आज का दिन: शुक्रवार, 4 नवंबर 2022, शुभ कार्यों का शुभारंभ संदेश... देव उठनी एकादशी!

आज का दिन: शुक्रवार, 4 नवंबर 2022, शुभ कार्यों का शुभारंभ संदेश... देव उठनी एकादशी!

प्रेषित समय :19:05:42 PM / Thu, Nov 3rd, 2022

* प्रबोधिनी एकादशी को देव उठनी एकादशी और देवुत्थान एकादशी के नाम से भी जाना जाता है.
* देवशयनी एकादशी से चार माह के लिए भगवान श्रीविष्णु क्षीर सागर में सोने चले जाते हैं, इसके बाद देवउठनी एकादशी के दिन वह फिर जाग्रत होते हैं.
* इस तिथि से ही सारे शुभ कार्य जैसे... विवाह, मुंडन, मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाते हैं. 
* इस एकादशी के दिन शालिग्राम से तुलसी विवाह भी किया जाता है. 
* देवउठनी एकादशी का व्रत करने से एक हजार अश्वमेध यज्ञ करने का शुभ फल प्राप्त होता है.
* व्रत करने वाले श्रद्धालु को चाहिए कि वह प्रात:काल पवित्र स्नानादि से निवृत्त होकर आंगन में चौक बनाए. 
* उसके बाद भगवान श्री विष्णु के चरणों को बनाएं और उन्हें ढक दें. 
* देवउठनी एकादशी की रात भजन-कीर्तन-जागरण आदि करें.
* भगवान श्रीविष्णु को मंत्र-प्रार्थना से जगाएं... और पूजा-अर्चना करें.
* श्रद्धापूर्वक पूजन करने के पश्चात धूप-दीप जलाकर आरती करें.
-आज का राशिफल -
मेष राशि:- आसानी से लोगों की मदद मिलने की वजह से आप अपने लिए कोई खतरा न पैदा करते चले जाएँ. अपने खर्चों क व्यर्थ में बढ़ा लेना भी एक तरह की गलती है जिसे बेकाबू न होने दें.

वृष राशि:- कामकाज के क्षेत्र में आपके साथी सहयोगी हों या आपके बॉस, किसी से भी मतभेद में बिलकुल न पड़ें. ऐसा करके आप अपनी दिक्कतों को कहीं इतना न बढ़ा लें की उसका बुरा असर आपके काम की स्थिरता पर पड़े.

मिथुन राशि:- किसी प्यार के रिश्ते को समझने में या उसमे समय लगाने में कोई कमी न रखें. हालात मददगार हैं इसलिए भी अपनी स्थिति का सही आकलन करना होगा, ताकि घर-परिवार से जुड़ी चिंताओं को लेकर आप कहीं परेशान न हो जाएँ.

कर्क राशि:- घर-परिवार में किसी छोटी बात को लेकर किसी बात को बिगाड़ें नहीं. ऐसे किसी अहम व्यक्ति को नाराज़ कर लेना ठीक नहीं है जो आपकी मदद करना चाह रहा है.

सिंह राशि:- अपनी मेहनत को और अपनी लगन को इस रूप से बनायें की वो आपको लोगों से जोड़ सके. रिश्तों की अच्छी बनती हुई संभावनाओं से कामकाज के क्षेत्र में भी बढ़ोतरी होगी. अपने साथी सहयोगियों को किसी भी वजह से शक की नजर से बिलकुल न देखें.

कन्या राशि:- किसी भी तरह की बहस में पैसे को मुद्दा न बनायें. ऐसा करने से पैसे के फंसने का अंदेशा हो जायेगा और यही इस समय ठीक नहीं है.

तुला राशि:- चाहे घर-परिवार के रिश्तों की बात हो या किसी प्यार के रिश्ते की, किसी भी एक रिश्ते को बढ़ावा देने के लिए किसी दुसरे रिश्ते को नाराज़ न कर लें. ऐसा करके आप व्यर्थ में लोगों से फासले न बढाते चले जाएँ.

