श्री राम भक्त हनुमान जी के कुछ महत्वपूर्ण मंत्र जो सभी प्रकार के कष्ट का निवारण

श्री राम भक्त हनुमान जी के कुछ महत्वपूर्ण मंत्र जो सभी प्रकार के कष्ट का निवारण

प्रेषित समय :19:36:20 PM / Fri, Nov 25th, 2022

मंत्र श्री हनुमान मूल मंत्र: ॐ ह्रां ह्रीं ह्रं ह्रैं ह्रौं ह्रः॥
द्वादशाक्षर हनुमान मंत्र: हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्.
फल: से इस मंत्र के बारे शास्त्रो में वर्णित हैं की यह मंत्र स्वतंत शिवजी ने श्रीकृष्ण को बताया और श्रीकृष्ण नें यह मंत्र अर्जुन को सिद्ध करवाया था जिसे अर्जुन ने चर-अचर जगत् को जीत लिया था.
प्रेत बाधा दूर करे चमत्कारी हनुमान मंत्र:
हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार हनुमानजी का नाम लेने से भूत-प्रेत आदि सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं. यदि आप भी ऐसी ही किसी बाधा से पीडि़त हैं तो नीचे लिखे हनुमान मंत्र से इस समस्या का हल संभव है. यदि इस मंत्र का जप विधि-विधान से किया जाए तो कुछ ही समय में ऊपरी बाधा का निवारण हो सकता है. यह हनुमान मंत्र इस प्रकार है
मंत्र :हनुमन्नंजनी सुनो वायुपुत्र महाबल:। अकस्मादागतोत्पांत नाशयाशु नमोस्तुते।।
जप विधि : स्वच्छ अवस्था में यानी स्नान आदि करने के बाद हनुमानजी की पूजा करें और उन्हें सिंदूर तथा गुड़-चना चढ़ाएं. इसके बाद पूर्व दिशा की ओर मुख करके कुश का आसन ग्रहण करें. तत्पश्चात लाल चंदन की माला से ऊपर लिखे मंत्र का जप करें. इस मंत्र का प्रभाव आपको कुछ ही समय में दिखने लगेगा.
मुसीबतों को दूर करे हनुमान मंत्र
हिन्दू धर्म शास्त्रों श्री हनुमान की इसी शक्ति और महिमा का गान करते हुए उनको शक्ति स्वरूपा माता सीता के शोक का नाश करने वाले देवता बताकर जानकी शोक नाशनम् कहकर पुकारा गया है. संकेत है कि श्री हनुमान की उपासना जीवन से हर शोक दूर रखती है. चूंकि श्री हनुमान मंगलमूर्ति भगवान शिव के अवतार भी हैं. यही कारण है कि संकट और शोक नाश के लिए श्री हनुमान की उपासना परंपराओं में शिव भक्ति की तरह आसान उपाय भी बताए गए हैं. इनको श्री हनुमान की उपासना में आचरण व विचारों की पवित्रता के साथ अपनाना निर्भय और बेदाग जीवन का मंत्र भी माना गया है. नीचे बताई पूजा सामग्री और विशेष छोटे-पर असरदार हनुमान मंत्र से श्री हनुमान की उपासना आज करना न चूकें !
मंत्र : ॐ हं हनुमंताय नम:।
जप विधि : स्नान के बाद श्री हनुमान मंदिर में जाकर श्री हनुमान की पूजा में केसर चंदन, अक्षत, लाल गुलाब के साथ अलावा विशेष रूप से चमेली का फूल आसान, किंतु अचूक हनुमान मंत्र के साथ अर्पित करें.इस मंत्र की 108 बार रुद्राक्ष की माला से जप भी संकटनाश में बहुत असरदार माने गए हैं. इसके साथ ही चमेली के तेल के साथ श्री हनुमान को सिंदूर चढ़ावें या चोला चढ़ाना भी शोक-पीड़ा मुक्ति की कामना के लिए मंगलकारी सिद्ध होगा. श्री हनुमान को यथाशक्ति भोग लगाकर गुग्गल धूप व गाय के घी के दीप से आरती करें व अक्षय सुख की कामना करें.
संकटों को दूर करे ये हनुमान मंत्र!
जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं. कभी कोई विरोधी परेशान करता है तो कभी घर के किसी सदस्य को बीमार घेर लेती है. इनके अलावा भी जीवन में परेशानियों का आना-जाना लगा ही रहता है. ऐसे में हनुमानजी की आराधना करना ही सबसे श्रेष्ठ है. यदि आप चाहते हैं कि आपके जीवन में कोई संकट न आए तो नीचे लिखे मंत्र का जप हनुमान जयंती व प्रति मंगलवार को कर सकते हैं.
