श्रीनगर. जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे गुलाम नबी आजाद ने आज जम्मू पहुंचने पर कहा कि कुछ हालात की वजह से और कुछ बदकिस्मती से कांग्रेस छोडऩी पड़ी है. ये एक नई शुरुआत है, एक नई आवाज है. राहुल गांधी की हल्ला बोल रैली पर आजाद ने कहा कि राहुल को बहुत-बहुत मुबारकबाद. उनको 8 साल बाद महंगाई और रोजगार याद तो आया.
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि 2005 से 2008 तक मैं जम्मू कश्मीर का मुख्यमंत्री था. लेकिन कुछ साथी बीच में छोड़कर चले गए थे. इसलिए मेरा एजेंडा उस वक्त पूरा नहीं हो पाया. हमारा एक खुशहाल जम्मू-कश्मीर बनाने का एजेंडा था. जो उस वक्त मेरे साथ कैबिनेट में थे, जितने भी तजुर्बेकार और काबिल लोग थे, एमएसए और मंत्री, वह सब हमारे साथ आएं और हम सब मिलकर उस अधूरे एजेंडा को पूरा करेंगे.
आजाद ने कहा कि जम्मू कश्मीर की खुशहाली का जो सपना था जो टेक ऑफ हुआ था, आधे पर पहुंचा था, लेकिन वह खुशाली कुछ लोगों को पसंद नहीं आई. आजाद ने पीडीपी पर इशारों से निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोगों को खुशहाली पसंद नहीं आई. क्योंकि उन्हें लगा कि यह इतना मशहूर हो जाएगा कि हमें वोट ही नहीं मिलेंगे. इसलिए उन्होंने बीच में ही साथ छोड़ दिया. जिन लोगों ने मुझे पैदल किया वे आज खुद पैदल हो गए हैं.
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि यह नई पार्टी जो बनेगी वह नेशनल ही होगी. लेकिन हमें नेशनल की जल्दी नहीं है, शुरुआत जम्मू-कश्मीर से होगी. जम्मू-कश्मीर में किसी भी वक्त इलेक्शन हो सकता है.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस का हाल हम देख रहे हैं. पिछले 8 साल से हम पूरे देश में देख रहे हैं. 49 असेंबली इलेक्शंस हुए, उसमें 39 कांग्रेस हार गई. अब केवल 2 राज्यों में कांग्रेस है. आजाद ने कहा कि हमने सोचा कि हम अपना घर बनाएंगे. जिसमें सभी ईंट रखेंगे, कोई रेत नहीं रखेगा. क्योंकि राष्ट्रीय स्तर पर रेत केवल जोडऩे वाला है, लेकिन केवल रेत से मकान नहीं बनता है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-गुलाम नबी आजाद समर्थक 42 और नेताओं ने छोड़ी कांग्रेस, अब तक 100 से ज्यादा इस्तीफे
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