कष्ट निवारण के लिए हनुमान जी के कुछ महत्वपूर्ण मंत्र

कष्ट निवारण के लिए हनुमान जी के कुछ महत्वपूर्ण मंत्र

प्रेषित समय :20:35:58 PM / Mon, Oct 17th, 2022

श्री राम भक्त हनुमान जी के कुछ महत्वपूर्ण मंत्र सभी प्रकार के कष्ट का निवारण करते हैं
मंत्र श्री हनुमान मूल मंत्र: ॐ ह्रां ह्रीं ह्रं ह्रैं ह्रौं ह्रः॥
द्वादशाक्षर हनुमान मंत्र: हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्.
फल: से इस मंत्र के बारे शास्त्रो में वर्णित हैं की यह मंत्र स्वतंत शिवजी ने श्रीकृष्ण को बताया और श्रीकृष्ण नें यह मंत्र अर्जुन को सिद्ध करवाया था जिसे अर्जुन ने चर-अचर जगत् को जीत लिया था.
प्रेत बाधा दूर करे चमत्कारी हनुमान मंत्र:
हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार हनुमानजी का नाम लेने से भूत-प्रेत आदि सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं. यदि आप भी ऐसी ही किसी बाधा से पीडि़त हैं तो नीचे लिखे हनुमान मंत्र से इस समस्या का हल संभव है. यदि इस मंत्र का जप विधि-विधान से किया जाए तो कुछ ही समय में ऊपरी बाधा का निवारण हो सकता है. यह हनुमान मंत्र इस प्रकार है
मंत्र :हनुमन्नंजनी सुनो वायुपुत्र महाबल:। अकस्मादागतोत्पांत नाशयाशु नमोस्तुते।।
जप विधि : स्वच्छ अवस्था में यानी स्नान आदि करने के बाद हनुमानजी की पूजा करें और उन्हें सिंदूर तथा गुड़-चना चढ़ाएं. 
मुसीबतों को दूर करे हनुमान मंत्र
हिन्दू धर्म शास्त्रों श्री हनुमान की इसी शक्ति और महिमा का गान करते हुए उनको शक्ति स्वरूपा माता सीता के शोक का नाश करने वाले देवता बताकर जानकी शोक नाशनम् कहकर पुकारा गया है. संकेत है कि श्री हनुमान की उपासना जीवन से हर शोक दूर रखती है. चूंकि श्री हनुमान मंगलमूर्ति भगवान शिव के अवतार भी हैं. यही कारण है कि संकट और शोक नाश के लिए श्री हनुमान की उपासना परंपराओं में शिव भक्ति की तरह आसान उपाय भी बताए गए हैं. 
मंत्र : ॐ हं हनुमंताय नम:।
जप विधि : स्नान के बाद श्री हनुमान मंदिर में जाकर श्री हनुमान की पूजा में केसर चंदन, अक्षत, लाल गुलाब के साथ अलावा विशेष रूप से चमेली का फूल आसान, किंतु अचूक हनुमान मंत्र के साथ अर्पित करें.इस मंत्र की 108 बार रुद्राक्ष की माला से जप भी संकटनाश में बहुत असरदार माने गए हैं. इसके साथ ही चमेली के तेल के साथ श्री हनुमान को सिंदूर चढ़ावें या चोला चढ़ाना भी शोक-पीड़ा मुक्ति की कामना के लिए मंगलकारी सिद्ध होगा. श्री हनुमान को यथाशक्ति भोग लगाकर गुग्गल धूप व गाय के घी के दीप से आरती करें व अक्षय सुख की कामना करें.
संकटों को दूर करे ये हनुमान मंत्र!
जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं. कभी कोई विरोधी परेशान करता है तो कभी घर के किसी सदस्य को बीमार घेर लेती है. इनके अलावा भी जीवन में परेशानियों का आना-जाना लगा ही रहता है. ऐसे में हनुमानजी की आराधना करना ही सबसे श्रेष्ठ है. यदि आप चाहते हैं कि आपके जीवन में कोई संकट न आए तो नीचे लिखे मंत्र का जप हनुमान जयंती व प्रति मंगलवार को कर सकते हैं.
मंत्र : ॐनमो हनुमते रूद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा
जप विधि := सुबह जल्दी उठकर सर्वप्रथम स्नान आदि नित्य कर्म से निवृत्त होकर साफ वस्त्र पहनें. इसके बाद अपने माता-पिता, गुरु, इष्ट व कुल देवता को नमन कर कुश का आसन ग्रहण करें. पारद हनुमान प्रतिमा के सामने इस मंत्र का जप करेंगे तो विशेष फल मिलता है. जप के लिए लाल हकीक की माला का प्रयोग करें.