मंत्र : ॐनमो हनुमते रूद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा
जप विधि := सुबह जल्दी उठकर सर्वप्रथम स्नान आदि नित्य कर्म से निवृत्त होकर साफ वस्त्र पहनें. इसके बाद अपने माता-पिता, गुरु, इष्ट व कुल देवता को नमन कर कुश का आसन ग्रहण करें. पारद हनुमान प्रतिमा के सामने इस मंत्र का जप करेंगे तो विशेष फल मिलता है. जप के लिए लाल हकीक की माला का प्रयोग करें.
मनोकामना पूरी करे ये हनुमान मंत्र !
हर सुबह बोलें यह हनुमान मंत्र !
सांसारिक जीवन की आपाधापी में हर इंसान जीवन से जुड़े हर काम में अच्छे नतीजे ही चाहता है. लेकिन जीवन ही किसी प्रकार अच्छा बना लें? इस बारे में बिरले लोग ही विचार कर पाते हैं. अगर जीवन को ही अच्छे आचरण, अनुशासन और संकल्पों से जोड़ लिया जाए तो फिर किसी भी कार्य की सफलता में भय, संशय पैदा नहीं होता. हनुमान भक्ति जीवन में अच्छे आचरण को अपनाने के लिये सर्वश्रेष्ठ मानी गई है. शास्त्रों में हनुमान का स्मरण किसी भी वक्त अच्छे कामों व सोच की प्रेरणा ही देता है. इसलिए शास्त्रों में बताया गया विशेष हनुमान मंत्र हर रोज सुबह खासतौर पर हनुमान जयंती यानी चैत्र शुक्ल पूर्णिमा पर स्मरण किया जाए तो लक्ष्य की सफलता को लेकर पैदा होने वाले भय-संशय व बाधाएं खत्म हो जाते हैं. साथ ही अशुभ बातों से हमेशा रक्षा होती है. जानिए हैं यह मंत्र -
जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं. कभी कोई विरोधी परेशान करता है तो कभी घर के किसी सदस्य को बीमार घेर लेती है. इनके अलावा भी जीवन में परेशानियों का आना-जाना लगा ही रहता है. ऐसे में हनुमानजी की आराधना करना ही सबसे श्रेष्ठ है. यदि आप चाहते हैं कि आपके जीवन में कोई संकट न आए तो नीचे लिखे मंत्र का जप हनुमान जयंती या प्रतियेक मंगलवार को भी इस मंत्र का जप कर सकते हैं.
मंत्र :  ॐ नमो हनुमते रूद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा
जप विधि:  सुबह जल्दी उठकर सर्वप्रथम स्नान आदि नित्य कर्म से निवृत्त होकर साफ वस्त्र पहनें. इसके बाद अपने माता-पिता, गुरु, इष्ट व कुल देवता को नमन कर कुश का आसन ग्रहण करें. पारद हनुमान प्रतिमा के सामने इस मंत्र का जप करेंगे तो विशेष फल मिलता है. जप के लिए लाल हकीक की माला का प्रयोग करें.
भय का नाश करता है यह हनुमान मंत्र !
क्या आप किसी अज्ञात भय से ग्रसित हैं या आपको हर समय किसी का डर सताता रहता है. कुछ लोगों को इस प्रकार की समस्या रहती है. उन्हें हर समय किसी न किसी बात का डर सताता रहता है. जब यह भय अधिक बढ़ जाता है तो एक रोग का रूप ले लेता है. यदि आपके साथ भी यही समस्या है तो नीचे लिखे मंत्र का विधि-विधान से जप करने से इसका निदान संभव है.
मंत्र : अंजनीर्ग सम्भूत कपीन्द्रसचिवोत्तम. राम प्रिय नमस्तुभ्यं हनुमते रक्ष सर्वदा।।
विधि :  सुबह जल्दी उठकर सर्वप्रथम स्नान आदि नित्य कर्म से निवृत्त होकर साफ वस्त्र पहनें उस के बाद अज्ञात भय से रक्षा के लिए इस हनुमान मंत्र का जप लगातार 7 दिनों तक प्रतिदिन 75 बार हनुमान यंत्र के सामने करें. यंत्र का धूप-दीप से पूजन भी करें, उसके बाद मंत्र का जप करें ! इसके बाद इस यंत्र को किसी
 हनुमान मंदिर में अर्पित कर दें. इससे मंत्र से सभी भयों का नाश हो जाता है.
