प्रयागराज. संगम नगरी प्रयागराज के अरैल घाट पर बुधवार 4 मई को पीएसी के जवानों की मुस्तैदी से बड़ा हादसा होने से बच गया. तीन बच्चे और तीन महिलाएं गहरे पानी में डूबने लगीं. यह देख जवान तुरंत पानी में कूद गए और उन्हें बाहर निकालने की कोशिश करने लगे. उनका साथ घाट पर मौजूद पंडों ने भी दिया.
दरअसल, पीएसी के नायक संजय सिंह और सिपाही आनंद वर्धन सिंह ने पहले लाइफ ब्वाय फेंका, ताकि सभी उसे पकड़कर बाहर निकल सकें. मगर, लाइफ ब्वाय इतना वजन संभाल नहीं सका. तब तक घाट पर मौजूद पंडों ने गमछा से गमछा जोड़ा और चेन बनाकर डूब रहे लोगों की ओर फेंका. डूब रही महिलाओं और बच्चों ने गमछा पकड़ लिया. पीएसी के जवानों के साथ पंडों ने गमछा की चेन खींचना शुरू किया. तब जाकर सभी यमुना नदी से बाहर निकल सके.
सागर और सीधी से भाई के यहां आया था परिवार
अरैल में रहने वाले अभिषेक सिंह प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं. मध्य प्रदेश के सागर और सीधी जिले से उनकी तीन बहनें आई थीं. इनमें एक बहन प्रतिभा सिंह, उनका बेटा प्रतीक और बेटी स्वाती थी. दूसरी बहन प्रियंका सिंह, उनकी बेटी सेजल और तीसरी बहन अलका शामिल थे. बुधवार सुबह अभिषेक सिंह सभी के साथ अरैल घाट पर यमुना में स्नान करने पहुंचे.
बताते हैं कि प्रतिभा सिंह नहाने के दौरान गहरे पानी में चली गईं और डूबने लगीं. यह देख परिवार के अन्य सदस्य उनको बचाने के लिए उसी ओर चले गए और डूबने लगे. इस दौरान चीख-पुकार सुनकर ड्यूटी पर तैनात पीएसी चतुर्थ बटालियन के नायक संजय सिंह, सिपाही आनंद वर्धन सिंह और जल पुलिस के प्राइवेट गोताखोर मनीष कुमार फौरन गहरे पानी में कूद गए. इसके बाद सभी को सुरक्षित किनारे पर लाया गया.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-एक साथ पांच लोगों की हत्या से फिर दहला प्रयागराज, हत्यारों ने वारदात के बाद घर में लगाई आग
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