशिप में व्यापार करते हैं तो उस पर भी सावधानी बरतनी होगी. किसी के बहकावे में कोई गलत कदम न उठाएं. स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें.

वृषभ राशि

*सकारात्मक प्रभाव

आपकी राशि से 12वें भाव में राहु का गोचर होने जा रहा है. विदेश यात्रा के योग बन रहे हैं जो जातक काफी समय से विदेश जाना चाह रहे थे उनके लिए सही समय है. बैंक बैलेंस बढ़ सकता है किंतु खर्चों की अधिकता भी रहेंगी. 

*नकारात्मक प्रभाव*

राहु आपकी राशि से 12वें स्थान पर और केतु आपकी राशि से छठे स्थान पर गोचर करेंगे. शत्रुओं की संख्या में बढ़ोतरी होगी. गैरकानूनी कामों से बचें. पारिवारिक मतभेदों के चलते कोर्ट कचहरी के चक्कर लगाने पड़ सकते हैं. स्वास्थ्य से संबंधित परेशानियां आ सकती है. खर्चों की अधिकता रहेंगी. यात्रा से कष्ट प्राप्त होगा. नौकरी व्यापार के लिए दूर की यात्रा हो सकती है

*मिथुन राशि

*सकारात्मक प्रभाव

राहु आपके लाभ स्थान पर गोचर करने जा रहे हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, लाभ भाव में राहु का संचालन अत्यंत शुभफलदायी माना जाता है. आर्थिक दृष्टि से यह समय श्रेष्ठतम रहेगा. धनलाभ के अनेक अवसर आपके हाथ आएंगे . आपके सम्मान में वृद्धि होंगी. जीवन में सुख संपदा प्राप्त होगी. जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होगी. आपके कार्यक्षेत्र व्यापार में सुनहरे अवसर प्राप्त होंगे.

*नकारात्मक प्रभाव*

आपके लिए राहु का गोचर आपके लाभ स्थान पर और केतु का गोचर आपके पंचम स्थान पर हो रहा है. बड़े भाई बहनों से संबंधों में तल्खियां आ सकती है. पेट से जुड़ी बीमारियों का सामना हो सकता है. यदि आप विद्यार्थी हैं तो पढ़ाई से मन भटक सकता है.

*कर्क राशि

*सकारात्मक प्रभाव

कर्क राशि वाले जातकों के लिए राहु का यह गोचर दसवें स्थान पर हो रहा हैl कार्यक्षेत्र में लाभ प्राप्त होंगे. पद प्रतिष्ठा में बढ़ोतरी होगी. आर्थिक स्थित में सुधार होगा . बहुत समय से लंबित कार्य पूर्ण होंगे. सरकारी क्षेत्र से जुड़े लोगों को लाभ प्राप्त होगा. विदेश यात्रा के योग बन रहे हैं विदेश से धन लाभ भी होगा. लक्ष्य की प्राप्ति होगी. आय के विभिन्न स्रोत बनेंगे.

*नकारात्मक प्रभाव

आप के लिए राहु का यह गोचर दशम स्थान पर व केतू का गोचर चतुर स्थान पर हो रहा है. कार्यक्षेत्र में कोई बड़ा बदलाव हो सकता है कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है l पिता के स्वास्थ्य का ख्याल रखें. माता के साथ अनबन रह सकती हैं. घर में कलह का वातावरण रह सकता है. भूमि भवन इत्यादि कामों में रुकावट आ सकती है. मित्रों से धोखा मिल सकता है सतर्क रहने की आवश्यकता है.

सिंह राशि

*सकारात्मक प्रभाव

राहु का यह गोचर आपके नवम भाव में होने जा रहा है. यह गोचर आपको आर्थिक रूप से आशा से बढ़कर फल देने वाला रहेगा भाग्य आपका पूर्ण साथ देगा. बहुत समय से रुके हुए कार्य पूरे होंगे. भौतिक सुख सुविधाओं की वृद्धि होगी. नौकरी व्यापार में अत्यधिक लाभ होगा आर्थिक उन्नति के अवसर प्राप्त होंगे बैंक बैलेंस में बढ़ोतरी होगी. दूर की यात्राएं होंगी जो आपके लिए लाभप्रद रहेंगे.

*नकारात्मक प्रभाव*

आप के लिए राहु का गोचर आपके नवम स्थान व केतू का गोचर आपके पराक्रम भाव पर रहेगा. धर्म में अरुचि रहेंगी. तर्क-वितर्क अधिक करेंगे. पिता से मतभेद उभर सकते हैं. उनके स्वास्थ्य का ख्याल रखें. दूर की यात्राएं कष्टदायी रहेंगी धन हानि हो सकती है. विद्यार्थियों की शिक्षा में रुकावट आ सकती है.