रोग मुक्ति हेतु मंत्र !
यदि प्रयासों के बावजूद भी रोगों से पीछा नहीं छुट रहा हो, डॉक्टर को बीमारी समझ में नहीं आ रही हो, दवा काम नहीं कर रही हो और किसी ने आपसे कहा है कि आपकी जन्मकुंडली में निजकृत कर्मों की वजह से शनि अुनकूल फल प्रदान नहीं कर रहा है तो हनुमान जी की यह पूजा आपको अवश्य लाभ देगी. हर रोज नित्यकर्म से निवृत्त हो स्नानोपरांत मंगलवार के दिन हनुमान जी का ध्यान करते हुए पंचोपचार का पूजन करें. लाल कपड़े 700 ग्राम रेवडिय़ां बांधकर पोटली बनाकर अपने पूजा स्थान में रख दें. घी का दीपक जलाकर संकटमोचन हनुमानष्टक के 11 पाठ करें. ततपश्चात यह पोटली अपने ऊपर से 7 बार उसार करके बहते पानी या सरोवर में प्रवाहित कर दें. पूजा के उपरांत गरीब बच्चों को मीठे परांठे खिलाना भी लाभयदायक रहेगा. यदि आप अनेकानेक रोग से परेशान रहते है. तो श्री हनुमान जी का तीव्र रोग हर मंत्र का जप करनें,जल,दवा अभिमंत्रित कर पीने से असाध्य रोग भी दूर होता है. 
कारोबार में लाभ हेतु मंत्र !
संपूर्ण प्रयासों के बावजूद भी कारोबार में लाभ नहीं मिल रहा हो, सारे प्रयास विफल हो रहे हो तो मंगलवार के दिन हनुमान जी की यह आराधना प्रारंभ करें. और लगातार 40 दिन करें. हर रोज नित्यकर्म से निवृत्त हो स्नानोपरांत सूर्योदय से पूर्व हनुमान जी को सिंदूर अर्पित करें. ततपश्चात शुद्घ चंदन का धूप जलाकर, घी का दीपक प्रज्जवलित कर एक पाठ सुंदरकांड का करें. पूजा के उपरांत मीठा भोजन गरीब व जरूरतमंद कन्याओं को कराएं. और साथ में गल खोलूं जल हल खोलूं बंल व्यापार आवे धन अपार. फरो मंत्रा ईश्वरोवाचा हनुमत बचन जुग जुग सांचा. का जाप करे.
कर्जें से मुक्ति हेतु मंत्र !
लाख प्रयासों के बावजूद भी कर्जें से मुक्ति नहीं मिल पा रही हो और किसी ने आपसे कहा है कि आपकी जन्मकुंडली में निजकृत कर्मों की वजह से शनि अुनकूल फल नहीं है, शनिदेव की वजह से कष्ट आ रहे हैं तो हनुमान जी की इस पूजा का करने से संपूर्ण कष्टों से छुटकारा मिलेगा. किसी भी मंगलवार के दिन लाल चंदन की हनुमान जी की प्रतिमा बनाकर, गंगाजल से पवित्र कर श्रद्घापूर्वक अपने पूजा स्थान में लाल वस्त्र पर स्थापित करें. हर रोज देसी घी का दीपक जलाकर 21 दिन तक 11 माला मंत्र का जाप करें. जाप के उपरांत 9 वर्ष से कम उम्र की कन्याओं को लाल वस्त्र का दान दें. संपूर्ण कष्टों से छुटकारा मिलेगा.
मंत्र : ॐ नमो हनुमते आवेशाय आवेशाय स्वाहा.
कार्य बाधा निवारण हेतुमंत्र !
चलते काम में अचानक बाधा आती हो, चलता-चलता काम अचानक रुक जाता हो, व्यवसाय में बिना वजह परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हो और लोगों ने आपसे कहा है कि आपकी जन्मकुंडली में निजकृत कर्मों की वजह से शनि अुनकूल फल प्रदान नहीं कर रहा है तो हनुमान जी की इस पूजा से संपूर्ण कष्टों का निवारण होता है. मंगलवार के दिन पूजा प्रारंभ करें. लगातार 40 दिन करें. हर रोज नित्यक्रम से निवृत्त हो स्नानोपरांत दक्षिणावर्ती हनुमान जी की मूर्ति के सामने तेल का दीपक जलाएं. ततपश्चात गुड़ के चूरमे का भोग लगाएं.इस मंत्र का 3 माला जाप करें. संपूर्ण कष्टों से छुटकारा मिलेगा.
