पटना हाईकोर्ट ने लगाई पुलिस अधिकारियों को फटकार: पूछा वर्दी और ओहदे का मतलब

पटना हाईकोर्ट ने लगाई पुलिस अधिकारियों को फटकार: पूछा वर्दी और ओहदे का मतलब

प्रेषित समय :18:26:16 PM / Fri, Nov 25th, 2022

पटना. पटना हाईकोर्ट ने पुलिस के दो बड़े अधिकारियों को फटकार लगाते हुए पूछा कि वर्दी और ओहदे का क्या मतलब होता है. पटना के महिला रिमांड होम के मामले की सुनवाई कर रहे पटना उच्च न्यायालय ने अब तक के पुलिस अनुसंधान पर असंतोष जाहिर किया है. इस मामले में पटना के एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों और सचिवालय एएसपी सह केस की आईओ काम्या मिश्रा कोर्ट में उपस्थिति हुईं.

कोर्ट ने सीधा सवाल किया कि आपके ओहदे का क्या मतलब है. आप एक केस की जांच भी सही तरीके से नहीं कर सकते. कोर्ट ने अब तक के  पुलिस अनुसंधान पर नाराजगी जाहिर करते हुए सुनवाई के दौरान यह कहा कि एसएसपी कि पुलिसिंग और कामकाज किसी तरह से संतोषजनक नहीं माना जा सकता. तकरीबन 30 से 35 मिनट तक पटना पुलिस प्रशासन के इन दोनों अधिकारियों को कोर्ट की तल्ख टिप्पणी सुननी पड़ी. पटना उच्च न्यायालय में गायघाट में लड़कियों के यौन शोषण के मामले की पुलिस जांच पर सुनवाई चल रही है.

इस केस में एक साल होने को आए हैं, लेकिन अब तक का पुलिसिया अनुसंधान संतोषप्रद नहीं रहा है. इस मामले का पटना उच्च न्यायालय ने स्वत: संज्ञान लिया था. उसके बाद मामले की जांच के लिए पटना पुलिस की विशेष टीम का गठन किया गया था और उसका नेतृत्व एएसपी को सौंपा गया था. पटना के एसएसपी टीम द्वारा की जा रही कार्रवाई की मॉनिटरिंग कर रहे थे. गुरुवार को पटना उच्च न्यायालय में सुनवाई के दौरान दोनों अधिकारी मौजूद थे. दोनों पुलिस अधिकारियों की तरफ से कोर्ट को यह बताया गया कि विशेष टीम ने इस पूरे मामले की गहन छानबीन की है.

रिमांड होम में रहने वाली लड़कियों के अलावा वहां के कर्मचारियों से भी गहनता से पूछताछ की गई है. पुलिस अधिकारियों द्वारा यह बताया गया कि दो युवतियों ने पुलिस के समक्ष अपने यौन शोषण की बात बताई है. दोनों पुलिस अधिकारियों ने कोर्ट को बताया कि गायघाट रिमांड मामले की जांच में दो अलग-अलग युवतियों के बयान पर दो केस दर्ज किए गए थे. इसमें एक में वंदना गुप्ता को दोषी पाया गया, जबकि दूसरे केस में साक्ष्य के अभाव में उसे बंद करना बेहतर समझा गया लेकिन कोर्ट ने सवाल किया कि यह रेप करने वाले कौन थे, इसका पता पटना पुलिस अब तक क्यों नहीं लगा सकी?

कोर्ट द्वारा दोनों अधिकारियों को दो सप्ताह के बाद फिर से न्यायालय में उपस्थित होकर यह बताने का निर्देश दिया गया है कि वे कैसे इस मामले की सही तरीके से जांच पूरी कर पाएंगे. कोर्ट ने कहा कि उसी दिन में पटना पुलिस पर अपना फैसला सुनाएगा. करीब एक साल पहले पटना के गायघाट क्षेत्र रिमांड होम की व्यवस्था पर गंभीर आरोप लगे थे. शिकायत के अनुसार रिमांड होम में रहने वाली लड़कियों के साथ गंदा काम किया जाता था. लड़कियों के शारीरिक और मानसिक शोषण का आरोप लगाते हुए युवती ने कहा था रिमांड होम में नशे का इंजेक्शन दिया जाता है और लड़कियों को गलत काम करने पर मजबूर कर दिया जाता है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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