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कात्यायनी यंत्र एवं कात्यायनी माला.
कई जो संतान के विवाह में विलम्ब से दुखी हैं. इस कष्ट के निवारण हेतु पुत्र या पुत्री जिसके विवाह में अड़चनें आ रही हों उसे यह प्रयोग करना चाहिए.
विवाह की कामना रखने वाले साधक (लड़का या लड़की) को बाजोट पर ‘कात्यायनी यंत्र एवं कार्यसिद्धि माला’ को स्थापित करना चाहिए. विधिवत् यंत्र आदि का पूजन कर श्रावण के हर सोमवार को निम्न मंत्र का जाप करना चाहिए.
मंत्र -हे गौरि शंकरार्धांगि यथा त्वं शंकरप्रिया|
मां कुरु कल्याणि कान्ताकान्ता सुदुर्लभाम||
लड़के के विवाह के लिए निम्न मंत्र का जाप करना चाहिए.
मंत्र - पत्नी मनोरमां देहि मनोवृत्यानुसारिणीम|
तारिणी दुर्गसंसारसागरस्य कुलोदभवाम||
पूरे श्रावण मास में इस मंत्र की 108 माला जाप होना आवश्यक है. श्रावण मास के पश्चात् यंत्र को व माला को पूजा स्थान में स्थापित कर दें और विवाह निश्चय होने के बाद इसे जल में प्रवाहित कर दें
शादी में समस्याएं आएं हैं. ज्योतिष के अनुसार विवाह रिश्तों में पेशानियों के कई कारण होते हैं. यदि आपकी कुंडली के पांचों तत्वों में अग्नि या वायु तत्व की मात्रा ज्यादा होने पर अक्सर विवाह होने में बाधा आती है.
1- इन कारणों से विवाह में बाधा उत्पन्न होती है
1 - चन्द्रमा,शुक्र अथवा बृहस्पति की स्थिति कमजोर होने पर भी विवाह होने पर बाधा आती है.
2- कुंडली में मंगल दोष अथवा ग्रहण योग होने पर भी विवाह होने पर बाधा आने लगती है.
3- अष्टम अथवा द्वितीय भाव में पाप ग्रह होने पर भी व्यक्ति अपनी शादी के लिए परेशान रहता है.
4- सप्तम भाव या सप्तमेश की स्थिति पापक्रांत होने पर भी शादी से जुड़ी समस्याएं झेलनी पड़ती हैं.
5-श्रावण मास में शादी में आ रहीं समस्याओं को दूर करने क्या उपाय करें किस प्रकार सावन का महीना वैवाहिक जीवन की बाधाओं को दूर कर सकता है?
6- सावन के महीने में ही जल तत्त्व की मात्रा ज्यादा होती है जो वास्तव में पारिवारिक जीवन का कारक तत्व माना जाता है.
7- मंगल दोष, ग्रहण योग या विवाह न होने का योग सावन में ज्यादा बेहतर तरीके से शांत किया जा सकता है.
8- सावन के महीने के शिव जी अधिष्ठाता होते हैं. इनकी पूजा से भाग्य बदल सकता है.
9- अगर सावन के महीने में शिव और पार्वती की संयुक्त पूजा की जाए तो न केवल विवाह शीघ्र होता है, बल्कि अगर वैवाहिक जीवन में बाधा है तो वो भी दूर हो जाती है.
यदि जातक की उम्र 21 से 24 वर्ष के बीच हो तो-
10- सावन में नियमित रूप से पीले वस्त्र धारण करें.
11- शिव पार्वती को संयुक्त रूप से एक ही माला अर्पित करें.
12- सायंकाल शिव-पार्वती की संयुक्त पूजा करें.
13- "ॐ गौरी शंकराय नमः " का जाप करें.
14- यह प्रयोग सावन में लगातार 09 दिन करें.
यदि जातक की उम्र 25 से 30 वर्ष हो तो-
15- सावन में पीले वस्त्र धारण करके पूजा करें.
16- शिव लिंग पर सुगंध अर्पित करें, फिर जल की धारा चढ़ाएं.
17- "ॐ पार्वतीपतये नमः"का 108 बार जाप करें. ऐसा करने से आपकी मनोकामना पूर्ण होगी. - यह प्रयोग सावन में लगातार 09 दिन तक करें.
यदि जातक की उम्र 30 वर्ष से ज्यादा हो तो-
18- 108 बेल पत्र ले लें. -- हर बेलपत्र पर चन्दन से "राम" लिखें.
1 - इसके बाद एक एक करके सारे बेलपत्र शिवलिंग पर चढ़ाएं.
