पलपल संवाददाता, रायसेन. मध्यप्रदेश के रायसेन स्थित बाड़ी कस्बे में सराफा कारोबारी जितेन्द्र सोनी ने पत्नी व दो बेटो को जहर देकर स्वयं फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली, परिजनों ने देखा कमरे में जाकर देखा तो चीख पुकार मच गई, शोर सुनकर आसपास के लोग पहुंच गए, जिनहोने देखा कि छोटे बेटे की सांस चल रही है, जिसे उठाकर तत्काल अस्पताल पहुंचाया, जहां से प्राथमिक उपचार के बाद भोपाल के अस्पताल रेफर कर दिया गया है. घटना क ी खबर मिलते ही पुलिस पहुंच गई, पुलिस को जांच के दौरान एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें जितेन्द्र ने लिखा है कि अकेला गया तो परिवार का क्या होगा, जमाना खराब है, वहीं यह बात भी पता चलती है कि जितेन्द्र किसी जमीन को लेकर काफी तनाव में रहा. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर मर्ग कायम कर लिया है.
बताया गया है कि रायसेन के बाड़ी कस्बे के वार्ड क्रमांक 8 में रहने वाले जितेन्द्र सोनी उम्र 35 वर्ष सराफा कारोबार करते रहे, घर में पत्नी रिंकी 32 वर्ष, बेटा वैष्णव 12 व छोटा बेटा कार्तिक 10 वर्ष के अलावा माता-पिता भी साथ में रहते है, तीन भाईयों में जितेन्द्र सबसे बड़ा रहा, एक भाई मुम्बई व दूसरा भाई भोपाल में रहकर काम कर रहा है, जितेन्द्र पिछले कुछ दिनों से किसी जमीन के विवाद को लेकर तनाव में रहे. जिसके चलते जितेन्द्र ने अपनी पत्नी रिंकी व बेटे वैष्णव व कार्तिक को जहर देकर स्वयं फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली, चारों अपने कमरे में ही पड़े रहे, कुछ देर बाद परिजनों ने जितेन्द्र व बच्चों को आवाज लगाई लेकिन अंदर से कोई जबाव न मिलने पर जाकर देखा तो चीख पड़े, जितेन्द्र फांसी पर झूल रहा था तो पत्नी व दोनों बच्चे बिस्तर पर पड़े रहे, शोर सुनकर आसपास के लोग पहुंच गए, जिन्होने देखा तो सनसनी फैल गई, देखते ही देखते रिश्तेदारों सहित क्षेत्रीय लोग बड़ी संख्या में पहुंच गए, जिन्होने देखा तो वे भी स्तब्ध रह गए, खबर मिलते ही पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे, जिन्होने छोटे बेटे कार्तिक की हालत देखी तो तत्काल अस्पताल पहुंचाया, वहीं जितेन्द्र, पत्नी रिंकी व बड़े बेटे वैष्णव की मौत हो चुकी थी. पुलिस को पूछताछ में यह जानकारी भी मिली है कि पति व पत्नी के बीच किसी न किसी बात को लेकर अनबन होती रहती थी. पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर मर्ग कायम कर लिया है.
पत्नी व बच्चों के गले में रस्सी के निशान मिले-
इधर पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जितेन्द्र की पत्नी रिंकी, बेटे वैष्णव व कार्तिक के गले में रस्सी के निशान भी मिले है, जिससे अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि उन्हे जहर दिया गया है या फिर गला घोंटा गया है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा.
तीन अर्थियां एक साथ उठते देख नम हुई आंखे-
क्षेत्र में माहौल उस वक्त और ज्यादा गमगीन हो गया, जब जितेन्द्र, उनकी पत्नी रिंकी व बेटे वैष्णव की अर्थियां घर के सामने से एक साथ उठी, भीड़ में खड़े लोगों की आंखे नम हो गई थी, परिजनों सहित आसपास के लोग अंतिम संस्कार में शामिल हुए. वहीं लोगों के बीच यह चर्चा भी रही कि जितेन्द्र की हिंगलाज मंदिर रोड पर बालाजी ज्वेलर्स के नाम से दुकान रही, परिवार सम्पन्न रहा, इसके बाद भी ऐसा कदम उठा लिया.
सुसाइट नोट में ये लिखा--
पुलिस द्वारा बरामद किए गए सुसाइड नोट में जितेन्द्र ने लिखा कि मैं बहुत परेशान हंू, मेरान कारोबार भी समाप्त सा हो रहा है कुछ समझ ही नही आ रहा है क्या करना है, मैं अपनी पत्नी व बच्चों से बेहद प्यार करता हूं, मैं ऐसी जिंदगी नहीं जी सकता, मैं बहुत सोच समझकर कदम उठा रहा हूं, मैं अकेला चला गया तो मेरे परिवार का क्या होगा, जमाना बहुत खराब है, इसमें किसी की गलती नहीं है, किसी को भी परेशान न किया जाए, इन सबका जिम्मेदार मैं स्वयं हूं ओर सबसे बड़ा जिम्मेदार वो जो मेरे परिवार की ब्लाक वाली जमीन दे, जो मेरे परिवार वालों को अबतक नहीं मिली है, कब तक सरकार से लड़े, पीढिय़ां निकल रही है लेकिन देखने वाला कोई नहीं है, अगर सही समय पर निर्णय होता तो हो सकता थ कि मैं कभी ऐसा करने की नहीं सोचता. मेरी बात सरकार तक पहुंचाने में मेरी मदद करें. जमीन मेरे परिवार को मिले, जिससे उनकी स्थिति ठीक हो. घर वालों को कभी मुझसे ऐसी उम्मीद नहीं होगी लेकिन मेरे सामने कोई और रास्ता नहीं दिख रहा. मुझे माफ कर देना. नीरज, पंकज, मम्मी-पापा जी का अच्छे से ध्यान रखना. उन्हें कोई परेशानी ना हो. उन्हें अपने साथ ले जाना. जिससे लोगों की बातें उन्हें ना सुननी पड़े.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-मध्यप्रदेश में छात्रों को जल्द मिलेगी डीजी लॉकर की सुविधा, ये होगा फायदा
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