मंत्र : ॐ  नम: हरीमरकटमरकटाय स्वाहा
शत्रु कष्ट निवारण हेतु मंत्र !
बिना वजह दुश्मनों का डर सताता हो, हमेशा मन भयभीत रहता हो, और लोगों ने आपको भयभीत किया हो कि कि आपकी जन्मकुंडली में निजकृत कर्मों की वजह से शनि अुनकूल फल प्रदान नहीं कर रहा है तो हनुमान जी की यह पूजा करने से दुश्मन आपका बुरा नहीं कर पाएगा. किसी भी मंगलवार के दिन यह पूजा प्रारंभ करें. प्रात:काल सूर्योदय से पूर्व उठकर नित्यकर्म से निवृत्त हो स्नानोपरांत माता-पिता के चरण स्पर्श करें. पारद हनुमत प्रतिमा के सामने लाल हकीक की माला से हर रोजमंत्र का जाप करने से अवश्य लाभ मिलेगा.
मंत्र : ॐ  नमो हनुमते रुदावताराय सर्व शत्रु संहाराणाय सर्व रोग हराय, सर्व वशीकरणाय राम दूताय स्वाहा
दुर्घटना निवारण हेतु मंत्र !
यदि आपके साथ में बिना कारण ही दुर्घटना घट जाती है, बार-बार आपकी गाड़ी का एक्सीडेंट होता हो, अनावश्यक भय बना रहता हो, और किसी ने आपसे कहा है कि आपकी जन्मकुंडली में निजकृत कर्मों की वजह से शनि अुनकूल फल प्रदान नहीं कर रहा है तो हनुमान जी की यह प्रयोग आपको अवश्य लाभ देगा. मंगलवार के दिन यह पूजा प्रारंभ करें. हर रोज नित्यकर्म से निवृत्त हो स्नानोपरांत हनुमान जी का ध्यान करते हुए अपने पूजा स्थान में चमेली के तेल का दीपक जलाएं. श्रद्घापूर्वक  मंत्र का जाप करें. ततपश्चात 108 चमेली के पुष्प हनुमान जी के श्रीचरणों में अर्पित करें. ऐसा 11 मंगलवार करें.
मंत्र :  ॐ हं हनमते रुद्रआत्मकाय हुं फट्.
कोर्ट-कचहरी के मसलें निवारण हेतु मंत्र !
ईमानदारी, मेहनत, परिश्रम और सच्चाई से काम करने के बावजूद भी कोई न कोई अड़चनें आपको परेशान करती हो और किसी ने आपसे कहा है कि जन्मकुंडली में निजकृत कर्मों की वजह से शनि अुनकूल फल प्रदान नहीं कर रहा है तो हनुमान जी की यह आराधना कष्ट मिटायेगी. मंगलवार के दिन सूर्योदय से पूर्व नित्यकर्म से निवृत्त हो स्नानोपरांत हनुमान जी के श्रीचरणों में मंत्र का जाप करते हुए 108 चुटकी सिंदूर अर्पित करें. अवश्य लाभ मिलेगा. ऐसा नियमित 40 दिन करें. मंगलवार के दिन कन्याओं को श्रद्घानुसार चावल देना भी शुभ रहेगा.
मंत्र :  ॐ अंजनीसुताय विद्महे, वायुपुत्राय धीमहि. तन्नो मारुति: प्रयोचदयात्।।
गायत्री मंत्र और सरल पूजा विधि - प्रात: स्नान कर देवालय में माता गायत्री व श्री हनुमान की लाल चंदन, अक्षत, लाल पुष्प अर्पित कर पूजा करें.इस सामान्य पूजा के बाद घी का दीप जलाकर पहले माता गायत्री का ध्यान गायत्री मंत्र की एक माला यानी 108 बार बोलकर करें.इसके बाद श्री हनुमान का ध्यान व अमंगल और अशुभ को टालने की कामना करते हुए श्री हनुमान गायत्री का नीचे लिखा मंत्र की एक माला यानी 108 बार बोलें.पूजा और मंत्र जप के बाद माता गायत्री और श्री हनुमान को मिठाई, फल या सूखे मेवों का भोग लगाकर गायत्री आरती और हनुमान आरती करें.इस दौरान हुए जाने-अनजाने दोषों की क्षमाप्रार्थना कर आरती और प्रसाद ग्रहण करें.समयाभाव से अगर उपरोक्त मंत्रों की एक माला संभव न हो तो कम से कम 11 बार श्रद्धा से मंत्र जप भी शुभ फल देता है.
Koti Devi Devta

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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