2 - हर बेलपत्र चढाते समय "ॐ नमः शिवाय"कहें.
3 - यह प्रयोग सावन के हर सोमवार को करें.
4 - आपका विवाह शीघ्र हो जाएगा.
19- सावन में करें ये उपाय-
1- सावन में रोजाना शिव जी को सफेद चन्दन लगाएं.
2- इसके बाद उन्हें जल अर्पित करें.
3- इससे दाम्पत्य जीवन की समस्याएं दूर हो जाएंगी.
ज्योतिष में नौ ग्रहों में से सूर्य, शनि, राहु, और केतु को सकारात्मक प्रभाव के लिए जाना जाता है. इनमें से राहु एवं शनि को विशेष रूप से नकारात्मक प्रभाव के लिए जाना जाता है. शनिदेव के खराब प्रभाव से जातक का विवाह सही समय पर नहीं हो पाता है और कुण्डली में शनि और राहु साथ में हो तो समाज की मान्यताओं से कुछ हट कर विवाह होता है. जिसे प्रेम विवाह भी कहा जा सकता है. सही आयु में और सही समय पर सही व्यक्ति के साथ विवाह हो जाना अपने आप में एक बहुत बड़ा सौभाग्य है.
शीघ्र विवाह के लिए इन चारों ग्रहों की शांति अति आवश्यक होता है. वहीं कुंडली में कुछ योग ऐसे भी होते हैं जो विवाह में देरी का कारण बनते हैं. ग्रहों की अशुभ स्थति इनका प्रमुख कारण होती है जिनका निदान आप ग्रहों के उपाय अर्थात जप, पूजा, दान, व्रत व अन्य वैदिक अनुष्ठान के माध्यम से स्वयं कर व किसी योग्य कर्मकांडी से भी करा सकते हैं.
1- इस समस्या के निदान के लिए मां मंगला गौरी अर्थात् मां पार्वती की आराधना प्रमुख होती है.
'शिव गौरी' के पूजन से और उनकी कृपा से कोई भी जातक शीघ्र विवाह के बंधन में बंध सकता है.
2- शीघ्र विवाह विवाह हेतु घर मे स्फटिक के शिवलिंग की स्थापना करें व नियमित रूप से अभिषेक करें.
3- विवाह योग्य जातक का शयन, वायव्य कोण ( उत्तर पश्चिम ) में होना चाहिए.
4- श्रावण मास के प्रथम दिन अपने घर के पूजा के स्थान पर शिव व गौरी की प्रतिमा को स्थापित करें.
5- श्रावण मास में नियमित रूप से शिव व गौरी का पंचोपचार पूजन तथा भोग अर्पित करें एवं श्वेतार्क पुष्प और बिल्वपत्र अर्पित करें व निम्न मंत्र की एक माला का जप करें.
हे गौरी शंकर अर्धागिंनी यथा त्वं शंकर प्रिया.
तथा माम कुरू कल्याणी कान्त कान्ता सुदुर्लभम्..
इस उपाय को पूरी श्रृद्धा के साथ करने से विवाह में बाधा नहीं आती है.
6- इसी के साथ यदि कोई भी कन्या गोस्वामी तुलसीदास कृत पार्वती मांगल्य का पाठ करती है तो भी विवाह बाधा दूर हो कर एक उच्च वर की प्राप्ति होती है.
7- विवाह योग्य कन्या सोमवार को पान एवं सुपारी से शिवलिंग का पूजन एवं जलाभिषेक करें तो शुभ फल प्राप्त होता है.
शीघ्र विवाह के लिए मंत्र -
8- तुलसी की माला से रामचरित मानस की निम्न चौपाई का राम सीता के चित्र के सामने 108 बार नित्य पाठ करना शीघ्र विवाह के लिए दिव्य प्रयोग है.
सुनि सिय सत्य असीस हमारी.
पूजिहि मन कामना तिहारी.
9- यदि कन्या के विवाह में कोई रूकावट आ रही हो तो पूजा वाले 5 नारियल लें कर शिवालय में रख कर ॐ श्रीं वर प्रदाय श्री नमः मंत्र की पांच माला का जाप करें. जाप के बाद पांचों नारियल शिव जी के मंदिर में चढ़ा दें विवाह की बाधाएं दूर होती जाएंगी.
