मुंबई. पात्रा चॉल घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के केस में शिवसेना प्रवक्ता और राज्यसभा सदस्य संजय राउत को बड़ी राहत मिली है. मुंबई की अदालत ने संजय राउत के साथ ही उनके करीबी प्रवीण को जमानत दे दी है. संजय राउत को इसी साल जुलाई में गिरफ्तार किया गया था. फिलहाल वे मुंबई की आर्थर रोड़ जेल में हैं. अभी यह साफ नहीं हुआ है कि संजय राउत आज ही जेल से बाहर आ जाएंगे या नहीं. संजय राउत की जमानत पर पिछले दिनों से सुनवाई चल रही थी. विशेष न्यायाधीश एमजी देशपांडे ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) में सुनवाई करते हुए दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद पिछले सप्ताह आदेश सुरक्षित रख लिया था.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शिवसेना के राज्यसभा सदस्य राउत को इस साल जुलाई में उपनगरीय गोरेगांव में पात्रा चॉल (पंक्ति मकान) से जुड़े मामले में गिरफ्तार किया था. उन पर पात्रा चॉल के पुनर्विकास के संबंध में वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगे हैं. माना जा रहा है कि जेल से बाहर आने के बाद संजय राउत मीडिया से बात करेंगे. इससे पहले भी वो केंद्र और भाजपा सरकार पर आरोप लगाते रहे हैं.
क्या है पात्रा चॉल घोटाला
यह मामला 2008 का है. तब महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (म्हाडा) ने हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड से जुड़ी कंपनी गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड को पात्रा चॉल के डेवलपमेंट का काम सौंपा था. जीएसीपीएल को किरायेदारों के लिए 672 फ्लैट बनाने थे और कुछ फ्लैट म्हाडा को भी देने थे. शेष जमीन निजी डेवलपर्स को बेचने के लिए स्वतंत्र था, लेकिन पिछले 14 वर्षों में किरायेदारों को एक भी फ्लैट नहीं मिला, क्योंकि कंपनी ने पात्रा चॉल का पुनर्विकास नहीं किया और ईडी के अनुसार 1,034 करोड़ रुपये में अन्य बिल्डरों को भूमि पार्सल और फ्लोर स्पेस इंडेक्स (एफएसआई) बेच दिया.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-पात्रा चॉल केस: 8 अगस्त तक बढ़ी संजय राउत की हिरासत, ईडी ने पत्नी वर्षा राउत को भेजा समन
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