नई दिल्ली. जिस तरह से भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने वीर सावरकर को लेकर बयान दिया था, उसके बाद से यह मामला शांत होने का नाम नहीं ले रहा है. अब यह मामला राजनीतिक तूल पकड़ चुका है. एक तरफ जहां राहुल गांधी अपने दिए बयान पर अडिग हैं तो दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी उन पर लगातार हमलावर है. शिवसेना ने भी राहुल गांधी के बयान का विरोध करते हुए कहा कि उनके इस बयान से महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी का गठबंधन खतरे में आ सकता है. अब इस पूरे विवाद महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी ने और तूल दे दिया है.
तुषार गांधी ने ट्वीट करके लिखा सावरकर ने ना सिर्फ अंग्रेजों की मदद की बल्कि नाथूराम गोडसे की हत्या के लिए एक अच्छी बंदूक का भी इंतजाम कराया था. गांधी की हत्या से दो दिन पहले तक गोडसे के पास भरोसेमंद बंदूक नहीं थी. तुषार गांधी के इस ट्वीट के बाद अब यह मामला और गर्मा गया है. अपने बयान पर तुषार ने कहा कि मैं कोई आरोप नहीं लगा रहा हूं, बल्कि यह इतिहास में दर्ज है.
बंदूक दिलाने वाले सावरकर
तुषार गांधी ने कहा कि पुलिस की एफआईआर में यह दर्ज है कि नाथूराम गोडसे और विनायक आप्टे 26 और 27 जनवरी 1948 को गोडसे से मिले थे. उस दिन तक नाथूराम गोडसे के पास बंदूक नहीं थी. वह पूरे मुंबई में घूम रहा था कि उसे बंदूक मिल जाए. लेकिन इसके बाद वह सीधा दिल्ली पहुंचा और यहां से वह ग्वालियर पहुंचा. इसके बाद उसे सबसे अच्छी बंदूक मिली. यह सब कुछ बापू की हत्या के दो दिन पहले हुआ. यही मैंने कहा है, इसमे कुछ भी नया नहीं है और यह आरोप नहीं है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-दिल्ली के छावला रेप और मर्डर केस में पुनर्विचार याचिका दाखिल करने एलजी ने दी मंजूरी
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