जबलपुर. पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल करने जबलपुर के ग्वारीघाट में पेंशन महाकुंभ आयोजित किया गया. जिसमें हजारों की संख्या में एमपी के कोने-कोने से अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे. इस दौरान कर्मचारियों ने कहां मध्यप्रदेश और केंद्र सरकार की तानाशाही रवैये के कारण सभी कर्मचारी परेशान हैं. आगामी चुनाव में जिसका सबक कर्मचारी चुनाव में जरूर सिखाएंगे. यदि कर्मचारियों की मांग जल्द पूरी नहीं हुई तो इसका असर सरकार को जल्द दिखाई देगा.
कर्मचारियों का कहना हैं सरकार ने 1 जनवरी 2004 बाद नियुक्त केंद्रीय कर्मचारी अधिकारी की पुरानी पेंशन स्कीम और 1998 के बाद के मध्य प्रदेश के नियुक्त कर्मचारी, अधिकारी की पुरानी पेंशन स्कीम बंद कर दी है. उसके स्थान पर नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) को लागू किया हैं. जो कि शेयर बाजार पर आधारित हैं. जिसके कारण सेवानिवृत होने वाले कर्मचारी अधिकारी को नेशनल पेंशन स्कीम के कारण 9 सौ रुपए से लेकर 15 सौ रुपए पेंशन बन रही हैं.
सट्टा बाजार पर आधारित है एनपीएस
जिसके कारण परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है. वहीं राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड पंजाब की राज्य सरकारों ने पुरानी पेंशन लागू कर दी है, लेकिन मध्यप्रदेश में अभी तक पुरानी पेंशन को लागू नहीं किया गया है. जिससे कर्मचारियों में आक्रोश है. नेशनल पेंशन स्कीम शेयर बाजार पर आधारित है. इस स्कीम के कारण ही निजीकरण की उत्पत्ति हुई है. पेंशन महाकुंभ में डिफेंस, रेल विभाग, स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम, कृषि विभाग सहित अनेक विभाग एनएमओपीएस के पेंशन महाकुंभ में शामिल हुए.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-जबलपुर में ईसाई धर्मगुरु पीसी सिंह का एक और कारनामा, नीमच में जमीन हड़पकर बनाया है स्कूल..!
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