बिजनौर. अभिनेता शाहिद कपूर की फिल्म चुप चुप के तो देखी ही होगी. फिल्म में जीतू (शाहिद कपूर) जो कर्ज में डूबा होने की वजह से खुदकुशी करने का फैसला करता है, ताकि उसके मरने के बाद बीमा के पैसे से उसके पिता सारा कर्ज उतार सकें. ये बात बता कर नदी में कूद जाता है. काफी ढूंढने के बाद भी उसकी लाश नहीं मिलती है. बिजनौर से कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है. जहां कर्ज के बोझ में दबे युवक ने घर छोड़ दिया. परिवार वालों ने उसकी मौत की खबर भी फैला दी. लोग तब हैरत में पड़ गए जब वह तेरहवीं से एक दिन पहले जिंदा लौट आया.
दरअसल पूरा मामला बिजनौर में थाना हल्दौर के गांव जगनवाला का है. ग्रामीणों के अनुसार युवक पर ग्रामीणों के करीब तीन लाख रुपये उधार थे. ग्राम प्रधान कमल सिंह ने बताया कि 6 सितंबर को उन्हें युवक के परिजनों ने उसकी मौत की सूचना दी थी. कहा गया था कि किसी कीड़े के काटने से युवक की मौत हुई, उसके शव को गंगा में बहा दिया गया है.
तेरहवीं के एक दिन पहले वापस आया शख्स
गुरुवार को मृत घोषित युवक की तेरहवीं का संस्कार होना था. मामले में दिलचस्प मोड़ उस वक्त आया जब मृत घोषित युवक तेरहवीं से एक दिन पूर्व बुधवार की रात गांव लौट आया.
युवक को जिंदा देख उड़े होश
गुरुवार की सुबह युवक को जिंदा देख ग्रामीण भौचक्के रह गए. इस बारे में जब युवक और उसके परिजनों से बात की गई तो उन्होंने इनकार करने हुए युवक के काम से बाहर जाने की बात कही. अब पुलिस मौत के नाटक के ढोंग की जांच पड़ताल में जुटी गई है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-पीएम मोदी नहीं जाएंगे बिजनौर, आज होनी थी पहली फिजिकल चुनावी रैली
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