संकटों को दूर करता है यह हनुमान मंत्र !
जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं. कभी कोई विरोधी परेशान करता है तो कभी घर के किसी सदस्य को बीमार घेर लेती है. इनके अलावा भी जीवन में परेशानियों का आना-जाना लगा ही रहता है. ऐसे में हनुमानजी की आराधना करना ही सबसे श्रेष्ठ है. यदि आप चाहते हैं कि आपके जीवन में कोई संकट न आए तो नीचे लिखे मंत्र का जप हनुमान जयंती या प्रतियेक मंगलवार को भी इस मंत्र का जप कर सकते हैं.
रोग मुक्ति हेतु मंत्र !
यदि प्रयासों के बावजूद भी रोगों से पीछा नहीं छुट रहा हो, डॉक्टर को बीमारी समझ में नहीं आ रही हो, दवा काम नहीं कर रही हो और किसी ने आपसे कहा है कि आपकी जन्मकुंडली में निजकृत कर्मों की वजह से शनि अुनकूल फल प्रदान नहीं कर रहा है तो हनुमान जी की यह पूजा आपको अवश्य लाभ देगी. हर रोज नित्यकर्म से निवृत्त हो स्नानोपरांत मंगलवार के दिन हनुमान जी का ध्यान करते हुए पंचोपचार का पूजन करें. 
कारोबार में लाभ हेतु मंत्र !
संपूर्ण प्रयासों के बावजूद भी कारोबार में लाभ नहीं मिल रहा हो, सारे प्रयास विफल हो रहे हो तो मंगलवार के दिन हनुमान जी की यह आराधना प्रारंभ करें. और लगातार 40 दिन करें. हर रोज नित्यकर्म से निवृत्त हो स्नानोपरांत सूर्योदय से पूर्व हनुमान जी को सिंदूर अर्पित करें. ततपश्चात शुद्घ चंदन का धूप जलाकर, घी का दीपक प्रज्जवलित कर एक पाठ सुंदरकांड का करें. पूजा के उपरांत मीठा भोजन गरीब व जरूरतमंद कन्याओं को कराएं. और साथ में गल खोलूं जल हल खोलूं बंल व्यापार आवे धन अपार. फरो मंत्रा ईश्वरोवाचा हनुमत बचन जुग जुग सांचा. का जाप करे.
कर्जें से मुक्ति हेतु मंत्र !
लाख प्रयासों के बावजूद भी कर्जें से मुक्ति नहीं मिल पा रही हो और किसी ने आपसे कहा है कि आपकी जन्मकुंडली में निजकृत कर्मों की वजह से शनि अुनकूल फल नहीं है, शनिदेव की वजह से कष्ट आ रहे हैं तो हनुमान जी की इस पूजा का करने से संपूर्ण कष्टों से छुटकारा मिलेगा. किसी भी मंगलवार के दिन लाल चंदन की हनुमान जी की प्रतिमा बनाकर, गंगाजल से पवित्र कर श्रद्घापूर्वक अपने पूजा स्थान में लाल वस्त्र पर स्थापित करें.
मंत्र : ॐ नमो हनुमते आवेशाय आवेशाय स्वाहा.
कार्य बाधा निवारण हेतुमंत्र !
चलते काम में अचानक बाधा आती हो, चलता-चलता काम अचानक रुक जाता हो, व्यवसाय में बिना वजह परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हो और लोगों ने आपसे कहा है कि आपकी जन्मकुंडली में निजकृत कर्मों की वजह से शनि अुनकूल फल प्रदान नहीं कर रहा है तो हनुमान जी की इस पूजा से संपूर्ण कष्टों का निवारण होता है. मंगलवार के दिन पूजा प्रारंभ करें. लगातार 40 दिन करें. 
मंत्र : ॐ  नम: हरीमरकटमरकटाय स्वाहा
शत्रु कष्ट निवारण हेतु मंत्र !
बिना वजह दुश्मनों का डर सताता हो, हमेशा मन भयभीत रहता हो, और लोगों ने आपको भयभीत किया हो कि कि आपकी जन्मकुंडली में निजकृत कर्मों की वजह से शनि अुनकूल फल प्रदान नहीं कर रहा है तो हनुमान जी की यह पूजा करने से दुश्मन आपका बुरा नहीं कर पाएगा. किसी भी मंगलवार के दिन यह पूजा प्रारंभ करें. प्रात:काल सूर्योदय से पूर्व उठकर नित्यकर्म से निवृत्त हो स्नानोपरांत माता-पिता के चरण स्पर्श करें.
