एक जन-आंदोलन का रूप ले रहा आज़ादी का अमृत महोत्सव: पीएम मोदी

एक जन-आंदोलन का रूप ले रहा आज़ादी का अमृत महोत्सव: पीएम मोदी

प्रेषित समय :13:11:35 PM / Sun, Apr 24th, 2022

नई दिल्ली. अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात की 88वीं कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि देश के लिए यह गौरव की बात है कि आज़ादी का अमृत महोत्सव एक जन-आंदोलन का रूप ले रहा है. उन्होंने कहा कि साथियों, देश के प्रधानमंत्रियों के योगदान को याद करने के लिए आज़ादी के अमृत महोत्सव से अच्छा समय और क्या हो सकता है.

मन की बात की शुरुआत करते हुए पीएम मोदी ने कहा, नए विषयों के साथ, नए प्रेरक उदाहरणों के साथ, नए-नए संदेशों को समेटते हुए, एक बार फिर मैं आपसे मन की बात करने आया हूं. प्रधानमंत्री मोदी ने बच्चों से म्यूजियम जाने की अपील की, उन्होंने कहा कि क्यों न आने वाली छुट्टियों में आप अपने दोस्तों की मंडली के साथ किसी स्थानीय म्यूजियम को देखने जाएं. आप अपना अनुभव #MuseumMemories के साथ जरूर साझा करें.

पीएम मोदी ने कहा कि बाबा साहेब अंबेडकर जी की जयंती पर प्रधानमंत्री संग्रहालय का लोकार्पण हुआ है. गुरुग्राम में रहने वाले सार्थक जी पहला मौका मिलते ही संग्रहालय देख आए. उन्होंने नमो एप पर पीएम संग्रहालय की ऐसी चीजों के बारे में लिखा है, जो उनकी जिज्ञासा को और बढ़ाने वाली थी.

पीएम मोदी ने कहा कि पिछले कुछ सालों में BHIM UPI तेजी से हमारी अर्थव्यवस्था और आदतों का हिस्सा बन गया है. उन्होंने कहा कि आप भी UPI की सुविधा को रोजमराज़् के जीवन में महसूस करते होंगे.पीएम के मुताबिक  इस समय हमारे देश में करीब 20 हजार करोड़ रुपये के ट्रांजेक्शन हर दिन हो रहे हैं.

प्रधानमंत्री ने कहा कि साथियों, पानी की उपलब्धता और पानी की किल्लत, ये किसी भी देश की प्रगति और गति को निर्धारित करते हैं. आपने भी गौर किया होगा कि मन की बात में, मैं स्वच्छता जैसे विषयों के साथ ही बार-बार जल संरक्षण की बात जरुर करता हूं. संसार में, जल ही, हर एक जीव के, जीवन का आधार है और जल ही सबसे बड़ा संसाधन भी है.

पीएम मोदी ने कहा कि गणित तो ऐसा विषय है जिसे लेकर हम भारतीयों को सबसे ज्यादा सहज होना चाहिए . आखिर, गणित को लेकर पूरी दुनिया के लिए सबसे ज्यादा शोध और योगदान भारत के लोगों ने ही तो दिया है. कैलकुलस से लेकर कंप्यूटर्स तक ये सारे वैज्ञानिक आविष्कार ज़ीरो पर ही तो आधारित हैं. शून्य, यानी, जीरो की खोज और उसके महत्व के बारे में आपने खूब सुना भी होगा. अक्सर आप ये भी सुनते होंगे कि अगर ज़ीरो की खोज न होती, तो शायद हम, दुनिया की इतनी वैज्ञानिक प्रगति भी न देख पाते.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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