आज का दिनः सोमवार, 5 दिसम्बर 2022, व्रत-पूजन में तिथिअंश भी मिल जाए तो सार्थक है!

आज का दिनः सोमवार, 5 दिसम्बर 2022, व्रत-पूजन में तिथिअंश भी मिल जाए तो सार्थक है!

प्रेषित समय :21:56:22 PM / Sun, Dec 4th, 2022

-प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी

तिथि को लेकर अक्सर लोग परेशान हो जाते हैं क्योंकि एक तो तिथि शुरू होने और समाप्त होने का कोई निश्चित समय नहीं होता है तो दूसरा तिथियों में कमी-बढ़ोतरी होती रहती हैं.कौनसी तिथि मानी जाए, खासकर व्रत-त्योहार को लेकर, इस पर मतैक्य नहीं रहता है! देश में कम-से-कम दो अलग तरह के पंचांग प्रचलन में हैं जिनमें महीने के सापेक्ष एक पक्ष तो कॉमन रहता है लेकिन दूसरे पक्ष का महीना अलग अलग रहता है. एक पंचांग का महीना अमावस समाप्त होने के बाद शुरू होता है तो दूसरे पंचांग का वही महीना पूर्णिमा समाप्त होने के बाद शुरू होता है. तिथियों में, कोई सूर्योदय के समय जो तिथि प्रभावी हो उसे मानता है तो कोई दिनभर में जो तिथि प्रभावी हो उसे मानता है. कौन सी तिथि पर व्रत पूजा की जाए? इसे लेकर विवेक से कार्य करना बेहतर है! प्रदोष जैसे व्रत में, जहां रात्रि के समय का महत्व है, के लिए प्रदोषकाल की प्रभावी तिथि को महत्व दिया जाना चाहिए तो दिन में की जानेवाली पूजा के लिए दिन में प्रभावी तिथि को महत्व देना चाहिए. तिथियों की समय की गणित के चलते कई बार एकादशी व्रत दो दिन तक चलता है. तिथि का मूल उद्देश्य उस व्रत-पूजा काल की गणना के सापेक्ष कार्य करना है इसलिए तिथि को लेकर ज्यादा भ्रम नहीं पालें, सच्चे मन से किए गए व्रत-पूजन में तिथिअंश भी मिल जाए तो व्रत-पूजा सार्थक है! वैसे तिथि निर्धारण में स्थानीय धर्मगुरु और कुल परंपराओं के अनुरूप निर्णय लेना उत्तम रहता है!
सोम प्रदोष व्रत से सर्व मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं!  
* भोलेनाथ की कृपा प्राप्त करने के लिए प्रत्येक महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी पर प्रदोष व्रत  किया जाता है. 
* देवों के देव महादेव जब प्रसन्न होते हैं तो समस्त दोष समाप्त कर परम प्रसन्नता, श्रेष्ठतम सुख प्रदान करते हैं! 
* प्रदोष के दिन प्रातःकाल पवित्र स्नान करके भगवान भोलेनाथ की बेलपत्र, गंगाजल, अक्षत, धूप, दीप से पूजा करें. 
* दिनभर निराहार रहकर सायंकाल पवित्र स्नान करने के बाद श्वेत कपड़ों में शांत मन से भगवान शिव का पूजन किया जाता है. 
* प्रदोष व्रत को करने से हर प्रकार के दोष मिट जाते  हैं.
* इस व्रत के प्रमुख देवता शिव हैं लेकिन उनके साथ-साथ शिव परिवार की आराधना विषेष फलदायी मानी जाती  है. 

* सोमवार के दिन प्रदोष व्रत करने से सर्व मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.

-- सोमवार का चौघडिय़ा -

दिन का चौघडिय़ा               रात्रि का चौघडिय़ा
पहला- अमृत                          पहला- चर
दूसरा- काल                         दूसरा- रोग
तीसरा- शुभ                       तीसरा- काल
चौथा- रोग                           चौथा- लाभ
पांचवां- उद्वेग                          पांचवां- उद्वेग
छठा- चर                            छठा- शुभ
सातवां- लाभ                        सातवां- अमृत
आठवां- अमृत                         आठवां- चर

* चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है. 
* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय पंरपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है!   

 पंचांग

सोमवार, 5 दिसंबर 2022
कन्नड़ हनुमान जयन्ती
प्रदोष व्रत
शक सम्वत1944   शुभकृत
विक्रम सम्वत2079
काली सम्वत5123
प्रविष्टे / गत्ते20
मास मार्गशीर्ष
दिन काल10:24:53
तिथि त्रयोदशी - 30:49:56 तक
नक्षत्र अश्विनी - 07:15:21 तक
करण कौलव - 18:21:53 तक, तैतिल - 30:49:56 तक
पक्ष शुक्ल
योग परिघ - 27:06:03 तक
सूर्योदय 06:59:01
सूर्यास्त17:23:54
चन्द्र राशि मेष
चन्द्रोदय 15:28:00
चन्द्रास्त 29:07:59
ऋतु हेमंत
अभिजित मुहूर्त 11:39 ए एम से 12:22 पी एम
अग्निवास पृथ्वी
दिशा शूल पूर्व
चन्द्र वास पूर्व
राहु वास उत्तर-पश्चिम

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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