प्रदीप द्विवेदी. नरेंद्रभाई मोदी को प्रधानमंत्री की कुर्सी तक पहुंचाने में जिनकी सबसे महत्वपूर्ण भूमिका रही है, उनमें पर्दे के पीछे सक्रिय सबसे प्रमुख सियासी सारथी हिरेन जोशी प्रमुख हैं, जिन पर हाल ही बीजेपी के प्रमुख नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने तीखा सियासी हमला किया है?
हिरेन जोशी की प्रारंभिक शिक्षा बांसवाड़ा, राजस्थान के कुशलबाग स्कूल में हुई, तब संघ से जुड़े उनके पिता जगदीश प्रसाद जोशी बांसवाड़ा में असिस्टेंट इंजिनियर थे और वे सपरिवार जवाहर पुल के पास सरकारी बंगले में रहते थे.
उसी दौरान पहली वागड़ी फिल्म तण वाटे के हीरो भंवर पंचाल के मित्र उनके बड़े भाई सुभाष शर्मा की नियुक्ति माही परियोजना में अभियंता के पद पर साथ-साथ हुई थी, तो उनकी भाभी मंजू जोशी चिड़ियावासा सहित बांसवाड़ा जिले की कुछ सरकारी स्कूलों में शिक्षिका रही.
बाद में पदोन्नति के चलते जगदीश प्रसाद जोशी बांसवाड़ा से चले गए, तो सुभाष जोशी मोहन कॉलोनी, रातीतलाई आदि जगहों पर भी रहे, लेकिन तबादले के बाद वह भी बांसवाड़ा से चले गए, उनके कई मित्र अभी भी बांसवाड़ा में हैं.
हिरेन जोशी 2014 में तब चर्चा में आए थे, जब पीएम मोदी जापान की यात्रा पर गए थे, तब द इकॉनोमिक टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में लिखा था.... अपनी यात्रा से पहले जापानी में नरेंद्र मोदी के ट्वीट्स ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट पर एक तरह की सुनामी को जन्म दिया हो सकता है, लेकिन हिरेन जोशी के लिए यह पीएम की बढ़ती डिजिटल उपस्थिति की एक और पुष्टि थी!
हिरेन जोशी की सियासी यात्रा की जानकारी देते हुए इस रिपोर्ट में बताया गया था कि- जोशी, जो मोदी के ब्लॉग, वेबसाइट और ट्विटर और एफबी खातों का प्रबंधन कर रहे हैं, ने जापान में भारतीय दूतावास और एक अनुवाद टूल की मदद से आठ प्रभावशाली ट्वीट भेजने का काम पूरा किया, जबकि आलोचकों के एक वर्ग ने इसे ट्विप्लोमेसी करार दिया.
भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी और प्रबंधन संस्थान, ग्वालियर से पीएचडी के साथ पुणे के इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर, जोशी, माणिक्य लाल वर्मा टेक्सटाइल एंड इंजीनियरिंग कॉलेज, भीलवाड़ा में एक सहायक प्रोफेसर थे.
उन्हें 2008 में मोदी ने अपनी डिजिटल उपस्थिति को संभालने के लिए चुना.
गुजरात के अधिकारी के हवाले से इस रिपोर्ट में बताया गया कि- जहां मोदी पीएम बनने से पहले सीएम थे, गुजरात सरकार ने इंजीनियरों के लिए एक कार्यक्रम आयोजित किया था. इस कार्यक्रम के दौरान एक तकनीकी गड़बड़ी पैदा हो गई, वहां मोदी भी मौजूद थे, जोशी ने कुछ ही मिनटों में समस्या को सुलझा लिया, जिससे मोदी प्रभावित हुए.
गुजरात में मोदी के ओएसडी के रूप में रहते हुए, वह विशेष सॉफ्टवेयर का उपयोग करते थे, जो मोदी के बिताए समय को मैप करने वाले विश्लेषणात्मक चार्ट तैयार करता था, डुप्लीकेट मीटिंग्स से बचाता था, फॉलो-अप सुनिश्चित करता था और आगंतुकों को शॉर्ट-लिस्टिंग करता था.
उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि ट्वीट्स का विभिन्न भाषाओं में अनुवाद किया जाए और मोदी ने उर्दू, कन्नड़, मराठी, मलयालम, तमिल और बंगाली में अपने ट्विटर अकाउंट लॉन्च किए.
यही नहीं, जोशी ने पीएम मोदी की वेबसाइट को संस्कृत और हिंदी में भी उपलब्ध कराया. इतना ही नहीं, ट्विटर पर अधिकारियों के साथ बैठकें, जिन्हें सोशल मीडिया के उपयोग पर सलाह देने के लिए दूतावासों में मंत्रियों और अधिकारियों तक सीधी पहुंच दी गई, तो वह पीएम मोदी के सोशल मीडिया अकाउंट पर चिह्नित किए गए हजारों संदेशों में से 100 को शॉर्टलिस्ट करने के अलावा, पीएम को रात 11.30 बजे ऑनलाइन गतिविधियों पर एक दैनिक रिपोर्ट देते हैं.
इसके अलावा, वह यह सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण लोगों के जन्मदिन या मृत्यु पर भी नजर रखते हैं कि पीएम की ओर से उचित संदेश भेजे जाएं. उन्हें देशभर में एक शोध दल द्वारा सहायता प्रदान की जाती है.
एक अधिकारी के हवाले से इस रिपोर्ट में बताया गया कि- पोस्ट लिखने के लिए सबसे उपयुक्त लोगों को प्राप्त करना और मोदी द्वारा उन्हें मंजूरी देना भी जोशी का कार्य है. रिपोर्ट की मानें तो उनका सबसे चुनौतीपूर्ण दिन शपथ ग्रहण था जब पीएमओ की वेबसाइट को मोदी के शपथ ग्रहण के कुछ सेकंड बाद लाइव होना था और वे कामयाब रहे!
हिरेन जोशी के पिता जगदीश प्रसाद जोशी आज भी संघ के कार्यों में सक्रिय हैं, जो कुछ समय पहले बांसवाड़ा आए थे, जिनसे डॉ. युधिष्ठिर त्रिवेदी ने मुलाकात की और इस क्षेत्र को लेकर चर्चा भी की थी.
उनकी वजह से ही पिछले साल बॉलीवुड स्टार अक्षय कुमार ने खेरवाड़ा, उदयपुर में एक हॉस्टल बनाने के लिए राजस्थान वनवासी कल्याण परिषद को अनुदान प्रदान किया था. खबरों की मानें तो जगदीश प्रसाद जोशी के अनुसार दिल्ली में अक्षय कुमार ने एक संक्षिप्त मुलाकात में उन्होंने वादा किया और दस दिन में अनुदान भेज भी दिया.
उल्लेखनीय है कि कोरोनाकाल के दौरान स्वास्थ्य लाभ के लिए जगदीश प्रसाद जोशी जब दिल्ली में पुत्र के पास थे, तब दिसम्बर 2020 में अक्षय कुमार भी दिल्ली आए हुए थे, अक्षय कुमार को जब पता चला कि जगदीश प्रसाद जोशी राजस्थान वनवासी कल्याण परिषद से जुड़े हैं और आदिवासी क्षेत्र में विभिन्न कार्यों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं, तो वे उनसे मिलने घर गए, उन्होंने परिषद द्वारा राजस्थान में किए जा रहे कार्यों को समझा और अपनी ओर से कुछ करने की इच्छा प्रकट की, तब जोशी ने उन्हें खेरवाड़ा में प्रस्तावित छात्रावास के बारे में बताया. अक्षय कुमार ने तुरंत इसमें सहयोग की बात कही और दस दिन में ही उन्होंने सहयोग राशि भेज दी.
हिरेन जोशी का केंद्र में पॉलिटिकल पॉवर कितना है, यह इसी से समझा जा सकता है कि बीजेपी के प्रमुख नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी, जो पीएम नरेंद्र मोदी पर लगातार सियासी निशाना साधते रहे हैं, इस बार उन्होंने हिरेन जोशी पर शब्दबाण चलाए हैं....
https://twitter.com/Swamy39/status/1528541426027376640
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-दिल्ली में सुहाना हुआ मौसम, उत्तर-पश्चिमी भारत के लिए आईएमडी ने जारी किया येलो अलर्ट
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