नई दिल्ली. भारत सरकार ने कनाडा में रह रहे भारतीय नागरिकों एवं छात्रों के लिए एडवाइजरी जारी की है. भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची की ओर से किए गए ट्वीट में कहा गया है, कनाडा में हेट क्राइम, सेक्टेरियन वायलेंस और भारत विरोधी गतिविधियों की घटनाओं में तेज वृद्धि हुई है. विदेश मंत्रालय और कनाडा में हमारे उच्चायोग वाणिज्य दूतावास ने इन घटनाओं को कनाडा के अधिकारियों के साथ उठाया है और उनसे उक्त अपराधों की जांच करने और उचित कार्रवाई करने का अनुरोध किया है. इन अपराधों के अपराधियों को कनाडा में अब तक न्याय के कटघरे में नहीं लाया गया है.
गवर्नमेंट ऑफ इंडिया की एडवाइजरी में आगे कहा गया है, ऊपर वर्णित अपराधों की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए, भारतीय नागरिकों और कनाडा में भारत के छात्रों, यात्रा/शिक्षा के लिए कनाडा जाने वाले भारतीयों को सलाह दी जाती है कि वे उचित सावधानी बरतें और सतर्क रहें.कनाडा में रहने वाले भारतीय नागरिक और छात्र ओटावा में भारतीय उच्चायोग या टोरंटो व वैंकूवर में भारत के महावाणिज्य दूतावास के साथ उनकी संबंधित वेबसाइटों या मदद पोर्टल madad.gov.in के माध्यम से पंजीकरण कर सकते हैं. पंजीकरण किसी भी आवश्यकता या आपात स्थिति में कनाडा में अपने नागरिकों के साथ बेहतर ढंग से जुड़ने के लिए भारतीय उच्चायोग और महावाणिज्य दूतावास को सक्षम करेगा.
भारत के खिलाफ कनाडा में अलगाववादी गतिविधियों पर अब तक की अपनी तीखी टिप्पणियों में से एक में, विदेश कार्यालय ने कल कहा था कि उसे यह बेहद आपत्तिजनक लगता है कि चरमपंथी तत्वों द्वारा राजनीति से प्रेरित अभ्यास को एक मित्र देश में होने की अनुमति है. भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को कनाडा में तथाकथित खालिस्तान जनमत संग्रह को चरमपंथियों और कट्टरपंथी तत्वों द्वारा आयोजित एक हास्यास्पद अभ्यास के रूप में वर्णित करते हुए कहा, आप सभी इस संबंध में हिंसा के इतिहास से अवगत हैं.
कनाडा ने कहा था कि उसके नागरिकों को शांतिपूर्वक और कानूनी रूप से अपने विचार व्यक्त करने का अधिकार है. कनाडा की सरकार ने यह भी कहा है कि वह भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करती है और वह तथाकथित जनमत संग्रह को मान्यता नहीं देगी. भारतीय विदेश मंत्रालय ने तथाकथित खालिस्तानी जनमत संग्रह को लेकर कनाडा की इस प्रतिक्रिया पर असंतुष्टी जाहिर की. एमईए प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को कहा कि भारत सरकार इस मामले में कार्रवाई के लिए कनाडा सरकार पर दबाव बनाना जारी रखेगी.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-दिल्ली: मस्जिद में पहुंचे आरएसएस चीफ मोहन भागवत, इमाम और मुस्लिम नेताओं से की मुलाकात
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