पटना. देश की राजधानी दिल्ली के बाद अब बिहार की आबो-हवा भी जहरीली हो रही है. दो बड़े त्योहारों में आतिशबाजी और डेंगू के खिलाफ चल रही लड़ाई का असर भी अब दिख रहा है. राज्य के 9 जिलों में ऑक्सीजन में जहर घुल रहा है. पटना से भी ज्यादा खराब बेगूसराय की एयर क्वालिटी हो गई है.
बेगूसराय को रेड जोन में रखा गया है, जबकि पटना सहित राज्य के 8 जिलों को ऑरेंज जोन में शामिल किया गया है. प्रदूषण विभाग ने 12 जिलों को ही मॉडरेट बताया है. बिहार का एक भी जिला ऐसा नहीं है, जिसे ऑक्सीजन की शुद्धता को लेकर ग्रीन जोन में रखा जा सके. एक्सपर्ट की माने तो यह खतरे की घंटी है, मौसम में थोड़ी नमी बढ़ी तो इसका प्रभाव सेहत पर काफी तेजी से दिखाई देगा.
दीपावली में आतिशबाजी ने फैलाया जहर
बेगूसराय में एयर क्वालिटी इंडेक्स बहुत ही खराब है. यहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 347 पहुंच गया है. प्रदूषण नियंत्रण की बात करें तो यहां फेस्टिवल में कोई सख्ती नहीं बरती गई, जिसके कारण आतिशबाजी खूब हुई, दीपावली और छठ के बाद हवा की क्वालिटी काफी खराब हो गई है. बेगूसराय को रेड जोन में रखा गया है, रेड जोन को एयर क्वालिटी को लेकर काफी खराब माना जाता है. इस तरह की हवा में ऑक्सीजन के साथ फेफड़े में जहर पहुंचता है, जिससे गंभीर इंफेक्शन का खतरा होता है. वहीं पटना को ऑरेंज जोन में रखा गया है, यहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 269 है. पटना में हवा जहरीली हो गई है.
मनमानी और डेंगू की लड़ाई पड़ी भारी
बिहार में डेंगू को लेकर अलर्ट है. पटना से लेकर राज्य के डेंगू प्रभावित जिलों में फॉगिंग कराई जा रही है. पटना में सुबह शाम और जहां डेंगू का प्रकोप अधिक है, वहां दिन में 3 बार फॉगिंग हो रही है. ऐसे में धुआं का असर हवा की शुद्धता पर पड़ रहा है. इसके साथ ही आतिशबाजी भी जमकर हुई है. पटाखे की बिक्री पर प्रतिबंध के बाद भी जमकर कारोबार हुआ. पटना में प्रशासनिक आदेश हवा हवाई रहा. कागजों में प्रतिबंध का आदेश जारी किया गया, लेकिन बोरिंग रोड से लेकर राजधानी के सभी पॉश इलाकों में पटाखों की बिक्री के साथ जमकर आतिशबाजी हुई.
चार जोन में बंटा है एक्यूआई
प्रदूषण विभाग ने हवा की क्वालिटी को चार जोन में बांटा है. इसमें सबसे उत्तम एयरक्वालिटी वाले जिलों या शहर को ग्रीन जोन में रखा जाता है. इसके बाद येलो जोन होता है, इसे मॉडरेट कहा जाता है. इसके बाद ऑरेंज आता है, ऑरेंज को खराब माना जाता है. इस श्रेणी में आने वाले जिलों की हवा को सेहत के हिसाब से खराब बताया जाता है. इस हवा वाली जगह पर अधिक समय तक रहने पर फेफड़े में बड़े संक्रमण का खतरा हो सकता है.
इसके बाद नंबर आता है, सबसे खराब एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) का जिसे रेड जोन में रखा जाता है. रेड जोन में आने वाले शहर की हवा काफी खराब होती है. इस हवा में सांस लेने वालों को तेजी से चेस्ट इंफेक्शन का खतरा होता है. एक्सपर्ट का कहना है कि ऐसे रेड जोन वाले शहरों में लंग्स संक्रमण के मामले अधिक आते हैं. बेगूसराय इस श्रेणी में है, अगर वहां के लोग इसे लेकर गंभीर नहीं हुए तो संक्रमण की रफ्तार तेज हो जाएगी.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-बिहार : कटिहार नाव हादसे में 7 लोगों की मौत, धान काटकर लौटने के दौरान पलटी थी नाव, 3 को बचाया
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