दिल्ली. भूटान के आग्रह के बाद भारत सरकार ने 5000 मीट्रिक टन गेहूं और 10,000 मीट्रिक टन चीनी के निर्यात की घोषणा की है. थिम्पू में भारतीय दूतावास ने एक बयान जारी कर इसकी जानकारी दी है. इससे पहले भारत ने अपनी खाद्य सुरक्षा को मजबूत करने के लिए गेहूं और चीनी के निर्यात पर पाबंदी लगा दी थी.
बताया जा रहा है कि भूटान ने इसके लिए भारत से सरकार से आग्रह किया था. इसके बाद भारत सरकार ने इस पर सहमति जताई और गेहूं और चीनी भेजने का निर्णय लिया है. हाल ही में खाद्य संकट को देखते हुए भारत ने इन दोनों चीजों के निर्यात पर बैन लगा दिया था. हालांकि बैन के बाद भी खाद्य संकट को देखते हुए भारत ने कई देशों के गेहूं निर्यात किया.
उल्लेखनीय है कि भारत और भूटान के बीच दोस्ताना रिश्ता है. भूटान सरकार के रिक्वेस्ट को स्वीकारते हुए भारत सरकार ने यह ऐलान किया. इससे पहले भी भारत सरकार ने भूटान के लिए कई रियायतें दीं. खान पान के लिहाज से भूटान पूरा का पूरा भारत पर निर्भर करता है. पिछले साल भूटान ने भारत से 30.35 मिलियन डॉलर का अनाज खरीदा था. भूटान खास तौर पर भारत से गेहूं, चावल और चीनी खरीदता है. कोरोना महामारी के बाद से भूटान की अर्थव्यवस्था को तगड़ा झटका लगा था. उसे भारत से अनाज निर्यात की उम्मीद थी.
वहीं केंद्रीय खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय ने पिछले महीने जानकारी दी थी कि गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद भी भारत ने बांग्लादेश और अफगानिस्तान सहित करीब एक दर्जन देशों को 18 लाख टन खाद्यान्न का निर्यात किया है. उन्होंने कहा था कि 50,000 टन निर्यात की प्रतिबद्धता के तहत अफगानिस्तान को मानवीय सहायता के रूप में लगभग 33,000 टन गेहूं की आपूर्ति की जा चुकी है.
उन्होंने बताया कि विनियमन के बाद चालू वित्त वर्ष में 22 जून तक 18 लाख टन गेहूं का निर्यात अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, इजराइल, इंडोनेशिया, मलेशिया, नेपाल, ओमान, फिलीपींस, कतर, दक्षिण कोरिया, श्रीलंका, सूडान, स्विट्जरलैंड, थाईलैंड, यूएई, वियतनाम और यमन सहित विभिन्न देशों को किया गया.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-भूटान ने किया पीएम मोदी का सम्मान, सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से नवाजा, बताया- आध्यात्मिक इंसान
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