केरल के अब सभी स्कूल होंगे को-एड, बाल अधिकार आयोग का आदेश, अगले एकेडमिक ईयर से एक साथ होगी पढ़ाई

केरल के अब सभी स्कूल होंगे को-एड, बाल अधिकार आयोग का आदेश, अगले एकेडमिक ईयर से एक साथ होगी पढ़ाई

प्रेषित समय :16:09:14 PM / Fri, Jul 22nd, 2022

तिरुवनंतपुरम. केरल राज्य के बाल अधिकार आयोग ने शुक्रवार को स्कूलों को लेकर आदेश जारी किया. इसमें 2023-24 एकेडमिक ईयर से गर्ल्स स्कूल और बॉयज स्कूलों को खत्म करने के लिए कहा गया है. आयोग ने कहा है कि इन सभी स्कूलों को को-एड में बदला जाना चाहिए.

बाल अधिकार आयोग ने सामान्य शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव, सामान्य शिक्षा निदेशक और एससीईआरटी के निदेशक को भी आदेश को लागू करने के लिए एक योजना तैयार करने को कहा है. इन अधिकारियों को उन स्कूलों में शौचालय सहित कई सुधार करने के लिए भी कहा गया है, जिन्हें को-एड में बदला जाएगा. आयोग का आदेश कोल्लम जिले के आंचल के डॉ. इसाक पॉल द्वारा दायर एक याचिका पर दिया गया है. याचिकाकर्ता ने तर्क दिया था कि इन स्कूलों में जेंडर जस्टिस से इनकार किया गया था.

सरकार इस तरह की प्रथा खत्म करे

आयोग ने याचिकाकर्ता के तर्क में दम पाया. आयोग के सदस्य रेनी एंटनी की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि यह हैरान करने वाली बात है कि केरल में अभी भी लड़कों और लड़कियों के लिए विशेष स्कूल चल रहे हैं. वर्तमान में लड़कों और लड़कियों को अलग-अलग स्कूलों में पढ़ाने की कोई आवश्यकता नहीं है. सरकार को इस तरह की अवैज्ञानिक प्रथा को समाप्त करने में संकोच नहीं करना चाहिए. जनरल शिक्षा मंत्री वी शिवनकुट्टी ने भी कहा था कि विशेष स्कूलों को को-एड में बदलना सरकार की पॉलिसी है. 4 जुलाई को उन्होंने विधानसभा को बताया कि पिनाराई मंत्रालय के सत्ता में आने के बाद 11 विशेष स्कूलों को को-एड में बदल दिया गया था. उन्होंने कहा कि यदि अधिक स्कूल इस मामले में आगे आएंगे तो उन्हें बदला जाएगा.

माता-पिता की मानसिकता को बदलने की जरूरत

आयोग ने भी माता-पिता की मानसिकता को बदलने की जरूरत पर जोर दिया है. उन्होंने कहा कि जो माता-पिता इस धारणा में हैं कि लड़कों के साथ पढऩे से स्कूलों का अनुशासन खराब हो जाएगा और लड़कियों की स्वतंत्रता में खत्म हो जाएगी, उन्हें मिक्सड एजुकेशन के लाभों के बारे में साइंटिफिक तरीके से बताया जाना चाहिए. स्कूल के अधिकारियों और पीटीए को इसके लिए पहल करनी चाहिए. आयोग ने अपने आदेश में कहा कि को-एड स्कूलों पर हुए इंटरनेशनल सर्वे से पता चला है कि ऐसे स्कूलों में पढऩे से बच्चों में आपसी सम्मान पैदा होगा और जेंडर इक्वेलिटी भी सुनिश्चित होगी. साथ ही बच्चों में रूढि़वादी विचारों को दूर करने और लड़कों को दूसरे लिंग का सम्मान करने के लिए प्रोत्साहित करने में भी मदद मिलेगी.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

भारत पहुंचा मंकीपॉक्स: केरल में मिला पहला केस, विदेश से लौटा था शख्स

केरल में आरएसएस कार्यालय पर बम से किया हमला, विस्फोट से क्षतिग्रस्त हुई इमारत

मॉल में डिस्काउंट के ऐलान पर केरल के इस शहर में उमड़ी भीड़, आधी रात से लाइन में लगे लोग

केरल में यौन उत्पीडऩ केस में पूर्व एमएलए पीसी जॉर्ज गिरफ्तार

केरल हाईकोर्ट ने कहा- रिश्ते में खटास आई तो पुरुष पर नहीं लगा सकते रेप का आरोप

Leave a Reply