भोपाल. मध्य प्रदेश विधानसभा का 19 दिसंबर से शीतकालीन सत्र शुरू होगा. इस बार भी सत्र सिर्फ 5 दिन का रखा गया है. सत्र की अधिसूचना जारी होते ही कांग्रेस ने कहा है कि वो सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी. अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव के जरिए सरकार को कटघरे में खड़ा करेगी. कमलनाथ ने इसकी जिम्मेदारी नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह और पूर्व विधायक पारस सकलेचा को सौंपी है.
कांग्रेस विधानसभा के शीतकालीन सत्र में राज्य सरकार की विफलताओं के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी. कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री सुखदेव पांसे ने कहा सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर विधानसभा वार जानकारी जुटाई जा रही है. नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह को अविश्वास प्रस्ताव तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है. मुख्य बिंदुओं पर ही सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा.
मध्य प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र भी सिर्फ 5 दिन का होगा. विपक्ष इतने कम दिन का सत्र बुलाने का पहले भी विरोध करता रहा है. अब छोटे सत्र में अविश्वास प्रस्ताव के जरिए विपक्ष अपनी मजबूती को दिखाने की कोशिश में है. शीतकालीन सत्र में विपक्ष के सामने कांग्रेस विधायकों की एकजुटता सबसे बड़ी चुनौती है. ऐसे में विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव के जरिए सरकार की घेराबंदी करने में कितनी सफल हो पाती है इस पर सबकी नजर होंगी. लेकिन बेरोजगारी महंगाई किसानों के मुद्दे से लेकर कई मोचेज़् पर सरकार को घेरने के लिए विपक्ष ने कवायद तेज कर दी है.
वहीं शीतकालीन सत्र में अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी पर बीजेपी ने भी अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं. बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कांग्रेस पार्टी में विधायकों का अपने ही पार्टी पर विश्वास नहीं बचा है. ऐसे में राज्य सरकार के खिलाफ अविश्वास कहीं नहीं टिकेगा. प्रदेश सरकार विधानसभा में विपक्ष के हर मुद्दे का जवाब देने के लिए तैयार है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-एमपी में सर्द हवाओं ने पकड़ा जोर, भोपाल में पारा 10.5 पर, छतरपुर, बैतूल, जबलपुर में चली शीतलहर
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