शिवपुरी. मध्य प्रदेश के शिवपुरी में एक अजीबो गरीब मामला सामने आया हैं. मामला यह है कि एक तहसीलदार ने सरपंच की जीत का प्रमाण पत्र देने के लिए 3 लाख की रिश्वत मांगी थी. पहले किश्त वह ले चुका था, लेकिन 1 लाख की दूसरी किश्त लेते समय लोकायुक्त की टीम ने रंगे हाथों पकड़ लिया. किसी तहसीलदार द्वारा चुनाव में जीत का प्रमाण पत्र देने का मामला पहली बार सामने आया है. फरियादी पांच वोट से चुनाव जीता था.
ग्राम पंचायत भरसूला से सरपंच पद प्रत्याशी के पति उमाशंकर लोधी ने लोकायुक्त में शिकायत दर्ज कराई थी. आरोप था कि 5 वोट से चुनाव जीतने के बाद भी तहसीलदार सुधाकर तिवारी प्रमाण पत्र देने के एवज में तीन लाख की मांग कर रहे है. उमाशंकर लोधी ने बताया कि तहसीलदार तिवारी ने उन्हें काल कर कहा था कि यहां पर कुछ गड़बड़ होने वाली है. आप मतदान केंद्र पर आ जाओ. जब मैं वहां पहुंचा तो तहसीलदार ने कहा कि मैं मदद करूंगा लेकिन सामने वाली पार्टी 1.5 लाख रुपए देने के लिए तैयार है. इसके बाद उन्होंने तीन लाख की मांग की. इस पर मैंने कहा कि इतने रुपए में नहीं दे सकता हूं. मेरा चुनाव में खर्चा हो गया है, किसी तरह एकाध लाख की व्यवस्था कर पाऊंगा. फिर मामला डेढ़ लाख में तय हो गया और जीत का प्रमाण पत्र देने के लिए पेशगी के रूप में 50 हजार रुपए भी तहसीलदार ने पहले ले लिए.
इसके बाद लोकायुक्त में शिकायत की तो काल रिकार्ड किए गए जिसमे डेढ़ लाख में सौदा तय हो गया. इसके बाद लोकायुक्त टीम ने रणनीति बनाई और मंगलवार सुबह उमाशंकर लोधी को 1 लाख रुपए रंग लगाकर तहसीलदार को देने के लिए तहसीलदार के आवास कोटा बस स्टैण्ड के पीछे भेजा. उमाशंकर लोधी एक लाख रुपए लेकर तहसीलदार के आवास में पहुंचे और उन्हें रिश्चवत की रकम दी. इसके बाद तुरंत पास में मौजूद लोकायुक्त की टीम आवास में पहुंची और तहसीलदार को रंगे हाथों एक लाख रुपए के साथ पकड़ लिया. इसके बाद उनके हाथ धुलवाए गए तो उनके हाथ रंग गए. इसके बाद टीम ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया और लिखापढ़ी की औपचारिकता पूरी करने लगी.
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