नई दिल्ली. अक्टूबर में डीमैट खातों की संख्या बढ़कर 10.4 करोड़ हो गई. यह पिछले साल इसी समय की तुलना में लगभग 41 प्रतिशत अधिक है. हालांकि, मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के एक विश्लेषण के अनुसार, पिछले साल की समान समय अवधि की तुलना में इस साल अक्टूबर में नए लोगों के जुड़ने की संख्या में गिरावट आई और ये 18 लाख रही. अगस्त से नए खातों की संख्या गिर रही है. गौरतलब है कि माह-दर-माह आधार पर डीमैट खातों की संख्या समीक्षाधीन माह के दौरान 2 प्रतिशत बढ़ी. डीमैट खातों की संख्या सितंबर में 10.3 करोड़ थी.
अगस्त में यह 26 लाख थी. इसके बाद सितंबर में 20 लाख और अक्टूबर 2022 में गिरकर 18 लाख तक आ गई है. अक्टूबर 2021 में नए डीमैटरियलाइज्ड (डीमैट) खातों की संख्या 36 लाख का इजाफा हुआ था रिपोर्ट के अनुसार, मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज द्वारा किए गए विश्लेषण में नए डीमैट खातों में आई गिरावट का प्राथमिक कारण भी बताया गया है. आनंद राठी शेयर्स एंड स्टॉक ब्रोकर्स के सीईओ इन्वेस्टमेंट सर्विसेज रूप भूतरा ने कहा कि मौजूदा कैलेंडर वर्ष में देखी गई बाजार की अस्थिरता नए डीमैट अकाउंट खुलने की रफ्तार कम होने का प्रमुख कारण हैं.
आईपीओ की संख्या में गिरावट का भी असर
रूप भूतरा ने कहा है कि 2021 की तुलना में इस साल बाजार में आईपीओ भी कम आए. ये भी एक कारण रहा कि नए डीमैट अकाउंट उतनी गति के साथ नहीं खुले हैं जितनी तेजी से पिछले साल खुले थे. मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के नितिन अग्रवाल ने कहा कि जनवरी से वृद्धि धीमी हो रही है क्योंकि रूस-यूक्रेन संघर्ष के बाद बाजार में अस्थिरता बढ़ गई है. हालांकि, वह मानते हैं कि इक्विटी बाजार में अभी लोगों के जुडऩे का बहुत अधिक स्कोप है और बाजार की मजबूती के साथ-साथ डीमैट अकाउंट खुलने की गति भी वापस लौटेगी. गौरतलब है कि वृद्धि में गिरावट त्योहारी सीजन के कारण भी हो सकती है. दरअसल, सितंबर में केवल 22 और अक्टूबर में सिर्फ 18 ही कारोबारी दिन थे.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-श्रद्धा वॉकर हत्याकांड: पुलिस को दिल्ली के जंगल में मिले मांस के टुकड़े, फोरेंसिक लैब भेजे गए
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