दुर्घटना निवारण हेतु मंत्र !
यदि आपके साथ में बिना कारण ही दुर्घटना घट जाती है, बार-बार आपकी गाड़ी का एक्सीडेंट होता हो, अनावश्यक भय बना रहता हो, और किसी ने आपसे कहा है कि आपकी जन्मकुंडली में निजकृत कर्मों की वजह से शनि अुनकूल फल प्रदान नहीं कर रहा है तो हनुमान जी की यह प्रयोग आपको अवश्य लाभ देगा.
मंत्र :  ॐ हं हनमते रुद्रआत्मकाय हुं फट्.
कोर्ट-कचहरी के मसलें निवारण हेतु मंत्र !
ईमानदारी, मेहनत, परिश्रम और सच्चाई से काम करने के बावजूद भी कोई न कोई अड़चनें आपको परेशान करती हो और किसी ने आपसे कहा है कि जन्मकुंडली में निजकृत कर्मों की वजह से शनि अुनकूल फल प्रदान नहीं कर रहा है तो हनुमान जी की यह आराधना कष्ट मिटायेगी. मंगलवार के दिन सूर्योदय से पूर्व नित्यकर्म से निवृत्त हो स्नानोपरांत हनुमान जी के श्रीचरणों में मंत्र का जाप करते हुए 108 चुटकी सिंदूर अर्पित करें. 
मंत्र :  ॐ  अग्निगर्भाय नम:
हं हनुमते रुद्रात्मकाय हूं फट.
वाहन प्राप्ति हेतु मंत्र :
संपूर्ण आर्थिक संपन्नता के बावजूद भी वाहन प्राप्ति में तकलीफ आ रही हो, लोगों ने आपको डराया हो कि जन्मकुंडली में निजकृत कर्मों की वजह से शनि अुनकूल फल प्रदान नहीं कर रहा है तो हनुमान जी की यह पूजा आपके लिए रामबाण रहेगी. किसी भी मंगलवार के दिन यह पूजा प्रारंभ करें. लगातार 40 दिन करें.
पारिवारिक सुख हेतु मंत्र !
संपूर्ण मेहनत और परिश्रम के बावजूद भी पारिवारिक सदस्य एक साथ नहीं रह पा रहे हो, घर में हमेशा कलाह रहता हो, बाहर सब कुछ ठीक है और घर में प्रवेश करते ही आपस में टकराव हो जाता है और लोगों ने आपको भयभीत किया है कि जन्मकुंडली में निजकृत कर्मों की वजह से शनि अुनकूल फल प्रदान नहीं कर रहा है तो हनुमान जी की यह पूजा आपको लाभ देगी. किसी भी मंगलवार के दिन यह पूजा प्रारंभ करें.
मंत्र :  ॐ  कपिराजाय नम:
चल-अचल संपत्ति हेतु मंत्र !
लाख कोशिशें के बावजूद भी आप भूमि-भवन और वाहन की प्राप्ति नहीं कर पा रहे हैं. आपके पास धन है उसके बाद बावजूद भी आप संपत्ति नहीं खरीद पा रहे हो और किसी ने आपसे कहा है कि जन्मकुंडली में निजकृत कर्मों की वजह से शनि अुनकूल फल प्रदान नहीं कर रहा है तो हनुमान जी की यह पूजा आपको लाभ देगी. किसी भी मंगलवार को यह पूजा प्रारंभ करें और लगातार 21 दिन तक करें.
मंत्र :   ॐ  राम भक्ताय नम:
मान-सम्मान की प्राप्ति हेतु मंत्र !
यदि संपूर्ण प्रयासों के बावजूद भी मान-सम्मान नहीं मिल रहा है, समाज में आप अपनी बात नहीं कह पा रहे हैं. करना जाते हैं अच्छा और बुरा हो जाता है. लोगों ने आपसे कहा है कि निजकृत कर्मों की वजह से आपका शनि अनुकूल नहीं है तो मंगलवार के दिन यह पूजा प्रारंभ करें और लगातार 40 दिन करें. हर रोज नित्यकर्म से निवृत्त हो स्नानोपरांत गीले कपड़ों में 9, 11 या 21 श्वेतार्क के पुष्प हनुमान जी के श्रीचरणों में अर्पित करें. अवश्य लाभ मिलेगा. हर रोज मंत्र की 5 माला का जाप करें.
