दिल्ली. भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा के पैगंबर के खिलाफ दिए गये आपत्तिजनक बयान के बाद उत्तर प्रदेश में पिछले दिनों हुई हिंसा और पथराव की घटनाओं के बाद आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चलाए गए. इस मामले में आज गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने कहा है कि कोई भी कार्रवाई पूरी प्रक्रिया के बाद होनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को तीन दिन में हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है.
सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में अब अगले सप्ताह सुनवाई होगी. कोर्ट ने उत्तरप्रदेश सरकार से पूरी जानकारी मांगी है. उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से कोर्ट में कहा गया कि घर तोडऩे की कार्रवाई पूरी प्रक्रिया का पालन करने के बाद हुई है.
प्रयागराज मामले में 10 मई को नोटिस भेजा गया था. इसके बाद 25 मई को नोटिस देकर कहा गया था कि क्यों नहीं ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जाए. इसके बाद भी आरोपी की ओर से जवाब नहीं मिला, जिसके बाद कार्रवाई की गई. कोर्ट ने कहा कि सरकार किसी खास वर्ग को निशाना बनाकर कार्रवाई नहीं कर रही है.
गौरतलब है कि जमीयत उलेमा ए हिंद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, याचिका में कहा गया था कि उत्तर प्रदेश सरकार बिना उचित प्रक्रिया के पालन किए घरों को तोड़ रही है. कोर्ट से मांग की गई कि वह राज्य सरकार को घरों को नहीं तोडऩे का निर्देश दे. सीनियर वकील हरीश साल्वे ने इस मामले में उत्तरप्रदेश सरकार का पक्ष सुप्रीम कोर्ट में रखा.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश: आर्य समाज मंदिर को विवाह प्रमाणपत्र जारी करने का कोई अधिकार नहीं
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