मुंबई. एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने भारत दौरे पर आने वाले विदेशी नेताओं के गुजरात दौरे को लेकर सवाल उठाते हुए पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है. शरद पवार ने कहा कि पहले जब दूसरे देश के नेता भारत आते थे तो दिल्ली, हैदराबाद, कोलकाता जाते थे, लेकिन अब स्थिति बदल गई है. अब विदेशी नेता पहले गुजरात का दौरा करते हैं. ये बीजेपी की मानसिकता दिखाता है. शरद पवार ने केंद्र सरकार पर जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का भी आरोप लगाया.
शरद पवार ने महाराष्ट्र के कोल्हापुर में अमेरिका, चीन और यूनाइटेड किंगडम के राष्ट्रपतियों और प्रधानमंत्रियों के गुजरात दौरे पर सवाल उठाए. पवार ने कहा कि मैंने पूर्व प्रधानमंत्री पंडित नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, पीवी नरसिंह राव और अन्य के कार्यकाल देखे हैं. उनके कार्यकाल में भी विदेशी नेता भारत आते थे. तब वो पहले दिल्ली का दौरा करते थे, क्योंकि यह देश की राजधानी है. बाकी राज्य बाद में जाते थे. लेकिन पीएम मोदी के कार्यकाल में अमेरिका और चीन के राष्ट्रपति आए तो सबसे पहले गुजरात गए. हाल ही में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री आए तो उन्होंने भी पहले गुजरात का दौरा किया. हमें इनके गुजरात दौरे पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन यह भाजपा नेताओं की मानसिकता को दिखाता है.
शरद पवार ने केंद्र सरकार पर जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए कहा कि महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपये की उगाही के आरोप लगाए गए थे, लेकिन बाद में चार्जशीट में यह आंकड़ा घटकर 1 करोड़ रह गया. वहीं नवाब मलिक के साथ भी ऐसा ही किया गया. 20 साल पहले के लेन-देन को दिखाकर उन्हें जेल भेज दिया गया. पवार ने बीजेपी को आगाह करते हुए कहा कि सत्ता स्थायी नहीं होती, आती-जाती रहती है. लेकिन जब आप शासन कर रहे होते हैं तो आपको संतुलन बनाए रखने की जरूरत होती है. हमारी भी बारी आएगी.
शरद पवार ने कश्मीर फाइल्स फिल्म का मुद्दा उठाते हुए आरोप लगाया कि बीजेपी स्थिति का ध्रुवीकरण करने का प्रयास कर रही है, इसीलिए राजनीतिक एजेंडे के तहत कई फिल्में रिलीज की जा रही हैं. लेकिन लोगों को इनके पीछे भागने के बजाय महंगाई, रोजगार और अन्य मुद्दों को उठाने की जरूरत है. पवार ने हाल में दिल्ली के जहांगीरपुरी में हुई हिंसा का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि लोगों के बीच आपसी कलह फैलाने की साजिश हो रही है. दिल्ली के सीएम केजरीवाल हैं, लेकिन पुलिस केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन है. जिन लोगों पर कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी है, वो उसे ठीक से निभा नहीं पा रहे. इससे पता चलता है कि देश में कितनी अस्थिरता है.
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