मंत्र : ॐ  हं पवननदनाय स्वाहा
हनुमान मंत्र से करें कालसर्प दोष शांति !
जिंदगी सुख और दु:ख का सिलसिला है. कोई हमेशा सुखी जिंदगी नहीं बिता सकता है, न ही हमेशा दु:ख के साये में रहता है. शास्त्रों में ऐसे उतार-चढ़ाव भरे मानव जीवन को सहज बनाने के लिए ही कर्म के साथ धर्म का पालन भी जरूरी माना गया है. खासतौर पर कष्ट और संकट की घड़ी में व्यावहारिक उपायों के साथ धार्मिक तरीके भी प्रभावी माने जाते हैं, जो निश्चित तौर पर मनोबल और विश्वास को मजबूती भी देते हैं.ज्योतिष शास्त्रों के मुताबिक कालसर्प योग भी जिंदगी में परेशानियां और पीड़ा देने वाले योग बनाता है. किसी भी व्यक्ति की कुण्डली में यह योग दो छायाग्रहों राहु और केतु के कारण बनाता है. दोनों ग्रह क्रूर स्वभाव के भी माने जाते हैं. इन दोनों ग्रहों की चाल भी टेढ़ी होती है. इसलिए यह किसी व्यक्ति की कुण्डली में शत्रु राशियों में होने पर अन्य ग्रहों के शुभ फल पर भी बुरा असर डालते हैं.
मंत्र : ॐ  हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्.
जप विधि:=  कुण्डली में कालसर्प की दशा में हर रोज पवित्र होकर श्री हनुमान की पूजा करें. पूजा में हनुमान को चमेली या कोई भी सुगंधित तेल के साथ सिंदूर चढ़ाए या चोला चढ़ाएं. लाल चंदन, लाल फूल भी पूजा में शामिल करें. भोग में चने-गुड़ का प्रसाद चढ़ाएं. इसके बाद इस हनुमान मंत्र का कम से कम पांच बार संभव हो तो १०८ बार एक माला का जप करें. हर रोज संभव न हो मंगलवार और शनिवार के दिन इस मंत्र का जप करें. इस मंत्र के असर से शनि ग्रह की दोष शांति भी होती है.
हर पर के परेशानी दूर करे ! ये श्री हनुमान गायत्री मंत्र !!
हिन्दू धर्म में एक ही ईश्वर अलग-अलग देवशक्तियों के रूप में पूजनीय है. वैसे तो हर देव शक्ति कल्याणकारी ही होती है, लेकिन धर्मशास्त्रों में सांसारिक जीवन की कामना विशेष को पूरा करने या दोष-बाधाओं को दूर करने के लिए विशेष देव शक्तियों की उपासना विशेष फलदायी मानी गई है.
व्यावहारिक जीवन के नजरिए से श्री हनुमान गायत्री मंत्र का स्मरण इंसान को निडर, संयमी, धैर्यवान, जिम्मेदार, समर्पित, विश्वासपात्र और गुण संपन्न बना देता है. जानते हैं यह श्री हनुमान
मंत्र :  ॐ अंजनीसुताय विद्महे, वायुपुत्राय धीमहि. तन्नो मारुति: प्रयोचदयात्।।
गायत्री मंत्र और सरल पूजा विधि - प्रात: स्नान कर देवालय में माता गायत्री व श्री हनुमान की लाल चंदन, अक्षत, लाल पुष्प अर्पित कर पूजा करें.इस सामान्य पूजा के बाद घी का दीप जलाकर पहले माता गायत्री का ध्यान गायत्री मंत्र की एक माला यानी 108 बार बोलकर करें.इसके बाद श्री हनुमान का ध्यान व अमंगल और अशुभ को टालने की कामना करते हुए श्री हनुमान गायत्री का नीचे लिखा मंत्र की एक माला यानी 108 बार बोलें.पूजा और मंत्र जप के बाद माता गायत्री और श्री हनुमान को मिठाई, फल या सूखे मेवों का भोग लगाकर गायत्री आरती और हनुमान आरती करें.इस दौरान हुए जाने-अनजाने दोषों की क्षमाप्रार्थना कर आरती और प्रसाद ग्रहण करें.समयाभाव से अगर उपरोक्त मंत्रों की एक माला संभव न हो तो कम से कम 11 बार श्रद्धा से मंत्र जप भी शुभ फल देता है.
Koti Devi Devta

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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