द्रमुक सांसद का विवादित बयान, कहा- हिंदी अविकसित राज्यों की भाषा, ये केवल शूद्रों के लिए है

द्रमुक सांसद का विवादित बयान, कहा- हिंदी अविकसित राज्यों की भाषा, ये केवल शूद्रों के लिए है

प्रेषित समय :16:50:02 PM / Mon, Jun 6th, 2022

चेन्नई. द्रमुक सांसद टीकेएस एलंगोवन ने हिंदी को अविकसित राज्यों की भाषा बताकर भाषा-युद्ध की बहस में एक नया विवाद खड़ा कर दिया है. उन्होंने एक कथित जातिवादी टिप्पणी भी की, जिसमें उन्होंने कहा कि हिंदी केवल शूद्रों के लिए है. टीकेएस एलंगोवन ने कहा कि हिन्दी केवल अविकसित राज्यों जैसे बिहार, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में मातृभाषा है.

टीकेएस एलंगोवन ने कहा कि पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तेलंगाना, तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात और पंजाब जैसे राज्यों को देखिए. क्या ये सभी विकसित राज्य नहीं हैं? इन सभी राज्यों में हिंदी मातृभाषा नहीं है.

बाद में अपने बयान पर उन्होंने कहा कि मैंने शूद्र शब्द नहीं गढ़ा. तमिल समाज एक समतामूलक समाज है और दक्षिण में वर्ग भेद का अभ्यास नहीं करता. उत्तर से भाषा के प्रवेश के कारण इसने हमें भी विभाजित कर दिया है. द्रविड़ आंदोलन के दौरान लोगों ने शूद्रों, ओबीसी के शिक्षा अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी. मैंने जो कहा वह यह था कि जब हिंदी में प्रवेश किया तो यह हमारे लिए उत्तर में लागू की गई सांस्कृतिक प्रथा को ला सकता है. तो यह हमारे शूद्र वर्ग की पुष्टि करेगा, मेरा मतलब था.

हाल ही में तमिलनाडु के शिक्षा मंत्री के पोनमुडी ने भी उस समय विवाद खड़ा कर दिया था, जब उन्होंने कहा था कि राज्य में हिन्दी बोलने वालों के लिए नौकरी की संभावनाएं कमजोर हैं, क्योंकि उनमें से ज्यादातर पानी-पूरी बेचते हैं और छोटे-मोटे काम करते हैं.

इस साल की शुरुआत में भारत में भाषा पर बड़े पैमाने पर भाषा युद्ध छिड़ गया था जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह तय किया गया है कि सरकार चलाने के लिए हिंदी माध्यम होगी. संसदीय राजभाषा समिति के अध्यक्ष ने सदस्यों को बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल का 70त्न एजेंडा अब हिंदी में तैयार किया गया है.

इसके अतिरिक्त, उन्होंने जोर देकर कहा कि जब अन्य भाषा बोलने वाले राज्यों के नागरिक एक दूसरे के साथ संवाद करते हैं, तो यह भारत की भाषा में होना चाहिए, और हिंदी को अंग्रेजी के विकल्प के रूप में स्वीकार किया जाना चाहिए न कि स्थानीय भाषा के लिए. उन्होंने कहा कि समय आ गया है कि 'हिंदी को देश की एकता का अहम हिस्सा बनाया जाए.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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