पलपल संवाददाता, जबलपुर. न्यू लाइफ मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल में हुए अग्रिहादसे को लेकर तरह तरह की चर्चाएं सामने आ रही है, जिसमें यह भी कहा जा रहा है कि लाइट गुल हुई तो अस्पताल के मुख्यद्वार पर रखा जनरेटर चालू किया गया, जिससे धमाके के साथ चिंगारी निकली और आग लग गई, मुख्यद्वार से लगी आग अंदर की ओर फैलती गई, जिसने पूरे अस्पताल को अपनी चपेट में ले लिया, वहीं अस्पताल से बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं था, जिसके चलते अस्पताल के अंदर लोग फंसे रह गए और जो लोगों की मौत का कारण बन गया. वहीं अस्पताल में लगी आग के बीच सीएसपी अखिलेश गौर व गोहलपुर टीआई विजय तिवारी किसी तरह अंदर पहुंच गए और मरीजों सहित अन्य लोगों को बाहर निकालने में जुट गए, दोनों अधिकारी अपनी जान की परवाह किए बिना लोगों को बचाने के प्रयास में लगे रहे.
बताया गया है कि न्यू लाइफ मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल के अंदर जाने और बाहर आने का एक ही रास्ता है, यहां पर कोई भी दूसरा गेट नहीं बनाया गया जिससे मरीज या फिर अस्पताल के डाक्टर, कर्मचारी बाहर निकल सके, मुख्यद्वार पर ही जनरेटर रखा था, जिससे निकली चिंगारी से आग फैली और मुख्यद्वार के आसपास रखे सामान में आग लग गई, जिसने कुछ ही देर में पूरे अस्पताल को अपनी चपेट में ले लिया और लोगों को बाहर निकलने का मौका नहीं मिल सका, हालांकि आग देख बचने के लिए अस्पताल के कर्मचारी से लेकर मरीज तक अस्पताल की तीसरी मंजिल की ओर भागे लेकिन सभी लोग नहीं पहुंच पाए थे, दूसरी मंजिल में फंसे लोग आग की चपेट में आ गए, जिसमें 8 लोगों की मौत हो गई, चर्चाओं में यह बात भी सामने आई है कि अस्पताल में इस तरह की घटनाएं रोकने के भी पर्याप्त इंतजाम नहीं थे, जिसका उपयोग कर हादसे को रोका जा सके, हालांकि मरीजों को बचाने के लिए कुछ लोगों ने अंदर जाने की कोशिश की लेकिन अंदर फैली आग व धुआं से दम घुटने जैसी स्थिति होने के कारण नहीं जा सके. अभी तक की चर्चाओं में यह जानकारी मिल रही है कि न्यू लाइफ मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल में डाक्टर सुरेश पटैल, संतोष सोनी, निशांत गुप्ता व संजय पटैल संचालक है, हालांकि अधिकारिक तौर पर अभी किसी भी डायरेक्टर के नाम सामने नहीं आए है.
सीएसपी गोहलपुर व टीआई गोहलपुर ने अस्पताल से मरीजों को बाहर निकाला-
प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो अग्रिहादसे की खबर मिलते ही सीएसपी गोहलपुर अखिलेश गौर व टीआई गोहलपुर विजय तिवारी तत्काल ही मौके पर पहुंच गए, जो किसी तरह अस्पताल के अंदर तक पहुंच गए और लोगों को बाहर निकालने के लिए जुटे रहे, इस बीच धुआं अधिक होने से गोहलपुर टीआई विजय तिवारी की भी तबियत बिगड़ गई थी, जिन्हे दमोहनाका स्थित अस्पताल पहुंचाया गया. दोनों अधिकारियों ने अपनी जान की परवाह किए बिना अस्पताल के अंदर से मरीजों सहित अन्य लोगों को बाहर निकालने में अह्म भूमिका निभाई.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-जीएसटी, अग्निपथ व महंगाई के मुद्दे पर विपक्ष का हंगामा, संसद की कार्रवाई बाधित
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