वृश्चिक राशि:- अपनों के करीब आने के जो भी अच्छे मौके मिल रहे हैं उन्हें अपने हाथ से जाने न दें. ऐसे में अपनी सीमाओं से बढ़कर भी कुछ किसी के लिए कुछ करना पड़े तो भी घबराएं नहीं.

धनु राशि:- अपने दोस्तों से किसी बहस में बिलकुल न पड़ें और अगर कोई बहस छिड जाये तो उसमे सिर्फ अपने फायदे की बात न करते चले जाएँ, ऐसा करके आप कहीं अपनी छवि न बिगाड़ लें.

मकर राशि:- अपने कामकाज में नियमित हो जाने के जो फायदे हैं उन्हें कम न समझें. अपने पैसे की स्तिथि को अगर बचाए रखना है तो बहुत ज्यादा उदारता भी न दिखाएँ. थोडा सा अपना हाथ खींच लें.

कुम्भ राशि:- अपनी अच्छाई को बनाये रखना है तो किसी भी तरह की गलतफ़हमी में न पड़ें. अपनी बात बहुत स्पष्टता से कहें ताकि कोई दिक्कत पैदा ही न हो.

मीन राशि:- अपने काम या कारोबार को लेकर कोई ऐसा बड़ा कदम न उठायें जो आपको किसी खतरे में डाल दे. ऐसे समय में अपनी बचत को भी किसी खतरे में डालना ठीक नहीं होगा.
* आचार्य पं. श्रीकान्त पटैरिया (ज्योतिष विशेषज्ञ) वाट्सएप नम्बर 9131366453   
* यहां राशिफल चन्द्र के गोचर पर आधारित है, व्यक्तिगत जन्म के ग्रह और अन्य ग्रहों के गोचर के कारण शुभाशुभ परिणामों में कमी-वृद्धि संभव है, इसलिए अच्छे समय का सद्उपयोग करें और खराब समय में सतर्क रहें.
- शुक्रवार का चौघडिय़ा -
दिन का चौघडिय़ा      रात्रि का चौघडिय़ा
पहला- चर                 पहला- रोग
दूसरा- लाभ         दूसरा- काल
तीसरा- अमृत         तीसरा- लाभ
चौथा- काल         चौथा- उद्वेग
पांचवां- शुभ         पांचवां- शुभ
छठा- रोग                छठा- अमृत
सातवां- उद्वेग         सातवां- चर
आठवां- चर         आठवां- रोग
* चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है 
* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय पंरपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है!
पंचांग 
शुक्रवार, 4 नवंबर 2022
देवउत्थान एकादशी
शक सम्वत1944   शुभकृत
विक्रम सम्वत2079
काली सम्वत5123
प्रविष्टे / गत्ते19
मास कार्तिक
दिन काल10:59:16
तिथि एकादशी - 18:10:46 तक
नक्षत्र पूर्वाभाद्रपद - 24:13:06 तक
करण वणिज - 06:49:19 तक, विष्टि - 18:10:46 तक
पक्ष शुक्ल
योग व्याघात - 27:14:48 तक
सूर्योदय 06:34:53
सूर्यास्त 17:34:09
चन्द्र राशि कुम्भ - 18:20:24 तक
चन्द्रोदय 15:20:00
चन्द्रास्त 27:18:00
ऋतु हेमंत
अभिजित मुहूर्त 11:55 ए एम से 12:41 पी एम
अग्निवास पाताल - 06:08 पी एम तक,पृथ्वी
दिशा शूल पश्चिम
नक्षत्र शूल दक्षिण - 12:12 ए एम, नवम्बर 05 तक
चन्द्र वास पश्चिम - 06:19 पी एम तक
उत्तर - 06:19 पी एम से पूर्ण रात्रि तक
राहु वास दक्षिण-पूर्व
 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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