दिल्ली. ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया के आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण ने आज शुक्रवार को भारत बायोटेक की कोविड-19 नेजल वैक्सीन iNCOVACC की बूस्टर डोज को मंजूरी दे दी है. हैदराबाद स्थित वैक्सीन निर्माता के अनुसार नाक के जरिए म्यूकोसा की संगठित प्रतिरक्षा प्रणाली के कारण यह टीकाकरण की उत्कृष्ट क्षमता है. iNCOVACC भारत की पहली नेजल वैक्सीन है, जिसे कोविड-19 से सुरक्षा के लिए विकसित किया गया है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार वयस्कों के लिए तीसरी खुराक के रूप में प्रतिबंधित आपातकालीन उपयोग के लिए अनुमति दी गई है, भले ही उन्हें कोवैक्सीन या कोविशील्ड वैक्सीन की खुराक दी गई हो. ChAd-SARS-CoV-2-S का इंट्रानेजल टीकाकरण नाक में एक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया पैदा कर सकता है, जो वायरस के लिए प्रवेश का बिंदु है. बूस्टर खुराक इस प्रकार बीमारी, संक्रमण और संचरण से रक्षा करेगी.
दूसरी खुराक के छह महीने बाद नेजल वैक्सीन ली जा सकती है. यह सुई रहित है, इसलिए यह आसान हो जाता है. भारत बायोटेक ने दावा किया कि इंट्रानेजल वैक्सीन एक व्यापक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को उत्तेजित करता है और इससे कोविड-19 के संक्रमण और संचरण दोनों को अवरुद्ध करने की संभावना है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-नाक से दी जाने वाली वैक्सीन को डीजीसीआईई से मिली मंजूरी, बड़ी कामयाबी मानी जा रही
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