10- कन्या को विवाह लिए 16 सोमवार का व्रत करना चाहिए तथा प्रत्येक सोमवार को शिव मन्दिर में जाकर जलाभिषेक करना चाहिए और साथ में पार्वतीजी का श्रृंगार करें शिव पार्वती के
विवाह में विलंब के मुख्य कारण कही कुंडली नहीं मिलना, तो कहीं मन व विचार नहीं मिलना या दहेज की समस्या आड़े आना रहता है इसके अलावा बढ़ती आयु के साथ संबंधों का आना भी कम हो जाता है जिससे पूरा परिवार चिंतित रहता है. ऐसा नहीं है कि केवल युवती की शादी में ही परेशानियां आती है, कई बार युवकों का भी तमाम कोशिशों के बावजूद विवाह नहीं हो पाता.
नौ ग्रहों में से सूर्य, मंगल,शनि, राहु, और केतु का प्रभाव अधिक माना गया है. इन में मंगल,राहु व शनि विशेष रुकावटें उत्पन्न करते हैं
युवती के लिए अचूक उपाय
1. माता वैभव लक्ष्मी की आराधना :-
इसके तहत माता वैभवलक्ष्मी के 5,7 या 11 शुक्रवार के व्रत का संकल्प लें. इन तीन संख्याओं में से आप किसी भी इच्छित संख्या का संकल्प ले सकती हैं.
इसके बाद पूरी श्रृद्धा और विश्वास के साथ इन व्रतों को करें. व्रत पूर्ण हो जाने पर व्रत का उद्यापन करें. इसमें भी 5,7 या 11 सुहागन स्त्रियों या कन्याओं को भोजन कराएं और वैभवलक्ष्मी की पुस्तकें बांटे साथ ही सुहागन स्त्रियों को सुहाग सामग्री का दान करें.
2. गौरा माता की अराधना :-
विवाह में आ रही बाधा को दूर करने के लिए एक अन्य अचूक उपाय गौरा (गौरी) माता की आराधना करना है. इसके तहत गौरी माता की अराधना का विवरण रामायण में भी मिलता है. माता सीता ने विवाह से पूर्व गौरा माता की अराधना कर श्रीराम जी को वर रूप में प्राप्त किया था.
ऐसे करें गौरा माता की अराधना :-
इस आराधना के लिए प्रात:काल स्नान कर गौरी माता के चित्र को सामने रखकर रामचरित मानस के बालकांड में से ये चौपाई छंद का नित्य पाठ करें. 51 दिन तक इसका पाठ करना उचित माना जाता है.
आपका न आदि है, न मध्य है और न अंत है. आपके असीम प्रभाव को वेद भी नहीं जानते. आप संसार को उत्पन्न, पालन और नाश करने वाली हैं. विश्व को मोहित करने वाली और स्वतंत्र रूप से विहार करने वाली हैं.
पति को इष्टदेव मानने वाली श्रेष्ठ नारियों में हे माता! आपकी प्रथम गणना है. आपकी अपार महिमा को हजारों सरस्वती और शेषजी भी नहीं कह सकते .
हे (भक्तों को मुंहमांगा) वर देने वाली! हे त्रिपुर के शत्रु शिवजी की प्रिय पत्नी! आपकी सेवा करने से चारों फल सुलभ हो जाते हैं. हे देवी! आपके चरण कमलों की पूजा करके देवता, मनुष्य और मुनि सभी सुखी हो जाते हैं.
मेरे मनोरथ को आप भलीभांति जानती हैं, क्योंकि आप सदा सबके हृदय रूपी नगरी में निवास करती हैं. इसी कारण मैंने उसको प्रकट नहीं किया. ऐसा कहकर जानकीजी ने उनके चरण पकड़ लिए.
गिरिजाजी सीताजी के विनय और प्रेम के वश में हो गईं. उन (के गले) की माला खिसक पड़ी और मूर्ति मुस्कुराई. सीताजी ने आदरपूर्वक उस प्रसाद (माला) को सिर पर धारण किया.
गौरीजी का हृदय हर्ष से भर गया और वे बोलीं
हे सीता! हमारी सच्ची आसीस सुनो, तुम्हारी मनःकामना पूरी होगी. नारदजी का वचन सदा पवित्र (संशय, भ्रम आदि दोषों से रहित) और सत्य है. जिसमें तुम्हारा मन अनुरक्त हो गया है, वही वर तुमको मिलेगा.
जिसमें तुम्हारा मन अनुरक्त हो गया है, वही स्वभाव से ही सुंदर साँवला वर (श्री रामचन्द्रजी) तुमको मिलेगा. वह दया का खजाना और सुजान (सर्वज्ञ) है, तुम्हारे शील और स्नेह को जानता है. इस प्रकार श्री गौरीजी का आशीर्वाद सुनकर जानकीजी समेत सब सखियां हृदय में हर्षित हुईं. तुलसीदासजी कहते हैं- भवानीजी को बार-बार पूजकर सीताजी प्रसन्न मन से राजमहल को लौट चलीं
3. कात्यायनी माता की अराधना :-
विवाह नहीं होने की स्थिति में या किसी तरह की रुकावट आने पर मां कात्यायनी की आराधना भी इस परेशानी से निजाद दिलाती है.
