28 जुलाई 2022 को हरियाली अमावस है. इसे पितृ अमावस्या कहते हैं
हरियाली अमावस्या श्रावण मास में पड़ने वाली अमावस्या को कहते हैं इसे श्रावणी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है हरियाली अमावस्या सावन शिवरात्रि के दूसरे दिन पड़ती है.
क्योंकि संसार को चलाने वाले संसार की मैनेजमेंट देखने वाले भगवान विष्णु अभी विश्राम कर रहे हैं. यानी चतुर्मास चल रहा है.
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इन दिनों सामाजिक प्राणियों का देखरेख उनके पितरों के हाथ में है. जिनके पितृ उनसे बहुत खुश हैं और संतुष्ट हैं उनके लिए यह बहुत फायदे का समय है.
और जिनको पित्र दोष है, पितृ ऋण है पित्र पाप है. उनके लिए यह बहुत बुरा समय.
जिनके पितृ नाराज हैं या पितृ दोष है, उनके लिए कल का दिन बहुत अच्छा है.
हरियाली अमावस्या पर भी पितरों की शांति के लिए पिंडदान और दान धर्म करने का महत्व है.
हरियाली अमावस्या पर वृक्षारोपण का कार्य विशेष रूप से किया जाता है इस दिन एक नया पौधा लगाना शुभ माना जाता है. इसका फायदा उठाया जा सकता है .
अमावस्या पर जो हरियाणा पंजाब के आसपास के लोग हैं वह कुरुक्षेत्र के स्नेहीत सरोवर पर जाकर पित्र दोष का इलाज करवाएं क्योंकि स्नेहित सरोवर क्षीर सागर भी कहा जाता है जहां से ब्रह्मा जी की उत्पत्ति हुई थी.
तो ब्रह्म का पितृ से बहुत लगाव है
जो उत्तराखंड में है वह कपाली कुंड बद्रीनाथ में तथा जो बिहार की एरिया में है वह गया जी, ऐसे ही यूपी के लोग इलाहाबाद में तथा महाराष्ट्र के एरिया में जो लोग हैं वह त्रंबकेश्वर में जाकर कल अपने पितरों का अनुष्ठान करवाएं.
लेकिन जो यूपी उत्तराखंड हरियाणा पंजाब हिमाचल के लोग हैं दिल्ली के लोग हैं राजस्थान के लोग उनके लिए भी यह विशेष दिन है.
हरिद्वार में विष्णु शीला पर जाकर वह अपने पितरों को देवता में बदल सकते हैं और फिर उनके पित्र ही कुलदेवता होंगे.
आज के दिन की विशेषता यह है कि पितृदोष तो अभी खत्म नहीं होगा, लेकिन आप पितरों की गुड बुक में आ जाओगे.
जिनके पितृ पीड़ित हैं, उनको राहत मिलेगी जिनके पित्र नाराज हैं वह भी खुश होंगे.
पितृदोष अभी रहेगा, लेकिन अचानक ही आपको राहत मिलेगी. बिगड़े हुए काम बनने शुरू हो जाएंगे.
कलह क्लेश खत्म होगा, मान सम्मान मिलना शुरू हो जाएगा और संतान को लेकर अगर कोई समस्या है तो उसमें भी राहत मिलेगी.
शक्ति उपासक---आचार्य पटवाल
Shakti-Upasak Acharya Patwal
हरियाली अमावस्या के दिन अपनी राशि के अनुसार पौधे लगाएं
सावन में बाबा विश्वनाथ का दर्शन-पूजन हुआ महंगा, सभी व्यवस्थाओं में 25 से 30 फीसदी की बढ़ोतरी
गुरु पूर्णिमा के अवसर पर जिसने भी गुरु बनाए हैं , वह उनका दर्शन एवं पूजन अवश्य करें
व्रत व पूजन के समय हनुमान जी के लाल पुष्प चढावे और लाल वस्त्र धारण करें
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