नई दिल्ली. दिल्ली आबकारी नीति घोटाला केस में सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई की. कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए सभी न्यूज चैनलों के लिए निर्देश जारी किया है. जिसमें कोर्ट ने कहा है कि आबकारी नीति से जुड़े मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जारी आधिकारिक प्रेस रिलीज के आधार पर ही की जाए.
दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली आबकारी नीति घोटाला नीति से जुड़े घोटाले पर दो प्राइवेट चैनलों के द्वारा की गई रिर्पोटिंग को लेकर नाराजगी जताई. हाईकोर्ट ने न्यूज ब्रॉडकास्टिंग एंड डिजिटल स्टैंडर्डस अथारिटी (एनबीडीएसए) की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए हैं. कोर्ट में सुनवाई कर रहे न्यायाधीश यशवंत वर्मा ने एनबीडीएस से प्रश्न किया कि अगर उसका सेल्फ रेगुलेशन केवल दिखाखा है तो क्यों ना इस एसोसिएशन को भंग कर दिया जाए.
बता दें ये बात दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली आबकारी नीति घोटाला मामले में आरोपी व्यवसायी विजय नायर की याचिका सुनवाई करते हुए कही. इस याचिका में नायर ने कहा था कि इस मामले से संबंधित संवेदनशील जानकारी जांच एजेंसियों द्वारा मीडिया को लीक की जा रही है. नायर के वकील न कोर्ट के सामने तर्क दिया कि मामला एक महत्वपूर्ण चरण में था और एक अभियुक्त के रूप में उनके अधिकार प्रतिकूल रूप से प्रभावित होते हैं जब विवरण मीडिया को जारी किया जाता है.
न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को जांच के संबंध में उनके द्वारा जारी सभी प्रेस कम्युनिकेशन और विज्ञप्ति अदालत में पेश करने के निर्देश दिए थे.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-दिल्ली के छावला रेप और मर्डर केस में पुनर्विचार याचिका दाखिल करने एलजी ने दी मंजूरी
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