नई दिल्ली/ढाका. पिछले दिनों भारत में पैगंबर पर टिप्पणी का विवाद अचानक बढ़ गया और पूरे देश का माहौल खराब हो गया. इस बीच एक वरिष्ठ बांग्लादेशी मंत्री ने कहा है कि पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ भाजपा के दो पूर्व पदाधिकारियों द्वारा की गई टिप्पणी से उत्पन्न विवाद भारत का आंतरिक मुद्दा है और कुछ अन्य मुस्लिम देशों के विपरीत बांग्लादेश में यह ध्यान खींचने वाला मामला नहीं है. वहीं, उन्होंने इस आलोचना को भी खारिज कर दिया कि देश की सरकार इस मुद्दे पर समझौता कर रही है.
सूचना और प्रसारण मंत्री हसन महमूद ने इस मुद्दे पर कानूनी कार्रवाई करने के लिए भारत सरकार को बधाई दी और कहा कि पैगंबर के खिलाफ किसी भी बयान की निंदा की जानी चाहिए. यहां आने वाले भारतीय पत्रकारों के एक समूह से बात करते हुए उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर भारत में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है और उम्मीद है कि आगे की कार्रवाई भी की जाएगी.
प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार पर इस मुद्दे पर समझौता करने का आरोप लगाने वाले कट्टरपंथियों के बारे में एक सवाल के बारे में उन्होंने कहा, बांग्लादेश सरकार पैगंबर के खिलाफ टिप्पणी पर समझौता नहीं कर रही है और वह ऐसा कभी नहीं करेगी. मैंने खुद इसकी निंदा की है. मैंने एक जनसभा में इस मुद्दे की निंदा की है.
बांग्लादेश सरकार द्वारा इस मुद्दे की आधिकारिक रूप से निंदा न करने के संदर्भ में, महमूद ने इसे अपने देश के लिए एक बाहरी मामला बताया. उन्होंने कहा, यह (बांग्लादेश का) आंतरिक मामला नहीं है, बल्कि बाहरी मामला है. यह भारत का आंतरिक मामला है. दुनिया में जब भी ऐसा कुछ होता है तो कुछ इस्लामिक पार्टियां यहां भी विरोध करती हैं और अमूमन ऐसा होता है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-विधानसभा चुनाव में टीएमसी उम्मीदवार रही आलो रानी को कलकत्ता हाईकोर्ट ने माना बांग्लादेशी नागरिक
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