नई दिल्ली. कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम को कोर्ट से चाइनीज वीजा स्कैम केस से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में बड़ी राहत मिली है. ईडी की ओर से दर्ज किए चाइनीज वीजा मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने कार्ति चिंदबरम को राहत देते हुए 30 मई तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने कहा कि कार्ति चिदंबरम को 30 मई तक गिरफ्तार नहीं किया जाएगा.
इतना ही नहीं, स्पेशल कोटज़् ने ईडी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है और अब इस मामले की अगली सुनवाई 30 मई को होगी. इससे पहले सीबीआई की ओर से दर्ज किए गए मामले में कार्ति को पहले से ज़मानत मिल चुकी है. बता दें कि आज यानी गुरुवार को ही कांग्रेस नेता एवं सांसद कार्ति चिदंबरम इस मामले की जांच में सहयोग के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो के मुख्यालय पहुंचे थे.
दरअसल प्रवर्तन निदेशालय ने 2011 में 263 चीनी नागरिकों को वीजा जारी किए जाने में कथित अनियमितता के सिलसिले में कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम और अन्य के खिलाफ धनशोधन का मामला यानी मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है. यह कथित घोटाला उस समय हुआ, जब कार्ति के पिता पी. चिदंबरम केंद्रीय गृह मंत्री थे.
अधिकारियों की मानें तो केंद्रीय एजेंसी ने इसी मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो की हालिया प्राथमिकी का संज्ञान लेते हुए धनशोधन निवारण अधिनियम की आपराधिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है. सीबीआई की प्राथमिकी में कहा गया है कि यह मामला कार्ति चिदम्बरम और उनके करीबी एस. भास्कररमन को वेदांता समूह की कंपनी तलवंडी साबो पावर लिमिटेड के एक शीर्ष अधिकारी द्वारा 50 लाख रुपये की रिश्वत दिए जाने के आरोपों से संबंधित है. यह कंपनी पंजाब में एक बिजली संयंत्र स्थापित कर रही थी.
सीबीआई ने पिछले हफ्ते चिदम्बरम परिवार के परिसरों पर छापे मारे थे और भास्कररमन को गिरफ्तार किया था. वहीं कार्ति चिदम्बरम भी पूछताछ के लिए सीबीआई के समक्ष पेश हुए. यह आईएनएक्स मीडिया एवं एयरसेल-मैक्सिस मामलों के बाद कातिज़् चिदम्बरम के विरुद्ध धनशोधन का तीसरा मामला है. ईडी पिछले कुछ सालों से आईएनएक्स मीडिया एवं एयरसेल-मैक्सिस धनशोधन मामलों की जांच कर रही है.
अधिकारियों ने कहा कि ईडी अपराध से हुई उन संभावित आमदनी की जांच करेगा, जो वीजा मामले में कथित अवैध गतिविधि से मिली हो. उन्होंने कहा कि जांच के तहत आरोपियों से पूछताछ की जाएगी. हालांकि, कार्ति चिदंबरम ने सभी आरोपों का खंडन किया है. उन्होंने कहा कि 250 तो क्या, मैंने एक भी चीनी नागरिक को वीजा दिलाने में मदद नहीं की.
वहीं सीबीआई का कहना है कि विद्युत परियोजना स्थापित करने का कार्य एक चीनी कंपनी द्वारा किया जा रहा था और निर्माण कार्य निर्धारित समय से पीछे चल रहा था. उसने अपने प्राथमिकी में आरोप लगाया है कि टीएसपीएल का एक कार्यकारी 263 चीनी श्रमिकों के लिए परियोजना वीजा फिर से जारी करवाना चाह रहा था, जिसके लिए कथित रूप से 50 लाख रुपये की रिश्वत दी गयी थी. एजेंसी का आरोप है कि टीएसपीएल के तत्कालीन उपाध्यक्ष विकास मखारिया ने इसके लिए कार्ति चिदम्बरम के खास सहयोगी भास्कररमन से संपर्क किया.
कार्ति चिदंबरम पर आरोप है कि उन्होंने तलवंडी साबो पावर लिमिटेड प्रोजेक्ट में काम करने वाले चीनी इंजीनियरों के लिए रिश्वत लेकर वीजा जारी कराया था. इस मामले में सीबीआई ने नया मामला दर्ज किया है. इसी सिलसिले में 17 मई को कार्ति चिदंबरम के चेन्नई, मुंबई, तमिलनाडु, पंजाब, दिल्ली, ओडिशा में स्थित करीब नौ ठिकानों पर सीबीआई ने छापे मारे थे.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-दिल्ली के नये उप राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना बने
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