प्रदीप द्विवेदी. जहां एक ओर एग्जिट पोल ने गुजरात में बीजेपी के लिए अच्छे बहुमत के साथ उम्मीदें जगाई थी, वहीं ज्योतिषियों ने यह कह कर कि- 8 दिसंबर को किसी भी राजनीतिक दल को बहुमत नहीं मिलेगा, ज्योतिषीय रूप से एग्जिट पोल गलत साबित होंगे, बीजेपी नेताओं की नींद उड़ा दी है.
गुजराती के प्रमुख अखबार गुजरात समाचार की रिपोर्ट कहती है कि- एग्जिट पोल के नतीजे ज्योतिषियों के अनुसार नहीं आ रहे हैं, यह जानने के बाद बीजेपी नेताओं की नींद उड़ गई है, उन्होंने अब अन्य शीर्ष ज्योतिषियों के साथ चर्चा शुरू कर दी है कि परिणाम क्या हो सकते हैं.
रिपोर्ट कहती है कि- दूसरे चरण के चुनाव के बाद, देर शाम घोषित विभिन्न एग्जिट पोल ने निष्कर्ष निकाला है कि भाजपा गुजरात में लगातार 7वीं बार सरकार बनाएगी, जबकि कांग्रेस और आप कहीं टक्कर में नहीं है. इस बीच ज्योतिषी भी मैदान में उतरे हैं और मतदान के दिनों के राशिफल को देखते हुए, उन्होंने भविष्यवाणी की है कि- 8 तारीख को घोषित होने वाले परिणामों में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलेगा, लिहाजा त्रिशंकु विधानसभा की आशंका है.
रिपोर्ट के अनुसार राशिफल देखकर कहा गया है कि किसी भी राजनीतिक दल के लिए अपेक्षित परिणाम नहीं आएंगे, हंग असेंबली की पूरी आशंका है, क्योंकि मंगल लग्न में वक्री है, छठे भाव का स्वामी सप्तम है और शनि की बृहस्पति पर दृष्टि महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है, जबकि राहु की भी महत्वपूर्ण भूमिका है. बृहस्पति पर शनि की दृष्टि परिणाम को रोचक बनाएगी.
देखना दिलचस्प होगा कि 8 दिसंबर 2022 को, एग्जिट पोल परफेक्ट निकलते हैं या सितारों का समीकरण सही साबित होता है?
ज्योतिष कोई चमत्कार नहीं, लेकिन.... चमत्कार से कम भी नहीं है!
आयुर्वेद की तरह ज्योतिष शास्त्र भी प्राचीन भारतीय ज्ञान है, जिसे महान ऋषियों ने अपनी दिव्य शक्तियों से अर्जित किया है.
ज्योतिष शास्त्र और चिकित्सा शास्त्र, दोनों एक जैसे हैं, लेकिन दोनों को देखने का नजरिया अलग-अलग रहा है और यही कारण है कि लोग चिकित्सा को विज्ञान और ज्योतिष को अज्ञान मानते हैं.
जब गलत इलाज से किसी की मौत होेती हैे, तो यह कहा जाता है कि चिकित्सक की गलती है, डाॅक्टर अनाड़ी है, यह नहीं कहा जाता कि चिकित्सा शास्त्र गलत है, लेकिन जब किसी ज्योतिष की भविष्यवाणी गलत होेती है, तो कहा जाता है कि ज्योतिष शास्त्र बकवास है, क्यों?
गुजराती में एक कहावत है जिसका भावार्थ है... जब तक मूर्ख लोग धरती पर मौजूद हैं, तब तक ठग भूखे नहीं मर सकते हैं.
प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य दिवंगत पंडित लक्ष्मीनारायण वासुदेव द्विवेदी, तलवाड़ा कहते थे- ज्यादातर लोग ज्योतिष और धर्मगुरु के पास चमत्कार की उम्मीद से जाते हैं. जो सच्चे ज्योतिष-धर्मगुरु होते हैं, वे तो सही राह दिखा देते हैं, पर अक्सर ऐसे लोग ठगे जाते हैं. सच्चाई तो यही है कि ज्योतिष कोई चमत्कार नहीं है, यह तो ग्रह-नक्षत्र के आधार पर भूत, भविष्य और वर्तमान जानने का प्राचीन भारतीय ज्ञान है.
इसलिए झूठी पड़ती हैं भविष्यवाणियां!
कई बार भविष्यवाणियां झूठी साबित होती हैं, इससे भविष्यवाणी करने वाले ज्योतिष का तो अपमान होता ही है, ज्योतिष शास्त्र पर भी प्रश्न-चिन्ह लग जाता है?
ऐसा क्यों होता है? इसके कई कारण हैं....
भविष्यवाणी करने वाले ज्योतिष में ज्ञान का अभाव या गणना में गलती या स्वयं ज्योतिष के भाग्य में दोष.
कई बार ऐसी भविष्यवाणियां की जाती है, जो नहीं की जानी चाहिए, जैसे- कौन बनेगा प्रधानमंत्री? पर भविष्यवाणी करना बेकार हैै, क्योंकि, जो भविष्यवाणी की जाएगी वह वर्तमान परिस्थिति देख कर होगी, वर्तमान नेताओें की कुंडलियों केे आधार पर होगी, जबकि करोड़ों लोगों में कोई ऐसा व्यक्ति भी हो सकता है, जिसकी कुंडली वर्तमान सारे बड़े नेताओं से ज्यादा मजबूत हो, ज्यादा प्रभावी हो, परंतु ऐसे व्यक्ति का पता लगाना आसान नहीं है.
दशा राज कराती है, इसलिए दशा बदलते ही अक्सर सारी सियासी तस्वीर बदल जाती है और भविष्यवाणी झूठी पड़ जाती है.
कई बार व्यक्ति पक्षपातपूर्ण भविष्यवाणी करता है, ऐसी भविष्यवाणी सच कैसे हो सकती है?
किसी पार्टी विशेष से प्रेम, राजनीतिक माहौल, सर्वे के नतीजे आदि से प्रभावित भविष्यवाणियां भी गलत साबित होती हैं!
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-गुजरात विधानसभा चुनाव! हार-जीत से भी ज्यादा महत्वपूर्ण है कि बीजेपी को कितने वोट मिलते हैं?
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