नई दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक ने आज बैठक में बड़ी घोषणा करते हुए रेपो रेट बढ़ा दिया है. इसका असर उपभोक्ताओं की जेब पर पड़ेगा और ईएमआई की दरें भी बढ़ सकती हैं. यह बढ़ोतरी तत्काल प्रभाव से लागू होगी. यह दर वृद्धि ऋण लेने वालों के लिए झटका देने वाली खबर है और सावधि जमा (एफडी) निवेशकों के लिए अच्छी खबर है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने घोषणा की कि प्रमुख नीतिगत दरों में वृद्धि की गई है. इस घोषणा के अनुसार आरबीआई ने रेपो दर को पहले के 4 प्रतिशत से 40 बीपीएस बढ़ाकर 4.40 प्रतिशत कर दिया है. पिछली बार रेपो दर में मई 2020 में कटौती की गई थी और तब से इसे अपरिवर्तित रखा गया है. ऐसे कई संकेत हैं जो संकेत देते हैं कि यह ब्याज दर वृद्धि चक्र की शुरुआत हो सकती है.
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के प्रयास में तत्काल प्रभाव से रेपो दर को 40 आधार अंकों (बीपीएस) से 4.40 प्रतिशत तक बढ़ाने का फैसला किया है. गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को मौद्रिक नीति की एक अनिर्धारित बैठक के बाद घोषणा की.
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज प्रेस वार्ता में बताया कि 12 खाद्य उपसमूहों में से नौ ने मार्च के महीने में मुद्रास्फीति में वृद्धि दर्ज की. अप्रैल के लिए उच्च आवृत्ति मूल्य संकेतक खाद्य कीमतों के दबाव के बने रहने का संकेत देते हैं. मार्च 2022 में हेडलाइन सीपीआई मुद्रास्फीति में 7 प्रतिशत की तेज तेजी विशेष रूप से खाद्य मुद्रास्फीति से प्रेरित थी. एमपीसी ने तत्काल प्रभाव से नीतिगत रेपो दरों में 40 बीपीएस की वृद्धि के लिए सर्वसम्मति से मतदान किया.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-दिशानिर्देशों के उल्लंघन पर आरबीआई ने एक्सिस बैंक और आईडीबीआई बैंक पर लगाया जुर्माना
आरबीआई गर्वनर बोले, रूस यूक्रेन युद्ध से चलते आर्थिक विकास को हो सकता है नुकसान
677 अरब डॉलर के विदेशी मुद्रा भंडार के साथ इकोनॉमी किसी भी चुनौती से निपटने को तैयार: आरबीआई गवर्नर
एमपी के जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित सहित आठ बैंकों पर आरबीआई ने कसा शिकंजा
आरबीआई ने महाराष्ट्र के सरजेरोदादा नाइक शिराला सहकारी बैंक का लाइसेंस किया रद्द
Leave a Reply