रांची. झारखंड में हुए एक हजार करोड़ से ज्यादा के अवैध खनन और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से ईडी के सहायक निदेशक देवदत्त झा के खिलाफ तथ्यों को छिपाने का आरोप लगाकर ईडी के न्यायधीश प्रभात कुमार शर्मा की अदालत में मुकदमा दर्ज कराया है. पंकज मिश्रा द्वारा दायर अर्जी पर पांच दिसंबर को पहली सुनवाई होगी.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा के द्वारा आज ईडी की विशेष अदालत में ईडी के सहायक निदेशक देवदत्त झा पर तथ्य को छिपाने का आरोप लगाया गया है. पंकज मिश्रा की ओर से दायर केस में बताया गया है कि कोर्ट को ईडी ने गुमराह किया है. दरअसल, पंकज मिश्रा के द्वारा दायर आवेदन में कहा गया है कि जिस मामले को आधार बनाकर ईडी ने पंकज मिश्रा के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज कराया था, वह साहिबगंज के बरहरवा थाने में कांड संख्या 85/20 में दर्ज है.
पुलिस ने मुकदमा को खत्म कर दिया है. इस मामले में पंकज मिश्रा के अलावा राज्य के मंत्री आलमगीर आलम को निर्दोष पाया गया था और न्यायालय ने भी पंकज मिश्रा के खिलाफ कोई संज्ञान नहीं लिया था, जबकि ईडी के द्वारा पंकज मिश्रा पर दायर मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ईडी के सहायक निदेशक ने ईडी कोर्ट में या जानकारी छिपाई है, जबकि पंकज मिश्रा 85/20 के कांड संख्या में अभियुक्त नहीं हैं. इसी को आधार बनाकर पंकज मिश्रा ने ईडी के सहायक निदेशक देवदत्त झा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा के अधिवक्ता राजेश कुमार ने बताया कि यह देश का संभवता पहला मामला होगा, जब तथ्यों को छिपाने को लेकर ईडी के सहायक निदेशक के खिलाफ मुकदमा ईडी की कोर्ट में दर्ज कराया गया है. गौरतलब है कि ईडी ने पंकज मिश्रा के खिलाफ साहिबगंज के बरहरवा थाने में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर ही मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की है.
फिलहाल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा 19 जुलाई से जेल में बंद हैं. उनके खिलाफ ईडी चार्जशीट दाखिल कर चुकी है, जिसमें एक हजार करोड़ से अधिक की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप पाया गया है. साथ ही ईडी ने प्रॉपर्टी भी अटैच की है. पंकज मिश्रा के अधिवक्ता द्वारा दायर ईडी कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि ईडी के सहायक निदेशक देवदत्त ने उनके खिलाफ दाखिल चार्जशीट करते समय कोर्ट से मूल मामले को छिपाया है. उन्हें जिस मामले में आरोपी बताते हुए जांच शुरू की गई, वह उस मामले में आरोपी हैं ही नहीं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-ED की बड़ी कार्यवाही: झारखंड की निलंबित IAS पूजा सिंघल की 82.77 करोड़ की संपत्ति कुर्क
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