कन्या राशि

*सकारात्मक प्रभाव

आप के लिए यह गोचर अष्टम भाव में होने जा रहा है l आकस्मिक धन लाभ होंगे. शेयर मार्केट में जुआ सट्टा से जुड़े लोगों को धन प्राप्त करने में सफलता प्राप्त होगी. बहुत दिनों से अटके कार्य एकाएक पूरे हो जाएंगे. रिसर्च से जुड़े विद्यार्थियों के लिए समय अच्छा रहेगा. विदेश में पढ़ाई लिखाई या नौकरी करने के लिए जाने वाले इच्छुक लोगों के लिए यह समय अनुकूल रहेगा.

*नकारात्मक प्रभाव

आप के लिए राहु का गोचर आपके अष्टम स्थान व केतू का गोचर आपके द्वितीय स्थान पर हो रहा है. आपकी वाणी के कारण मतभेद हो सकते हैं. सोच समझकर बोलें अपने आवेश पर कंट्रोल रखें. मांस आहार एवं मधपान में रूचि बढ़ेगी सावधानी बरतें. वाहन सावधानीपूर्वक चलाएं. छोटा मोटा एक्सीडेंट हो सकता है चोट इत्यादि लग सकती है. छुपी हुई बातें सामने आ सकती है. स्वास्थ्य का ख्याल रखें. रोगों की चपेट में आ सकते हैं.

तुला राशि

*सकारात्मक प्रभाव*

राहु का यह गोचर आपके स्वभाव में हो रहा है. आपके पराक्रम में वृद्धि होगी. कठिन से कठिन परिस्थितियों में अपनी सूझबूझ व चतुराई से निकल जाएंगे. आर्थिक उन्नति होगी l कोई नया व्यापार या कारोबार कर सकते हैं धन लाभ होगा. कार्यक्षेत्र में भी बदलाव कर सकते हैं.

*नकारात्मक प्रभाव*

आप के लिए राहु का गोचर आपके दाम्पत्य स्थान पर व केतु का गोचर आपके व्यक्तित्यानी लगन पर हो रहा है l मन अशांत वह भ्रमित रह सकता है जीवनसाथी की सेहत भी खराब हो सकती है और जीवनसाथी से मतभेद उत्पन्न होंगे. नौकरी व्यापार में आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है . पार्टनरशिप टूट सकती है.

वृश्चिक राशि

*सकारात्मक प्रभाव*

राहु का यह गोचर आपके छठे स्थान पर होने जा रहा है. यह आपके लिए अत्यंत ही शुभकारी रहेगा. खुशियों का आगमन होगा. कार्यक्षेत्र में प्रमोशन, सफलता प्राप्त होगी. आर्थिक लाभ के मौके आपको प्राप्त होंगे. छात्रों के लिए यह समय प्रतियोगिता परीक्षा में बेहतर सफलता दिलाने वाला रहेगा. पुराने रोगों से मुक्ति मिलेगी. यदि आप कोई ऋण या बैंक से लोन लेना चाहते हैं तो वह भी निर्विघ्नं प्राप्त होगा. रोग, रिपु ऋण से मुक्ति मिलेंगी. 

*नकारात्मक प्रभाव*

वृश्चिक के लिए राहु का यह गोचर छठे स्थान पर एवं केतू का गोचर बारहवें स्थान पर हो रहा है. छठा स्थान रोग, ऋण का स्थान है अतः इनमें सावधान रहने की आवश्यकता है l धार्मिक कार्यों में अरुचि हो सकती है. क्रोध की अधिकता के कारण शत्रु बढ़ सकते हैं कोर्ट कचहरी के चक्कर लग सकते हैं. वाणी पर संयम रखें. खर्चों की अधिकता रहेगी दिखावे के चक्कर में पैसा बर्बाद हो सकता है अथवा बुरी नजर का शिकार भी हो सकते हैं. 

धनु राशि

*सकारात्मक प्रभाव

राहु का यह गोचर आपके पंचम स्थान पर होने जा रहा है. आर्थिक वृद्धि के लिए यह समय अत्यंत लाभदायक रहेगा. भौतिक सुख सुविधाओं की बढ़ोतरी होगी. कलात्मक क्षेत्रों से जुड़े लोग मीडिया, सिनेमा, रंगमंच आदि के लिए नई नई सफलता ले कर आएगे. कोई नया व्यापार कर सकते हैं सफलता प्राप्त होगी नेम, फेम बढ़ सकता .

*नकारात्मक प्रभाव

आप के लिए राहु का गोचर आपके पंचम स्थान में व केतू का गोचर आपके लाभ स्थान पर हो रहा है. संतान पक्ष से परेशान रह सकते हैं. विद्यार्थियों का मन पढ़ाई लिखाई से भटक सकता है अति आत्मविश्वास घातक सिद्ध होगा. प्रेम संबंधों के लिए भी समय कष्टकारी रहेगा.