इसके तहत माता कात्यायनी की आराधना करने के लिए प्रात:काल स्नानादि के बाद माता के इस मंत्र से जाप का संकल्प लें
मंत्र : कात्यायनी महामये महायोगिन्यधीश्वरी
नंद गोप सुतं देहि पतिं में कुरुते नम:.
माता के मंत जाप के लिए 1माला, 5 माला या 10 माला प्रतिदिन एक समान गिनती में जाप करें. मंत्र की संख्या 1 लाख 8 हजार या कार्य पूर्ण होने तक अपनी सामथ्रर्यनुसार संकल्प कर सकते हैं. संकल्पित मंत्र संख्या पूर्ण होने के बाद या विवाह के बाद यज्ञ(हवन) द्वारा मंत्र जाप का उद्यापन करें.सबसे जरूरी: इन सभी उपायों के दौरान इस बात का खास ध्यान रखें कि ये पूरी श्रृद्धा और विश्वास के साथ किए जाएं.
4. वहीं विवाह मे हो रही देरी के संबंध में एक और उपाय खास माना जाता है. इसके तहत माता पार्वति का पूजन कर भी उत्तम वर की प्राप्ति की जा सकती है. सवा माह तक जाप करें.
मंत्र: हे गौरी शंकरार्धागिनी यथा त्वमं शंकर प्रिया तथा माम कुरू कल्याणीकान्त कान्ता सुदुर्लभम्..
युवकों के लिए उपाय
1. पुरुषों के विवाह में आ रही बाधा दूर करने का सबसे खास उपाय मां दुर्गा की आराधना करना है.
इसके तहत प्रात:काल स्नानादि करके शुद्ध तन व शुद्ध मन से दुर्गासप्तशती में दिए इस श्लोक का रुद्राक्ष की माला से जाप करें.
यदि कन्या की शादी में कोई रूकावट आ रही हो तो पूजा वाले 5 नारियल लें ,
भगवान शिव के आगे रख कर “ ॐ श्रीं वर प्रदाय श्री नमः ” मंत्र का पांच माला जाप करें.
जप के उपरांत पांचों नारियल शिव जी के मंदिर में चढा दें ,विवाह की बाधायें अपने आप दूर होती जायेंगी.
शीघ्र विवाह के लिए कन्या को 16 सोमवार का व्रत करना चाहिए तथा प्रत्येक सोमवार को शिव मन्दिर में जाकर जलाभिषेक करें,
माँ पार्वती का श्रृंगार करें,
शिव पार्वती के मध्य गठजोड़ बांधे और शीघ्र विवाह के लिए प्रार्थना करें.
उत्तम विवाह प्रस्ताव आने प्रारम्भ हो जाएंगें.
वर की कामना पूर्ति के लिए कन्या को निम्न मंत्र का शिव-गौरी पूजनकर एक माला का जप करना चाहिए.
ॐ नमः मनोभिलाषितं वरं देहि वरं ह्रीं ॐ गोरा पार्वती देव्यै नमः
रामचरित मानस के बालकाण्ड में शिव पार्वती विवाह प्रकरण का नित्य पाठ करने से कन्या का विवाह शीघ्र होता देखा गया है.
विवाह अभिलाषी लड़का या लड़की शुक्रवार के दिन भगवान शंकर पर जलाभिषेक करें तथा शिवलिंग पर ’’ ॐ नमः शिवाय ’’ बोलते हुए 108 श्वेतार्क पुष्प चढ़ावें ,
शीघ्र विवाह की प्रार्थना करें साथ ही शंकर जी पर 21 बिल्व पत्र चढ़ावें
यह कम से कम 7 शुक्रवार करें, शीघ्र ही विवाह के प्रस्ताव आने प्रारम्भ हो जायेगें.
Koti Devi Devta
सावन में बाबा विश्वनाथ का दर्शन-पूजन हुआ महंगा, सभी व्यवस्थाओं में 25 से 30 फीसदी की बढ़ोतरी
गुरु पूर्णिमा के अवसर पर जिसने भी गुरु बनाए हैं , वह उनका दर्शन एवं पूजन अवश्य करें
व्रत व पूजन के समय हनुमान जी के लाल पुष्प चढावे और लाल वस्त्र धारण करें
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