पलपल संवाददाता, जबलपुर. एमपी हाईकोर्ट ने जबलपुर नगर निगम आयुक्त पर टिप्पणी करते हुए कहा कि जब उनके खिलाफ अवमानना प्रकरण चलने लगा तो रिव्यू याचिका दायर कर दी. रिव्यू 6 वर्ष बाद दायर की गई है जो नियम के विरुद्ध है. जिसके चलते जस्टिस नंदिता दुबे की एकल पीठ ने इस मत के साथ नगर निगम आयुक्त पर 50 हजार रुपए की कासट लगाई है. हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि यह राशि एक माह के अंदर आर्मी सेंटर वेलफेयर फंड में जमा करा दी जाए.
दैनिक वेतन भोगी अवधेश बाजपेई की ओर से दायर याचिका में न्यायालय को बताया कि याचिकाकर्ता सहायक राजस्व निरीक्षक के पद पर दैनिक वेतनभोगी के पद पर पदस्थ था. लेबर कोर्ट ने 15 जुलाई 2003 से नियमितीकरण का लाभ देने के निर्देश भी दिए थे. लाभ न मिलने पर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई. हाईकोर्ट ने 26 जून 206 को लेबर कोर्ट के निर्णय को सही ठहराते हुए 30 दिन के अंदर सभी लाभ देने के आदेश दिए थे. इसके बाद भी कार्यवाही नहीं हुई. जिसपर तो अवमानना याचिका दायर की. उन्होंने बताया कि नगर निगम बार-बार समय लेता रहा, फिर अवमानना कार्यवाही से बचने के लिए रिव्यू याचिका दायर कर दी.
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