*मकर राशि

*सकारात्मक प्रभाव*

राहु का यह गोचर आपके चतुर्थभाव में होने जा रहा है. कार्यक्षेत्र में अपनी बुद्धिमानी व चतुराई से लाभ प्राप्त होगा कई अटके कार्य पूर्ण होंगे. कार्यक्षेत्र में परिवर्तन कर सकते हैं जो आपके लिए लाभकारी रहेगा. जीवनशैली में भी सुखद परिवर्तन होंगे. विद्यार्थी वर्ग के लिए समय अच्छा है पढ़ाई लिखाई में खूब मेहनत करेंगे.

आप के लिए राहु का गोचर आपके चतुर्थं भावों में व केतू का गोचर आपके कर्म स्थान पर हो रहा है. माता से रिश्ते बिगड़ सकते हैं माता के स्वास्थ्य का खयाल रखें . समाज में आपका वर्चस्व आपका सम्मान कम हो सकता है सावधानी रखें l भूमि, भवन तथा वाहन से कष्ट मिल सकता है. मानसिक शांति की कमी रहेगी. पिता से विवाद हो सकता है.

*सकारात्मक प्रभाव*

आप के लिए यह गोचर तृतीय स्थान पर हो रहा है. आप के लिए 18 महीने का यह समय बेहद लाभप्रद रहेगा. नौकरी, व्यापार कार्यक्षेत्र हर तरफ आपको सफलता प्राप्त होगी. जिसका कार्य में भी आप हाथ डालेंगे. मनचाही मुराद पूरी होगी. आर्थिक व सामाजिक उन्नति होगी. सभी का सहयोग प्राप्त होगा. यात्रा के योग बन रहे हैं. कम्युनिकेशन स्किल सीख जाएंगे और वाणी के द्वारा ही सभी कार्य सफलतापूर्वक पूर्ण करेंगे.

*नकारात्मक प्रभाव*

कुंभ राशि वाले जातकों के लिए राहु का यह गोचर तीसरे स्थान व केतू का गोचर नवम स्थान पर हो रहा है. छोटे भाई बहनों से मतभेद उभर सकते हैं. किसी भी कार्य में सफलता प्राप्त करने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ेगी किंतु सफलता उतनी नहीं मिलेगी. धार्मिक कार्यों में मन नहीं लगेगा. मन भटक सकता है. जीवनसाथी के स्वास्थ्य में प्रभाव पड़ेगा सावधानी बरतें.

मीन राशि

*सकारात्मक प्रभाव

राहु का यह गोचर आपके द्वितीय भाव में होने जा रहा है. आकस्मिक धनलाभ होंगे. लॉटरी जुआ सट्टा में सफलता मिलेगीष. धनलाभ होंगे. धार्मिक यात्राएं हो सकती है विदेश गमन के योग भी बन रहे हैं. नौकरी व्यापार में परिवर्तन के योग बन रहे हैं जहा पर आपको लाभ व सफलता प्राप्त होगी.

*नकारात्मक प्रभाव*

मीन राशि वाले जातकों के लिए राहु का यह गोचर कुंभ स्नान व केतु का गोचर अष्टम स्थान पर होने जा रहा है. कुटुम्बीजनों से अनबन रहेगी. वाणी में कड़वाहट रह सकती है संयम से काम लें. स्वास्थ्य में परेशानी हो सकती है. गलत संगति के प्रभाव में आकर मंदिरापान, मांस आहार आदि का सेवन कर सकते हैं. धन संबंधी परेशानी बढ़ सकती है सावधानी बरतें . सावधानीपूर्वक वाहन चलाएं चोट चपेट की संभावना बन सकती है.

देश दुनिया पर राहु-केतु का असर

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब भी राहु-केतु का राशि परिवर्तन होता है. तब इसका प्रभाव न सिर्फ सभी जातकों के ऊपर होता है बल्कि देश-दुनिया पर भी प्रभाव देखने को मिलता है. राहु-केतु के गोचर से कई तरह के प्राकृतिक उथल-पुथल होने की संभावना रहती है. पृथ्वी पर गर्मी का प्रकोप बढ़ जाता है और वर्षा भी कम होती है. देश-दुनिया में राजनीति अपने चरम पर होती है. एक-दूसरे देशों में तनाव काफी बढ़ जाता है.

उपाय

जिन जातकों की कुंडली में राहु-केतु अशुभ प्रभाव रखते हैं उनको इससे बचने के लिए शनिदेव और भैरव भगवान की पूजा-अर्चना करनी चाहिए. हनुमान चालीसा का पाठ करने से राहु-केतु का प्रभाव नहीं रहता. राहु-केतु के प्रभाव को कम करने के लिए काले कंबल और जूते का दान करना शुभ रहता है.
Astro nirmal

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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